सांस्कृतिक कला केंद्र के सहयोग से शास्त्रीय संगीत पर सप्रयोग व्याख्यान:

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रायपुर। पंडित गुणवंत माधव लाल व्यास स्मृति संस्थान द्वारा दक्षिण मध्य
क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के सहयोग से वृंदावन ऑल में आयोजित
व्याख्यान माला मे प्रसिद्ध संगीत शास्त्र विशेषज्ञ डॉक्टर चैतन्य कुटे एवं
प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पुष्कर लेले ने शिरकत की। पद्मश्री डॉ अरुण टी
दाबके के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में नगर के अनेकों संगीत रसिक
उपस्थित रहे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक श्री पुष्कर ले ले जीने राग बिहाग,
हमीर, तिलक कामोद पर आधारित बंदिश का गायन किया और इन बंदिश पर डॉ चैतन्य
कुंटे ने अपने वक्तव्य रखे। शास्त्रीय बन्दिशों में राग के अनुरूप शब्द
रचना और शब्दों के अनुरूप स्वरों का तालमेल कैसे हो इस विषय पर विस्तार से
डॉक्टर कुंटे ने उपस्थित जिज्ञासु के सामने अपनी बात रखी।
श्री पुष्कर
लेले ने पंडित कुमार गंधर्व पर अपने किए गए शोध में से कुमार गंधर्व जी की
कुछ अद्भुत शास्त्रीय रचनाओं के अलावा विदुषी मीरा राव की शास्त्रीय
बन्दिशों को प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया। पुष्कर लेले के
साथ तबले पर छत्तीसगढ़ प्रदेश की सुप्रसिद्ध तबला नवाज़ तालमणि श्री अशोक
कुर्म ने बखूबी संगत दी। अपने वक्तव्य में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर
एटी दाबके के कहा वर्तमान समय में जब चारों ओर कोलाहल का माहौल है इस बीच
यह संस्था शास्त्रीय संगीत को पल्लवी करने का जो कार्य कर रही है वह काबिले
तारीफ है उन्होंने कहा कि पंडित व्यास जी के ही पदचिन्ह पर चलने वाली यह
संस्था विगत कई वर्षों से शास्त्र को बचाने व शास्त्रीय को जीवित रखने का
जो अथक प्रयास कर रही है, वह अनूठा है।इस अवसर पर उपस्थित व्यक्तियों में
श्री गिरीश काले, प्रशांत तावसे, भारती सिंह राजपूत, डॉ विजय जोशी, पंडित
मोहन भाई राठोर, श्री संजय गिजरे, श्री अवतार सिंह धंजल, पद्मश्री मदन सिंह
चौहान, राजेश गनोदवाले इत्यादि विशेष लोगों के अलावा बड़ी संख्या में
संगीत रसिक जिज्ञासु एवं विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम का सुंदर संचालन
श्रीमती दीपा व्यास श्रीमती वंदना मुखी एवं कावेरी व्यास ने तथा धन्यवाद
ज्ञापन एवं आभार प्रदर्शन श्रीमती रचना चांडक में किया। कार्यक्रम का
संयोजन श्री दीपक गुणवंत व्यास ने किया।


रायपुर। पंडित गुणवंत माधव लाल व्यास स्मृति संस्थान द्वारा दक्षिण मध्य
क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के सहयोग से वृंदावन ऑल में आयोजित
व्याख्यान माला मे प्रसिद्ध संगीत शास्त्र विशेषज्ञ डॉक्टर चैतन्य कुटे एवं
प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पुष्कर लेले ने शिरकत की। पद्मश्री डॉ अरुण टी
दाबके के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में नगर के अनेकों संगीत रसिक
उपस्थित रहे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक श्री पुष्कर ले ले जीने राग बिहाग,
हमीर, तिलक कामोद पर आधारित बंदिश का गायन किया और इन बंदिश पर डॉ चैतन्य
कुंटे ने अपने वक्तव्य रखे। शास्त्रीय बन्दिशों में राग के अनुरूप शब्द
रचना और शब्दों के अनुरूप स्वरों का तालमेल कैसे हो इस विषय पर विस्तार से
डॉक्टर कुंटे ने उपस्थित जिज्ञासु के सामने अपनी बात रखी।
श्री पुष्कर
लेले ने पंडित कुमार गंधर्व पर अपने किए गए शोध में से कुमार गंधर्व जी की
कुछ अद्भुत शास्त्रीय रचनाओं के अलावा विदुषी मीरा राव की शास्त्रीय
बन्दिशों को प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया। पुष्कर लेले के
साथ तबले पर छत्तीसगढ़ प्रदेश की सुप्रसिद्ध तबला नवाज़ तालमणि श्री अशोक
कुर्म ने बखूबी संगत दी। अपने वक्तव्य में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर
एटी दाबके के कहा वर्तमान समय में जब चारों ओर कोलाहल का माहौल है इस बीच
यह संस्था शास्त्रीय संगीत को पल्लवी करने का जो कार्य कर रही है वह काबिले
तारीफ है उन्होंने कहा कि पंडित व्यास जी के ही पदचिन्ह पर चलने वाली यह
संस्था विगत कई वर्षों से शास्त्र को बचाने व शास्त्रीय को जीवित रखने का
जो अथक प्रयास कर रही है, वह अनूठा है।इस अवसर पर उपस्थित व्यक्तियों में
श्री गिरीश काले, प्रशांत तावसे, भारती सिंह राजपूत, डॉ विजय जोशी, पंडित
मोहन भाई राठोर, श्री संजय गिजरे, श्री अवतार सिंह धंजल, पद्मश्री मदन सिंह
चौहान, राजेश गनोदवाले इत्यादि विशेष लोगों के अलावा बड़ी संख्या में
संगीत रसिक जिज्ञासु एवं विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम का सुंदर संचालन
श्रीमती दीपा व्यास श्रीमती वंदना मुखी एवं कावेरी व्यास ने तथा धन्यवाद
ज्ञापन एवं आभार प्रदर्शन श्रीमती रचना चांडक में किया। कार्यक्रम का
संयोजन श्री दीपक गुणवंत व्यास ने किया।


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