अनियमित कर्मचारी 15 जनवरी को करेंगे काम बंद:

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प्रदेश के अनियमित कर्मचारी फिर से प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। इसे लेकर 15 जनवरी को इनकी एक बैठक होने वाली है। इस बैठक को नाम दिया गया है अनियमित बइठका। इसके बाद विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। पूरा कार्यक्रम राजाधानी के बूढ़ातालाब में होने वाला है। दावा है कि इसमें 50 हजार के करीब कर्मचारी शामिल होंगे।

कार्यक्रम के संबंध में छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, आउटसोर्सिंग और ठेका प्रणाली को बंद करने और कर्मचारियों को सीधे विभाग से अटैच करने जैसे वादे किये थे। जिसके बाद सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए। मगर अब तक ये नहीं हुआ है। इसलिए हम 15 जनवरी को काम बंद करेंगे।

वहीं अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने बताया कि फिलहाल सरकार को अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अतिरिक्त बजट की भी जरूरत नहीं है। विभागों द्वारा बजट की समस्या बताकर कर्मचारियों को परमानेंट नहीं किया जा रहा है। इसके एवज में सरकार को केवल कर्मचारियों को परिवीक्षा अवधि के तहत रखकर 3-5 साल में स्थायीकरण का लिखित वादा करना होगा। जिसके बाद कर्मचारी परमानेंट हो जायेगा और वर्तमान सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं आयेगा। यह बैठक किसी एक विभाग के कर्मचारी के लिए बस न होकर राज्य के सभी विभागों निगम मंडलों के कर्मचारियों के लिए होगी।


प्रदेश के अनियमित कर्मचारी फिर से प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। इसे लेकर 15 जनवरी को इनकी एक बैठक होने वाली है। इस बैठक को नाम दिया गया है अनियमित बइठका। इसके बाद विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। पूरा कार्यक्रम राजाधानी के बूढ़ातालाब में होने वाला है। दावा है कि इसमें 50 हजार के करीब कर्मचारी शामिल होंगे।

कार्यक्रम के संबंध में छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, आउटसोर्सिंग और ठेका प्रणाली को बंद करने और कर्मचारियों को सीधे विभाग से अटैच करने जैसे वादे किये थे। जिसके बाद सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए। मगर अब तक ये नहीं हुआ है। इसलिए हम 15 जनवरी को काम बंद करेंगे।

वहीं अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने बताया कि फिलहाल सरकार को अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अतिरिक्त बजट की भी जरूरत नहीं है। विभागों द्वारा बजट की समस्या बताकर कर्मचारियों को परमानेंट नहीं किया जा रहा है। इसके एवज में सरकार को केवल कर्मचारियों को परिवीक्षा अवधि के तहत रखकर 3-5 साल में स्थायीकरण का लिखित वादा करना होगा। जिसके बाद कर्मचारी परमानेंट हो जायेगा और वर्तमान सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं आयेगा। यह बैठक किसी एक विभाग के कर्मचारी के लिए बस न होकर राज्य के सभी विभागों निगम मंडलों के कर्मचारियों के लिए होगी।


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