प्रति,
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर (छ.ग.)
विषयः- ई.डी. अधिकारियों द्वारा की गई अवैधानिक कार्यवाही के संबंध में उचित जांच करवाकर मुझे व मेरे परिवार के सदस्यो की जानमाल की सुरक्षा प्रदान करने बाब्त आवेदन पत्र
श्रीमती प्रीति विश्नोई, उम्र 40 वर्ष, पति श्री समीर विश्नोई, निवासी- आफिसर्स कालोनी, देवेन्द्र नगर, रायपुर छ.ग. की हूँ, जो कि निम्नलिखित शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत करती हूँ
मैं उपरोक्त पते पर रहती हूँ। मेरे पति समीर विश्नोई आई.ए.एस. आफिसर हैं, जो कि वर्तमान में रायपुर छ.ग. में पदस्थ हैं। 11 अटक्टूबर को लगभग सुबह 5.30 से 6.00 बजे के मध्य हमारे घर की डोर बेल बजी। जिस पर मैंने दरवाजा खोला तब मैंने पाया कि लगभग 15-20 लोग हमारे घर आये हुये थे तथा उन लोगों ने अचानक मेरी बिना अनुमति एवं सहमति के हमारे घर में प्रवेश कर लिया। तब मैंने उन लोगों से पूछा कि आप लोग कौन हैं, तब उन लोगों द्वारा मुझे कोई जवाब नहीं दिया गया तथा वे लोग हमारे घर के सामान को उलट-पुलट करने लगे, उसी समय मेरे पति भी वहाँ आ गये। तब मेरे पति ने उपरोक्त लोगों से पूछा कि आप लोग ये क्या कर रहे हैं, तब उपरोक्त लोगों में से एक व्यक्ति ने कहा कि, मेरा नाम ऋषि वर्मा है तथा हम लोग ई.डी. विभाग से आये हुये हैं।
तब मेरे पति और मैंने उपरोक्त व्यक्ति से आग्रह किया कि आप किस लिये हमारे यहाँ आये हैं, इस बात की हमें जानकारी दें। तब उपरोक्त व्यक्ति एवं उसके सहयोगियों द्वारा मेरे पति एवं मेरे साथ काफी बदतमिजी की गयी तथा उनके द्वारा मुझे एवं मेरे पति से हमारा मोबाईल फोन ले लिया गया। तब हम लोगों ने ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों से आग्रह किया कि आप हमें विधिवत तरीके से ई.सी.आई.आर. एवं शेड्यूल एफ.आई.आर. की कापी दें। जिस पर ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों ने कहा कि हम इसको देने के लिये बाध्य नहीं है। इसके बाद ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझसे एवं मेरे पति से हमारे घर में दबाव डालकर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिये गये।
इसके पश्चात अगले दिन 12 अक्टूबर को ऋषि वर्मा एवं उनके साथियों द्वारा मुझे और मेरे पति को अपने वाहन में ले जाया जाने लगा। इस पर मैंने ऋषि वर्मा एवं उनके सहयोगियों से आग्रह किया, कि हमारे घर में दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनकी देखरेख के लिये कोई नहीं है। इस पर भी ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों ने हमारी कोई बात नहीं सुनी तथा उनके द्वारा हमें जबरन तरीके से पचपेड़ीनाका स्थित एक आफिस में ले जाया गया।
जहाँ पर जाने के पश्चात उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा मुझे एवं मेरे पति पर जबरन दबाव डालते हुये कहा गया, कि आप लोगों को हम जो बात बोल रहे हैं, वैसी ही बात आपको जे.डी. सर और आहूजा सर को बयान देकर बतानी होगी तथा ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा हम पर जबरन तरीके से दबाव डालकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री महोदय, नेता सूर्यकांत तिवारी एवं अधिकारी सौम्या चैरसिया का नाम लेने के लिये कहा जा रहा था।
जिस पर मैंने एवं मेरे पति ने उपरोक्त व्यक्तियों को उनके दबाव अनुसार बताये जा रहे बयान देने की बात से इंकार किया। तब ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझसे एवं मेरे पति से कहा गया, कि यदि आप लोग हमारे बताये अनुसार बयान नहीं दोगे, तो तुम लोगों और तुम्हारे परिवारवालों को जिंदगी भर के लिये जेल में सड़ा देंगे। जिस पर मैं और मेरे पति अत्यंत भयभीत हो गये।
इसी बीच वहाँ हेमन्त नाम के अधिकारी वहाँ आये जिन्होंने बताया कि वे ई.डी. के डिप्टी डायरेक्टर हैं तथा इसके बाद हेमन्त जी एवं उसके सहयोगियों द्वारा मेरे पति समीर विश्नोई को जबरन बयान देने की बात का दबाव डालकर उनका कैरियर बर्बाद करने की धमकी दी गयी। इसके बाद ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझे एवं मेरे पति को धमकी दी गयी कि यदि आप लोग हमारे द्वारा दिये गये दस्तावेजों में हस्ताक्षर नहीं किये तो हम लोग आपके परिवार में जितने भी लोग हैं सबको झूठे मामले में फंसा देंगे। जिस पर मैं और मेरे पति अत्यंत भयभीत हो गये तथा इसके पश्चात ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझसे एवं मेरे पति से कई दस्तावेजों में धमकी देकर जबरन हस्ताक्षर करवाये गये।
उपरोक्त समय डिप्टी डायरेक्टर हेमन्त जी ने भी मुझे एवं मेरे पति को धमकी दी कि आप लोग हमारे बताये अनुसार कथन दे दें तथा सरकारी गवाह बन जाये नहीं तो हम लोग आपको जेल में सड़ा देंगे। जिस पर हम लोगों ने इंकार किया। इस बीच ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझे एवं मेरे पति को भूखा-प्यासा रखा गया। उपरोक्त समय मैंने एवं मेरे पति ने ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों से निवेदन किया, कि मेरे पति लीवर सिरोसिस, माईग्रेन एवं बी.पी. की बीमारी से ग्रस्त हैं, जिन्हें उपरोक्त बीमारी के संबंध में दवाईयां लेनी होती है, इसीलिये उन्हें दवाईयां दी जाये।
विनीतः
प्रीति विश्नोई
प्रति,
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर (छ.ग.)
विषयः- ई.डी. अधिकारियों द्वारा की गई अवैधानिक कार्यवाही के संबंध में उचित जांच करवाकर मुझे व मेरे परिवार के सदस्यो की जानमाल की सुरक्षा प्रदान करने बाब्त आवेदन पत्र
श्रीमती प्रीति विश्नोई, उम्र 40 वर्ष, पति श्री समीर विश्नोई, निवासी- आफिसर्स कालोनी, देवेन्द्र नगर, रायपुर छ.ग. की हूँ, जो कि निम्नलिखित शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत करती हूँ
मैं उपरोक्त पते पर रहती हूँ। मेरे पति समीर विश्नोई आई.ए.एस. आफिसर हैं, जो कि वर्तमान में रायपुर छ.ग. में पदस्थ हैं। 11 अटक्टूबर को लगभग सुबह 5.30 से 6.00 बजे के मध्य हमारे घर की डोर बेल बजी। जिस पर मैंने दरवाजा खोला तब मैंने पाया कि लगभग 15-20 लोग हमारे घर आये हुये थे तथा उन लोगों ने अचानक मेरी बिना अनुमति एवं सहमति के हमारे घर में प्रवेश कर लिया। तब मैंने उन लोगों से पूछा कि आप लोग कौन हैं, तब उन लोगों द्वारा मुझे कोई जवाब नहीं दिया गया तथा वे लोग हमारे घर के सामान को उलट-पुलट करने लगे, उसी समय मेरे पति भी वहाँ आ गये। तब मेरे पति ने उपरोक्त लोगों से पूछा कि आप लोग ये क्या कर रहे हैं, तब उपरोक्त लोगों में से एक व्यक्ति ने कहा कि, मेरा नाम ऋषि वर्मा है तथा हम लोग ई.डी. विभाग से आये हुये हैं।
तब मेरे पति और मैंने उपरोक्त व्यक्ति से आग्रह किया कि आप किस लिये हमारे यहाँ आये हैं, इस बात की हमें जानकारी दें। तब उपरोक्त व्यक्ति एवं उसके सहयोगियों द्वारा मेरे पति एवं मेरे साथ काफी बदतमिजी की गयी तथा उनके द्वारा मुझे एवं मेरे पति से हमारा मोबाईल फोन ले लिया गया। तब हम लोगों ने ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों से आग्रह किया कि आप हमें विधिवत तरीके से ई.सी.आई.आर. एवं शेड्यूल एफ.आई.आर. की कापी दें। जिस पर ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों ने कहा कि हम इसको देने के लिये बाध्य नहीं है। इसके बाद ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझसे एवं मेरे पति से हमारे घर में दबाव डालकर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिये गये।
इसके पश्चात अगले दिन 12 अक्टूबर को ऋषि वर्मा एवं उनके साथियों द्वारा मुझे और मेरे पति को अपने वाहन में ले जाया जाने लगा। इस पर मैंने ऋषि वर्मा एवं उनके सहयोगियों से आग्रह किया, कि हमारे घर में दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनकी देखरेख के लिये कोई नहीं है। इस पर भी ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों ने हमारी कोई बात नहीं सुनी तथा उनके द्वारा हमें जबरन तरीके से पचपेड़ीनाका स्थित एक आफिस में ले जाया गया।
जहाँ पर जाने के पश्चात उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा मुझे एवं मेरे पति पर जबरन दबाव डालते हुये कहा गया, कि आप लोगों को हम जो बात बोल रहे हैं, वैसी ही बात आपको जे.डी. सर और आहूजा सर को बयान देकर बतानी होगी तथा ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा हम पर जबरन तरीके से दबाव डालकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री महोदय, नेता सूर्यकांत तिवारी एवं अधिकारी सौम्या चैरसिया का नाम लेने के लिये कहा जा रहा था।
जिस पर मैंने एवं मेरे पति ने उपरोक्त व्यक्तियों को उनके दबाव अनुसार बताये जा रहे बयान देने की बात से इंकार किया। तब ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझसे एवं मेरे पति से कहा गया, कि यदि आप लोग हमारे बताये अनुसार बयान नहीं दोगे, तो तुम लोगों और तुम्हारे परिवारवालों को जिंदगी भर के लिये जेल में सड़ा देंगे। जिस पर मैं और मेरे पति अत्यंत भयभीत हो गये।
इसी बीच वहाँ हेमन्त नाम के अधिकारी वहाँ आये जिन्होंने बताया कि वे ई.डी. के डिप्टी डायरेक्टर हैं तथा इसके बाद हेमन्त जी एवं उसके सहयोगियों द्वारा मेरे पति समीर विश्नोई को जबरन बयान देने की बात का दबाव डालकर उनका कैरियर बर्बाद करने की धमकी दी गयी। इसके बाद ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझे एवं मेरे पति को धमकी दी गयी कि यदि आप लोग हमारे द्वारा दिये गये दस्तावेजों में हस्ताक्षर नहीं किये तो हम लोग आपके परिवार में जितने भी लोग हैं सबको झूठे मामले में फंसा देंगे। जिस पर मैं और मेरे पति अत्यंत भयभीत हो गये तथा इसके पश्चात ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझसे एवं मेरे पति से कई दस्तावेजों में धमकी देकर जबरन हस्ताक्षर करवाये गये।
उपरोक्त समय डिप्टी डायरेक्टर हेमन्त जी ने भी मुझे एवं मेरे पति को धमकी दी कि आप लोग हमारे बताये अनुसार कथन दे दें तथा सरकारी गवाह बन जाये नहीं तो हम लोग आपको जेल में सड़ा देंगे। जिस पर हम लोगों ने इंकार किया। इस बीच ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों द्वारा मुझे एवं मेरे पति को भूखा-प्यासा रखा गया। उपरोक्त समय मैंने एवं मेरे पति ने ऋषि वर्मा एवं उसके सहयोगियों से निवेदन किया, कि मेरे पति लीवर सिरोसिस, माईग्रेन एवं बी.पी. की बीमारी से ग्रस्त हैं, जिन्हें उपरोक्त बीमारी के संबंध में दवाईयां लेनी होती है, इसीलिये उन्हें दवाईयां दी जाये।
विनीतः
प्रीति विश्नोई