News Raipur :: सीएम बघेल ने कहा - धर्म कभी घृणा की बात नहीं कर सकता:

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छत्तीसगढ़ से विवेकानंद जी का गहरा लगाव रहा है।कलकत्ता के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने रायपुर में सबसे ज्यादा समय बिताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानंद जी के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में एक अशासकीय संकल्प लाया था। विवेकानंद जी युवाओं से कहा करते थे कि अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे चरित्र का निर्माण हो, साथ ही एक लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ने की बात वह करते थे।स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करें आप एक ही ईश्वर तक पहुंचेंगे। आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुंचेंगे एक ही जगह पर। उन्होंने समानता की बात कही जोड़ने की बात कही, यही हिंदुस्तान की ताकत है। सब को जोड़ने की बात यदि किसी संत ने कही है तो वह रामकृष्ण परमहंस ने कहीं और उस बात को चरितार्थ करने का काम यदि किसी ने किया तो विवेकानंद ने की।


स्वामी विवेकानंद ने कहा कि पश्चिम के विज्ञान तो हमें स्वीकार करना होगा और भारत के आध्यात्म को पश्चिम को स्वीकार करना होगा। आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे हैं और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए हैं। हम हिंदू हैं हमें इस बात पर गर्व है लेकिन कोई बात का यह मतलब नहीं हम किसी और धर्म का अपमान करें। साधु संत के दो काम जगत कल्याण और आत्म उन्नति यदि आपके मन में घृणा है तो आप साधु नहीं।



छत्तीसगढ़ से विवेकानंद जी का गहरा लगाव रहा है।कलकत्ता के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने रायपुर में सबसे ज्यादा समय बिताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानंद जी के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में एक अशासकीय संकल्प लाया था। विवेकानंद जी युवाओं से कहा करते थे कि अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे चरित्र का निर्माण हो, साथ ही एक लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ने की बात वह करते थे।स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करें आप एक ही ईश्वर तक पहुंचेंगे। आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुंचेंगे एक ही जगह पर। उन्होंने समानता की बात कही जोड़ने की बात कही, यही हिंदुस्तान की ताकत है। सब को जोड़ने की बात यदि किसी संत ने कही है तो वह रामकृष्ण परमहंस ने कहीं और उस बात को चरितार्थ करने का काम यदि किसी ने किया तो विवेकानंद ने की।


स्वामी विवेकानंद ने कहा कि पश्चिम के विज्ञान तो हमें स्वीकार करना होगा और भारत के आध्यात्म को पश्चिम को स्वीकार करना होगा। आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे हैं और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए हैं। हम हिंदू हैं हमें इस बात पर गर्व है लेकिन कोई बात का यह मतलब नहीं हम किसी और धर्म का अपमान करें। साधु संत के दो काम जगत कल्याण और आत्म उन्नति यदि आपके मन में घृणा है तो आप साधु नहीं।



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