यूपी निकाय चुनाव पर एक बार फिर सुनवाई टल गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई नहीं हो सकी। अब शनिवार से शीतकालीन
अवकाश होने के बाद भी हाईकोर्ट इस मामले के लिए खुलेगा और सुनवाई करेगा।
चुनाव की तारीखों की घोषणा पर लगाई गई रोक भी शनिवार तक बरकरार रहेगी।
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट में नए केसों की ज्यादा संख्या होने के कारण
पुराने केस पर आज सुनवाई नहीं हो सकी। माना जा रहा है कि अब कल किसी भी केस
की सुनवाई नहीं होने के कारण हाईकोर्ट 12 बजे से पहले ही मामले पर सुनवाई
शुरू कर देगा। ऐसे में फैसला भी कल पहले हाफ में सुना देने की उम्मीद है।
इससे पहले गुरुवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी। गुरुवार को सभी
याचिकाएं न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ
लवानिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थीं। समय की कमी के
कारण याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो सकीं। अब सभी याचिकाओं पर शनिवार को
सुनवाई होगी। शनिवार से हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश हो जाएगा, इसके बाद भी
कोर्ट मामले को सुनेगा।
अभी तक हुई सुनवाई में याचियों की ओर से मुख्य रूप से यह दलील दी
गई कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण ओबीसी वर्ग की राजनीतिक स्थिति का
आकलन किए बिना नहीं तय किया जा सकता है। वैभव पांडेय व अन्य याचियों की ओर
से दर्ज की गई जनहित याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने दलील दी कि
सरकार द्वारा जिस तरह से ओबीसी आरक्षण जारी किया गया है, वह अपने आप में
गलत है। उनका कहना था कि निकाय चुनावों में पिछड़े वर्ग को मिलने वाला
आरक्षण नौकरियों अथवा दाखिले इत्यादि में दिए जाने वाले आरक्षण से भिन्न
है।
यूपी निकाय चुनाव पर एक बार फिर सुनवाई टल गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई नहीं हो सकी। अब शनिवार से शीतकालीन
अवकाश होने के बाद भी हाईकोर्ट इस मामले के लिए खुलेगा और सुनवाई करेगा।
चुनाव की तारीखों की घोषणा पर लगाई गई रोक भी शनिवार तक बरकरार रहेगी।
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट में नए केसों की ज्यादा संख्या होने के कारण
पुराने केस पर आज सुनवाई नहीं हो सकी। माना जा रहा है कि अब कल किसी भी केस
की सुनवाई नहीं होने के कारण हाईकोर्ट 12 बजे से पहले ही मामले पर सुनवाई
शुरू कर देगा। ऐसे में फैसला भी कल पहले हाफ में सुना देने की उम्मीद है।
इससे पहले गुरुवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी। गुरुवार को सभी
याचिकाएं न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ
लवानिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थीं। समय की कमी के
कारण याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो सकीं। अब सभी याचिकाओं पर शनिवार को
सुनवाई होगी। शनिवार से हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश हो जाएगा, इसके बाद भी
कोर्ट मामले को सुनेगा।
अभी तक हुई सुनवाई में याचियों की ओर से मुख्य रूप से यह दलील दी
गई कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण ओबीसी वर्ग की राजनीतिक स्थिति का
आकलन किए बिना नहीं तय किया जा सकता है। वैभव पांडेय व अन्य याचियों की ओर
से दर्ज की गई जनहित याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने दलील दी कि
सरकार द्वारा जिस तरह से ओबीसी आरक्षण जारी किया गया है, वह अपने आप में
गलत है। उनका कहना था कि निकाय चुनावों में पिछड़े वर्ग को मिलने वाला
आरक्षण नौकरियों अथवा दाखिले इत्यादि में दिए जाने वाले आरक्षण से भिन्न
है।