रायपुर | छत्तीसगढ़ के संवेदनशील एवं कर्मचारी हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेलजी के मंशा के अनुरूप स्वतंत्रता दिवस के 75वीं वर्षगांठ पर आजादी के अमृत महोत्सव के सुअवसर पर पॉवर कंपनी प्रबंधन ने चिकित्सा सुविधा को सरल एवं सुगम बनाने के लिए प्रचलित नियमों में आवश्यक बदलाव कर बड़ा रिफॉर्म किया हैl इससे दूरस्थ अंचलों में पदस्थ कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का पूरा लाभ आसानी से मिल पाएगाl
परिपत्र के कुछ मुख्य प्रावधान निम्नानुसार है:- 1. पहले विद्युत कर्मी को ईलाज हेतु पावर कंपनी के डॉक्टरों से रेफरल करवाकर उसी डॉक्टर/अस्पताल/जांच सेंटर से ईलाज/जांच करवाना आवश्यक होता था अन्यथा की स्थिति में उसे बिना रेफरल के ईलाज मानते हुए चिकित्सा में हुए खर्च की प्रतिपूर्ति में 50%/75% की कटौती की जाती थी। अब नए नियमानुसार विद्युतकर्मी रेफरल या अनुमति प्राप्त कर अपना ईलाज/जांच किसी भी अस्पताल/जांच सेंटर से करवा सकेगें। तथा खर्च की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस दरों पर की जावेगी।
2. पहले रेफरल केवल 7 दिनों तक के लिए वैध रहता था केवल तथा रेफरल किये गये डॉक्टर/अस्पताल से ईलाज करवाने की बाध्यता होती थी अब नये नियमानुसार रेफरल जारी करने के दिनांक से तीस (30) दिनों के लिए वैध होगा। और तीस दिनों के अंदर उसी रेफरल से उसी बीमारी के लिए अधिकतम तीन बार, अलग-अलग डॉक्टरों से या उसी डॉक्टर से ईलाज/सलाह ली जा सकती है।
3. पहले केन्द्र/राज्य सरकार के अस्पतालों जैसे एम्स आदि के लिए भी कुछ परिस्थितियों में रेफरल की आवश्यकता पड़ती थी l अब पूरे भारत में कहीं भी स्थित केन्द्र व राज्य के शासकीय चिकित्सालयों में इलाज हेतु किसी रेफरल की आवश्यकता नही होगी।
4. पहले उन स्थानों पर जहां पॉवर कंपनी के अस्पताल/डिस्पेंसरी नहीं है कार्यपालन अभियंता या उनसे उच्चस्तर के अधिकारी से ओपीडी में इलाज हेतु अनुमति प्राप्त की जाती थी। अब सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी अनुमति जारी कर सकेंगे।
5. पहले इमरजेंसी के समय भर्ती होने पर 48 घंटे के भीतर रेफरल करवाना आवश्यक थाl अब यह समय सीमा बढ़ाकर 5 कार्यदिवस कर दी गई है।
6. पहले प्रिवेन्टिव हेल्थचेकअप हेतु रेफरल करवाना पड़ता था अब पावर कंपनियों के कर्मियों के उम्र के अनुसार वर्ष में एक बार प्रिवेन्टिव हेल्थचेकअप के लिए आवश्यक जांच निर्धारित किए गए है, जिसके लिए रेफरल करवाने की आवश्यकता नहीं होगी।
7. पहले प्राइवेट विशेषज्ञ चिकित्सक के सलाह पर अधिकतम 3 दिनों के लिए आवश्यक दवाइयां ही बाजार के मेडिकल स्टोर से खरीदने की अनुमति थी अब 10 दिनों के लिए आवश्यक दवाइयां बाजार से खरीदी जा सकेंगी।
8. पावर प्लांट के अलावा अन्य स्थानों पर स्थित पावर कंपनी के डिस्पेंसरी के सुबह की पाली की कार्यअवधि 9.00 से 1.00 बजे तक कर दी गयी है।
उपरोक्त रियायतों का दुरूपयोग करने वालों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही जैसे सेवा से बर्खास्तगी एवं कानूनी कार्यवाही किए जाने का प्रावधान किया गया है। उपरोक्त रियायतों की समीक्षा हर तीन माह में की जाएगी, अगर दुरूपयोग पाया जाता है तो रियायतें समाप्त किए जाने का प्रावधान भी किया गया है। अतः समस्त कर्मचारी/अधिकारी संगठनों से अपेक्षा है कि वे इन रियायतों को प्रचारित प्रसारित करेगें ताकि उन का लाभ दूरस्थ पदस्थ सभी विद्युत कर्मियों को मिल सकें, वहीं दूसरी ओर यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कोई भी विद्युत कर्मी या अन्य व्यक्ति इन रियायतों का दुरूपयोग न करें।
रायपुर | छत्तीसगढ़ के संवेदनशील एवं कर्मचारी हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेलजी के मंशा के अनुरूप स्वतंत्रता दिवस के 75वीं वर्षगांठ पर आजादी के अमृत महोत्सव के सुअवसर पर पॉवर कंपनी प्रबंधन ने चिकित्सा सुविधा को सरल एवं सुगम बनाने के लिए प्रचलित नियमों में आवश्यक बदलाव कर बड़ा रिफॉर्म किया हैl इससे दूरस्थ अंचलों में पदस्थ कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का पूरा लाभ आसानी से मिल पाएगाl
परिपत्र के कुछ मुख्य प्रावधान निम्नानुसार है:- 1. पहले विद्युत कर्मी को ईलाज हेतु पावर कंपनी के डॉक्टरों से रेफरल करवाकर उसी डॉक्टर/अस्पताल/जांच सेंटर से ईलाज/जांच करवाना आवश्यक होता था अन्यथा की स्थिति में उसे बिना रेफरल के ईलाज मानते हुए चिकित्सा में हुए खर्च की प्रतिपूर्ति में 50%/75% की कटौती की जाती थी। अब नए नियमानुसार विद्युतकर्मी रेफरल या अनुमति प्राप्त कर अपना ईलाज/जांच किसी भी अस्पताल/जांच सेंटर से करवा सकेगें। तथा खर्च की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस दरों पर की जावेगी।
2. पहले रेफरल केवल 7 दिनों तक के लिए वैध रहता था केवल तथा रेफरल किये गये डॉक्टर/अस्पताल से ईलाज करवाने की बाध्यता होती थी अब नये नियमानुसार रेफरल जारी करने के दिनांक से तीस (30) दिनों के लिए वैध होगा। और तीस दिनों के अंदर उसी रेफरल से उसी बीमारी के लिए अधिकतम तीन बार, अलग-अलग डॉक्टरों से या उसी डॉक्टर से ईलाज/सलाह ली जा सकती है।
3. पहले केन्द्र/राज्य सरकार के अस्पतालों जैसे एम्स आदि के लिए भी कुछ परिस्थितियों में रेफरल की आवश्यकता पड़ती थी l अब पूरे भारत में कहीं भी स्थित केन्द्र व राज्य के शासकीय चिकित्सालयों में इलाज हेतु किसी रेफरल की आवश्यकता नही होगी।
4. पहले उन स्थानों पर जहां पॉवर कंपनी के अस्पताल/डिस्पेंसरी नहीं है कार्यपालन अभियंता या उनसे उच्चस्तर के अधिकारी से ओपीडी में इलाज हेतु अनुमति प्राप्त की जाती थी। अब सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी अनुमति जारी कर सकेंगे।
5. पहले इमरजेंसी के समय भर्ती होने पर 48 घंटे के भीतर रेफरल करवाना आवश्यक थाl अब यह समय सीमा बढ़ाकर 5 कार्यदिवस कर दी गई है।
6. पहले प्रिवेन्टिव हेल्थचेकअप हेतु रेफरल करवाना पड़ता था अब पावर कंपनियों के कर्मियों के उम्र के अनुसार वर्ष में एक बार प्रिवेन्टिव हेल्थचेकअप के लिए आवश्यक जांच निर्धारित किए गए है, जिसके लिए रेफरल करवाने की आवश्यकता नहीं होगी।
7. पहले प्राइवेट विशेषज्ञ चिकित्सक के सलाह पर अधिकतम 3 दिनों के लिए आवश्यक दवाइयां ही बाजार के मेडिकल स्टोर से खरीदने की अनुमति थी अब 10 दिनों के लिए आवश्यक दवाइयां बाजार से खरीदी जा सकेंगी।
8. पावर प्लांट के अलावा अन्य स्थानों पर स्थित पावर कंपनी के डिस्पेंसरी के सुबह की पाली की कार्यअवधि 9.00 से 1.00 बजे तक कर दी गयी है।
उपरोक्त रियायतों का दुरूपयोग करने वालों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही जैसे सेवा से बर्खास्तगी एवं कानूनी कार्यवाही किए जाने का प्रावधान किया गया है। उपरोक्त रियायतों की समीक्षा हर तीन माह में की जाएगी, अगर दुरूपयोग पाया जाता है तो रियायतें समाप्त किए जाने का प्रावधान भी किया गया है। अतः समस्त कर्मचारी/अधिकारी संगठनों से अपेक्षा है कि वे इन रियायतों को प्रचारित प्रसारित करेगें ताकि उन का लाभ दूरस्थ पदस्थ सभी विद्युत कर्मियों को मिल सकें, वहीं दूसरी ओर यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कोई भी विद्युत कर्मी या अन्य व्यक्ति इन रियायतों का दुरूपयोग न करें।