मेयर चुनाव से पहले ही सदन में संग्राम, मारपीट तक पहुंची बात:

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नई दिल्ली. मेयर
चुनाव से पहले एमसीडी में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी
(आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षदों के बीच जमकर झड़प
हुई। नारेबाजी और धक्का-मुक्की से लेकर बात हाथापाई तक पहुंच गई। शपथ लेने
के बाद पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले एलजी की ओर से मनोनीत सदस्यों को शपथ
दिलाने की बात कही तो अचानक माहौल बिगड़ गया। भारी हंगामे के बीच कार्यवाही
को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा।

एक सदस्य ने शपथ ली ही थी कि आप सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
पार्षद पीठासीन अधिकारी के पास पहुंच गए और विरोध शुरू कर दिया। जवाब में
भाजपा के पार्षदों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू
कर दी। पार्षद बेचों पर खड़े हो गए। एक दूसरे को धक्का-मुक्की करने लगे।
भाजपा और 'आप' ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं।

गौरतलब है कि एलजी ने 10 पार्षदों को मनोनीत किया है। दिल्ली
सरकार और आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जाहिर की है और प्रक्रिया को
गैर-संवैधानिक करार दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी
को खत लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ
भारद्वाज ने कहा कि पहले तो गैर कानूनी तरीके से एलजी ने 10 सदस्यों को
मनोनीत  किया फिर भाजपा का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया। अब मनोनीत
सदस्यों को शपथ दिलाकर उन्हें वोटिंग में शामिल करने की कोशिश की जा रही
है, जबकि मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं होता है।   

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'MCD में
अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए और कितना गिरोगे भाजपा वालों!चुनाव टाले,
पीठासीन अधिकारी की गैरकानूनी नियुक्ति, मनोनीत पार्षदों की गैरकानूनी
नियुक्ति, और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ न दिलवाना…। अगर जनता के
फैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव ही किसलिए?'

वहीं, बीजेपी नेता हरीश खुराना ने कहा कि यह साफ है कि मनोनीत
सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं होता है। आप शपथ क्यों नहीं होने दे रहे
हैं। शपथ के बाद आप वोटिंग होने दीजिए। डर क्यों रहे हैं? आप को पता है कि
नंबर गेम में पिछड़ गई है, इसलिए हंगामा किया जा रहा है। बीजेपी नेता मनोज
तिवारी ने कहा कि जो पार्टी सत्ता में है, सदन में भी नंबर ज्यादा है, उसके
बावजूद इस तरह हल्ला-गुंडागर्दी करना आश्चर्य का विषय है। वे मानसिक और
नैतिक रूप से हार चुके हैं। उन्होंने निगम के सदन को अखाड़ा बना दिया है।
ऐसा लगता है कि आप को डर है कि उनके लोग ही उनका साथ ना दें।


नई दिल्ली. मेयर
चुनाव से पहले एमसीडी में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी
(आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षदों के बीच जमकर झड़प
हुई। नारेबाजी और धक्का-मुक्की से लेकर बात हाथापाई तक पहुंच गई। शपथ लेने
के बाद पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले एलजी की ओर से मनोनीत सदस्यों को शपथ
दिलाने की बात कही तो अचानक माहौल बिगड़ गया। भारी हंगामे के बीच कार्यवाही
को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा।

एक सदस्य ने शपथ ली ही थी कि आप सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
पार्षद पीठासीन अधिकारी के पास पहुंच गए और विरोध शुरू कर दिया। जवाब में
भाजपा के पार्षदों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू
कर दी। पार्षद बेचों पर खड़े हो गए। एक दूसरे को धक्का-मुक्की करने लगे।
भाजपा और 'आप' ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं।

गौरतलब है कि एलजी ने 10 पार्षदों को मनोनीत किया है। दिल्ली
सरकार और आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जाहिर की है और प्रक्रिया को
गैर-संवैधानिक करार दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी
को खत लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ
भारद्वाज ने कहा कि पहले तो गैर कानूनी तरीके से एलजी ने 10 सदस्यों को
मनोनीत  किया फिर भाजपा का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया। अब मनोनीत
सदस्यों को शपथ दिलाकर उन्हें वोटिंग में शामिल करने की कोशिश की जा रही
है, जबकि मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं होता है।   

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'MCD में
अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए और कितना गिरोगे भाजपा वालों!चुनाव टाले,
पीठासीन अधिकारी की गैरकानूनी नियुक्ति, मनोनीत पार्षदों की गैरकानूनी
नियुक्ति, और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ न दिलवाना…। अगर जनता के
फैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव ही किसलिए?'

वहीं, बीजेपी नेता हरीश खुराना ने कहा कि यह साफ है कि मनोनीत
सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं होता है। आप शपथ क्यों नहीं होने दे रहे
हैं। शपथ के बाद आप वोटिंग होने दीजिए। डर क्यों रहे हैं? आप को पता है कि
नंबर गेम में पिछड़ गई है, इसलिए हंगामा किया जा रहा है। बीजेपी नेता मनोज
तिवारी ने कहा कि जो पार्टी सत्ता में है, सदन में भी नंबर ज्यादा है, उसके
बावजूद इस तरह हल्ला-गुंडागर्दी करना आश्चर्य का विषय है। वे मानसिक और
नैतिक रूप से हार चुके हैं। उन्होंने निगम के सदन को अखाड़ा बना दिया है।
ऐसा लगता है कि आप को डर है कि उनके लोग ही उनका साथ ना दें।


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