भारतीय
रिजर्व बैंक ने 1 जनवरी, 2021 से पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम शुरू करने का ऐलान
किया है. क्या है ये नया सिस्टम? इससे आम जनता को क्या फर्क पड़ने वाला
है? एक जनवरी से चेक पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
सबसे
पहले तो यह जानते हैं कि आखिर यह पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम क्या है. इस नए
नियम के तहत 50,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर जरूरी डीटेल को फिर से
कन्फर्म करने की जरूरत होगी. चेक से पेमेंट करने का यह नया नियम 1 जनवरी
2021 से लागू हो जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी
इसी साल 6 अगस्त को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी MPC की मीटिंग में इसका ऐलान
किया था.
पॉजिटिव
पे सिस्टम एक प्रकार से फ्रॉड को पकड़ने वाला टूल है. इस सिस्टम के तहत
होगा यह है कोई भी जब 50 हजार रुपये से ऊपर की राशि का चेक जारी करेगा तो
उसे अपने बैंक को दोबारा पूरी डिटेल देनी होगी. चेक जारी करने वाले को SMS,
इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली चेक की
डेट, बेनिफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर, कुल अमाउंट और अन्य जरूरी जानकारी
बैंक को देनी होगी.
इसके
बाद चेक पेमेंट से पहले इन जानकारियों को क्रॉस-चेक किया जाएगा. अगर चेक
की सारी डिटेल दोबारा दी गई जानकारी से मैच हो जाएगी तो ही बैंक इस चेक का
पेमेंट करेगा. लेकिन अगर चेक की डिटेल मेच नहीं हुई तो बैंक पेमेंट रोक
देगा. यहां अगर 2 बैंक का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और
जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
इससे वैल्यू के हिसाब से देश के करीब 80 फीसदी चेक इसी सिस्टम से कवर हो
जाएंगे.
आरबीआई
ने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू
करने का फैसला किया है. आरबीआई द्वारा इस नियम को लाने के पीछे मकसद चेक का
गलत इस्तेमाल रोकना है. इस सिस्टम से चेक से पेमेंट जहां सुरक्षित होगा,
वहीं क्लियरेंस में भी कम समय लगेगा. गौरतलब है कि हाल के वर्षों में
बैंकों में बड़े राशि वाले चेक के द्वारा काफी घपले होते देखे गये. माना जा
रहा है कि इस सिस्टम से फर्जी चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को कम किया जा
सकेगा.
नेशनल
पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव
पे सुविधा विकसित करेगा और इसे बैंकों को उपलब्ध कराएगा. यह सिस्टम 50
हजार या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए होने वाले पेमेंट पर लागू होगा.
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) चेक को क्लीयर करने की एक प्रक्रिया है. इसमें
जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है,
बल्कि इलेक्ट्रॉनिकली उनकी जांच हो जाती है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक के
कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है.
RBI
ने सभी बैकों को निर्देश दिए थे कि 1 जनवरी 2021 से लागू होने वाले चेक
पेमेंट के नए नियमों की सारी जानकारी ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचा दी
जाए. इस निर्देश के मुताबिक ही सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने कस्टमर्स
को SMS अलर्ट, ब्रांच में डिस्प्ले, एटीएम, वेबसाइट और ऑनलाइन बैंकिंग के
जरिए पॉजिटिव पे सिस्टम के फीचर की जानकारी दे रहे हैं.
भारतीय
रिजर्व बैंक ने 1 जनवरी, 2021 से पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम शुरू करने का ऐलान
किया है. क्या है ये नया सिस्टम? इससे आम जनता को क्या फर्क पड़ने वाला
है? एक जनवरी से चेक पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
सबसे
पहले तो यह जानते हैं कि आखिर यह पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम क्या है. इस नए
नियम के तहत 50,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर जरूरी डीटेल को फिर से
कन्फर्म करने की जरूरत होगी. चेक से पेमेंट करने का यह नया नियम 1 जनवरी
2021 से लागू हो जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी
इसी साल 6 अगस्त को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी MPC की मीटिंग में इसका ऐलान
किया था.
पॉजिटिव
पे सिस्टम एक प्रकार से फ्रॉड को पकड़ने वाला टूल है. इस सिस्टम के तहत
होगा यह है कोई भी जब 50 हजार रुपये से ऊपर की राशि का चेक जारी करेगा तो
उसे अपने बैंक को दोबारा पूरी डिटेल देनी होगी. चेक जारी करने वाले को SMS,
इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली चेक की
डेट, बेनिफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर, कुल अमाउंट और अन्य जरूरी जानकारी
बैंक को देनी होगी.
इसके
बाद चेक पेमेंट से पहले इन जानकारियों को क्रॉस-चेक किया जाएगा. अगर चेक
की सारी डिटेल दोबारा दी गई जानकारी से मैच हो जाएगी तो ही बैंक इस चेक का
पेमेंट करेगा. लेकिन अगर चेक की डिटेल मेच नहीं हुई तो बैंक पेमेंट रोक
देगा. यहां अगर 2 बैंक का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और
जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.
इससे वैल्यू के हिसाब से देश के करीब 80 फीसदी चेक इसी सिस्टम से कवर हो
जाएंगे.
आरबीआई
ने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू
करने का फैसला किया है. आरबीआई द्वारा इस नियम को लाने के पीछे मकसद चेक का
गलत इस्तेमाल रोकना है. इस सिस्टम से चेक से पेमेंट जहां सुरक्षित होगा,
वहीं क्लियरेंस में भी कम समय लगेगा. गौरतलब है कि हाल के वर्षों में
बैंकों में बड़े राशि वाले चेक के द्वारा काफी घपले होते देखे गये. माना जा
रहा है कि इस सिस्टम से फर्जी चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को कम किया जा
सकेगा.
नेशनल
पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव
पे सुविधा विकसित करेगा और इसे बैंकों को उपलब्ध कराएगा. यह सिस्टम 50
हजार या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए होने वाले पेमेंट पर लागू होगा.
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) चेक को क्लीयर करने की एक प्रक्रिया है. इसमें
जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है,
बल्कि इलेक्ट्रॉनिकली उनकी जांच हो जाती है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक के
कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है.
RBI
ने सभी बैकों को निर्देश दिए थे कि 1 जनवरी 2021 से लागू होने वाले चेक
पेमेंट के नए नियमों की सारी जानकारी ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचा दी
जाए. इस निर्देश के मुताबिक ही सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने कस्टमर्स
को SMS अलर्ट, ब्रांच में डिस्प्ले, एटीएम, वेबसाइट और ऑनलाइन बैंकिंग के
जरिए पॉजिटिव पे सिस्टम के फीचर की जानकारी दे रहे हैं.