00 मंत्री ने वक्तव्य में स्वीकारा शुल्क में वृद्धि हुई है।
रायपुर/ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम
से छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय मे फीसों में 25 गुना
तक की गई वृद्धि को छात्रों के साथ अन्याय बताते हुए मामला विधानसभा मं
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया।
अग्रवाल ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि कोरोना काल के भीषण
परिस्थिति के बीच जब विश्वविद्यालय बंद पड़े है, ऐसी स्थिति में भी छत्तीसगढ़
स्वामी तकनीकी विश्वविद्यालय ने छात्रो के नामांकन शुल्क की राशि में 25
गुना की वृद्धि कर दी है। नामांकन शुल्क 100 रूपये से बढ़ाकर सीधे 2500
रूपये कर दी गई है। वही सरकार व विभाग पैसा खर्च कर विकास करने के बजाय
छात्रा से यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट के नाम पर 500 रूपये की राशि ली जा रही
है। सेन्ट्रल लायब्रेरी ई लायब्रेरी/ई लर्निंग के नाम पर भी विद्याार्थियों
से 2000/- रूपये लिया जा रहा है। यह सब वृद्धि व फीस इसी आकदमिक सत्र से
लागू भी कर दी गई है। कोरोनाकाल की स्थ्तिि में विश्वविद्यालय द्वारा शुल्क
में की गई 25 गुना अचानक वृद्धि से छात्रो के मन में, पालको के मन में
शासन एवं प्रशासन के प्रति गहरा रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
मंत्री उमेश पटेल ने अपने लिखित वक्तव्य में स्वीकार किया कि
विश्वविद्यालय द्वारा 2013 से नामांकन शुल्क में कोई वृद्धि नही की गई थी।
ई-लाइब्रेरी की स्थापना के उपरान्त विद्यार्थियों को पढ़ाइ्र के लिए आवश्यक
किताबें उनके मोबाइल पर आॅनलाईन उपलब्ध कराई जावेंगी। इससे ऐसे विद्यार्थी
लाभान्वित होंगे जिनके पास उनकी अपनी किताबें नही है। वर्तमान में
विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से विश्वविद्यालय विकास शुल्क एवं सेन्ट्रल
लाईब्रेरी/ई-लाइब्रेरी फीस नही लीं जाती है।
विश्वविद्यालयों की तुलना में स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय
द्वारा अधिरोपित देश के अन्य विश्वविद्यालयों में अन्य फीसें ज्यादा ली
जाती है, नामांकन शुक्ल अल्प ही है। उपरोक्त कारणों को दृष्टिगत रखते हुए
एवं राष्ट्र के अन्य तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा लिए जा रहे नामांकन
शुल्क, विश्वविद्यालय विकास शुल्क तथा सेंट्रल लाईबे्ररी/ई-लाईब्रेरी शुल्क
के परिपेक्ष्य में विश्वविद्यालय वित्त समिति की अनुशंसा पश्चात्
विश्वविद्यालय कार्य परिषद मंे संबंधित अध्यादेव में संशोधन पारित किया
गया। तत्पश्चात अध्यादेश में संशोधन का माननीय राज्यपाल के अनुमोदन होने के
उपरान्त नामांकन शुल्क रूपये 2500, विश्वविद्यालय विकास शुल्क रूपये 500
प्रतिवर्ष तथा सेंट्रल लाईब्रेरी/ई-लाईब्रेरी शुल्क एक बार रूपये 2000
निर्धारित किया गया है।
00 मंत्री ने वक्तव्य में स्वीकारा शुल्क में वृद्धि हुई है।
रायपुर/ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम
से छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय मे फीसों में 25 गुना
तक की गई वृद्धि को छात्रों के साथ अन्याय बताते हुए मामला विधानसभा मं
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया।
अग्रवाल ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि कोरोना काल के भीषण
परिस्थिति के बीच जब विश्वविद्यालय बंद पड़े है, ऐसी स्थिति में भी छत्तीसगढ़
स्वामी तकनीकी विश्वविद्यालय ने छात्रो के नामांकन शुल्क की राशि में 25
गुना की वृद्धि कर दी है। नामांकन शुल्क 100 रूपये से बढ़ाकर सीधे 2500
रूपये कर दी गई है। वही सरकार व विभाग पैसा खर्च कर विकास करने के बजाय
छात्रा से यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट के नाम पर 500 रूपये की राशि ली जा रही
है। सेन्ट्रल लायब्रेरी ई लायब्रेरी/ई लर्निंग के नाम पर भी विद्याार्थियों
से 2000/- रूपये लिया जा रहा है। यह सब वृद्धि व फीस इसी आकदमिक सत्र से
लागू भी कर दी गई है। कोरोनाकाल की स्थ्तिि में विश्वविद्यालय द्वारा शुल्क
में की गई 25 गुना अचानक वृद्धि से छात्रो के मन में, पालको के मन में
शासन एवं प्रशासन के प्रति गहरा रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
मंत्री उमेश पटेल ने अपने लिखित वक्तव्य में स्वीकार किया कि
विश्वविद्यालय द्वारा 2013 से नामांकन शुल्क में कोई वृद्धि नही की गई थी।
ई-लाइब्रेरी की स्थापना के उपरान्त विद्यार्थियों को पढ़ाइ्र के लिए आवश्यक
किताबें उनके मोबाइल पर आॅनलाईन उपलब्ध कराई जावेंगी। इससे ऐसे विद्यार्थी
लाभान्वित होंगे जिनके पास उनकी अपनी किताबें नही है। वर्तमान में
विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से विश्वविद्यालय विकास शुल्क एवं सेन्ट्रल
लाईब्रेरी/ई-लाइब्रेरी फीस नही लीं जाती है।
विश्वविद्यालयों की तुलना में स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय
द्वारा अधिरोपित देश के अन्य विश्वविद्यालयों में अन्य फीसें ज्यादा ली
जाती है, नामांकन शुक्ल अल्प ही है। उपरोक्त कारणों को दृष्टिगत रखते हुए
एवं राष्ट्र के अन्य तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा लिए जा रहे नामांकन
शुल्क, विश्वविद्यालय विकास शुल्क तथा सेंट्रल लाईबे्ररी/ई-लाईब्रेरी शुल्क
के परिपेक्ष्य में विश्वविद्यालय वित्त समिति की अनुशंसा पश्चात्
विश्वविद्यालय कार्य परिषद मंे संबंधित अध्यादेव में संशोधन पारित किया
गया। तत्पश्चात अध्यादेश में संशोधन का माननीय राज्यपाल के अनुमोदन होने के
उपरान्त नामांकन शुल्क रूपये 2500, विश्वविद्यालय विकास शुल्क रूपये 500
प्रतिवर्ष तथा सेंट्रल लाईब्रेरी/ई-लाईब्रेरी शुल्क एक बार रूपये 2000
निर्धारित किया गया है।