बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार में मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर चर्चा जारी है। आजतक ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नीतीश कुमार आरजेडी के लिए गृह मंत्रालय छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। जब भी वे मुख्यमंत्री रहे हैं, गृह मंत्रालय अपने पास ही रखते हैं। नई सरकार के मंत्रिपरिषद के फॉर्मूले के मुताबिक जो विभाग पहले बीजेपी के पास थे, उन्हें आरजेडी, कांग्रेस और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) में बांटा जाएगा। वहीं, जो विभाग पहले से जेडीयू के पास थे वो नई सरकार में भी उसके पास ही रहेंगे। अगर ऐसा हुआ तो गृह, वित्त, शिक्षा जैसे अहम विभाग नीतीश कुमार की जेडीयू के पास ही रहने वाले हैं।
आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बडी पार्टी है। विधायकों की संख्या के हिसाब से आरजेडी कोटे से सबसे ज्यादा मंत्री बनाए जाएंगे। तेजस्वी यादव मंत्रियों के नामों पर मंथन कर रहे हैं। कुछ नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है। वहीं, पिछले दिनों असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को छोड़कर आरजेडी में आए चार में से किसी एक विधायक को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के भी कैबिनेट मंत्री बनने की संभावना है। इसके साथ स्पीकर का पद भी आरजेडी कोटे में ही जाने की उम्मीद है।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार में मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर चर्चा जारी है। आजतक ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नीतीश कुमार आरजेडी के लिए गृह मंत्रालय छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। जब भी वे मुख्यमंत्री रहे हैं, गृह मंत्रालय अपने पास ही रखते हैं। नई सरकार के मंत्रिपरिषद के फॉर्मूले के मुताबिक जो विभाग पहले बीजेपी के पास थे, उन्हें आरजेडी, कांग्रेस और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) में बांटा जाएगा। वहीं, जो विभाग पहले से जेडीयू के पास थे वो नई सरकार में भी उसके पास ही रहेंगे। अगर ऐसा हुआ तो गृह, वित्त, शिक्षा जैसे अहम विभाग नीतीश कुमार की जेडीयू के पास ही रहने वाले हैं।
आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बडी पार्टी है। विधायकों की संख्या के हिसाब से आरजेडी कोटे से सबसे ज्यादा मंत्री बनाए जाएंगे। तेजस्वी यादव मंत्रियों के नामों पर मंथन कर रहे हैं। कुछ नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है। वहीं, पिछले दिनों असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को छोड़कर आरजेडी में आए चार में से किसी एक विधायक को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के भी कैबिनेट मंत्री बनने की संभावना है। इसके साथ स्पीकर का पद भी आरजेडी कोटे में ही जाने की उम्मीद है।