दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है। पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला 32 साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है। उसमें 15 दिन से बुखार और मनकीपॉक्स के लक्षण थे। दो दिन पहले ही उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इससे पहले देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं।इससे पहले शुक्रवार को मंकीपॉक्स के तीसरे मरीज की पुष्टि हुई थी। 35 साल का शख्स इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात से केरल आया था। इसपर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि मलप्पुरम का मूल निवासी छह जुलाई को केरल आया था। उसका मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। मंत्री ने यह भी बताया था कि जो लोग मरीज के कॉन्टैक्ट में आए थे उनपर कड़ी नजर रखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस बहुत तेजी से म्यूटेट (रूप बदलना) होता है लेकिन इस संक्रमण का इलाज हो सकता है। इलाज लक्षणों के साथ बदलता रहता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की शुरुआत बुखार, सिरदर्द और फ्लू से होती है। जैसे ही संक्रमण तेज हो जाता है, शरीर पर लाल घाव दिखाई देने लगते हैं जिनमें चिकनपॉक्स जैसी खुजली होने लगती है। वायरस के इनक्यूबेशन की अवधि पांच से 21 दिनों तक होती है। (साभार -livehindustan)
दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है। पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला 32 साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है। उसमें 15 दिन से बुखार और मनकीपॉक्स के लक्षण थे। दो दिन पहले ही उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इससे पहले देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं।इससे पहले शुक्रवार को मंकीपॉक्स के तीसरे मरीज की पुष्टि हुई थी। 35 साल का शख्स इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात से केरल आया था। इसपर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि मलप्पुरम का मूल निवासी छह जुलाई को केरल आया था। उसका मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। मंत्री ने यह भी बताया था कि जो लोग मरीज के कॉन्टैक्ट में आए थे उनपर कड़ी नजर रखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस बहुत तेजी से म्यूटेट (रूप बदलना) होता है लेकिन इस संक्रमण का इलाज हो सकता है। इलाज लक्षणों के साथ बदलता रहता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की शुरुआत बुखार, सिरदर्द और फ्लू से होती है। जैसे ही संक्रमण तेज हो जाता है, शरीर पर लाल घाव दिखाई देने लगते हैं जिनमें चिकनपॉक्स जैसी खुजली होने लगती है। वायरस के इनक्यूबेशन की अवधि पांच से 21 दिनों तक होती है। (साभार -livehindustan)