पिछले महीने चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दी थी, जिसके बाद
से मामले अचानक बढ़े। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीरो कोविड पॉलिसी की वजह
से ही लोगों में नैचुरल इम्युनिटी नहीं पैदा हो पाई और जब उसे हटाया गया तो
लाखों की संख्या में लोगों को कोरोना होने लगा। ट्विटर पर शेयर किए गए
वीडियो सड़कों पर हो रहे अस्थायी दाह संस्कार को दिखाते हैं। एक क्लिप में,
देश के एक ग्रामीण हिस्से में एक लकड़ी के ताबूत को जलते हुए देखा जा सकता
है। एक अन्य वीडियो, जिसे शंघाई में फिल्माया गया है, लोगों के एक समूह को
एक चिता के चारों ओर इकट्ठा होते हुए दिखाता है जिसे आग लगा दी गई है।
'ब्लूमबर्ग' ने एक रिपोर्ट में बताया कि चीन में अंतिम संस्कार
के लिए इतनी लंबी लाइनें लगी हैं कि सिर्फ दस मिनट का ही समय दिया जा रहा
है। शंघाई में इतने लोगों की कोविड से जान जा रही है कि लोंगहुआ फ्यूनरल
होम में हर दिन सामान्य से पांच गुना अधिक लाशें जा रही हैं। वहां काम करने
वाले एक कर्मचारी ने कहा कि पूरा सिस्टम इस समय पैरालाइज हो चुका है। दाह
संस्कार की भारी मांग के बीच लागत भी बढ़ रही है। कई लोगों ने अपने
प्रियजनों का अंतिम संस्कार खुद करने का फैसला लिया। शंघाई निवासी ने 28
दिसंबर को अपने पड़ोस के ग्रुप चैट में कहा, "मैंने अपने पिता का अंतिम
संस्कार करने के लिए कई रास्ते आजमाए, लेकिन कोई भी काम नहीं आया।"
'अंतिम संस्कार के लिए सभी स्लॉट भर गए'
उसने आगे कहा, ''अंतिम संस्कार करने वाली हेल्पलाइन ने मुझे बताया कि सभी
स्लॉट भरे हुए हैं। नए स्लॉट के खुलने में अभी कई दिन लग जाएंगे। चूंकि
राष्ट्रीय कानून महामारी से मरने वाले मरीजों की डेड बॉडीज को घर पर रखने
की अनुमति नहीं देता है, इसलिए मुझे अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के
लिए हमारे पड़ोस में एक खाली जगह मिल गई। अगर आपको इससे कोई समस्या है, तो
कृपया पुलिस को कॉल करें।'' ब्लूमबर्ग के अनुसार, पड़ोसियों के विरोध के
बाद स्थानीय अधिकारियों ने अंततः हस्तक्षेप किया। वहीं, ऑनलाइन शेयर किए गए
वीडियो में चीनी शवदाह गृहों के बाहर लंबी कतारें दिखाई गई हैं, क्योंकि
हताश परिवार श्मशान भूमि की बुकिंग के लिए इंतजार कर रहे हैं।
कोविड पॉलिसी के आलोचकों के सोशल मीडिया अकाउंट बंद
वहीं, कोविड-19 को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले 1,000 से
ज्यादा आलोचकों के सोशल मीडिया खाते चीन ने निलंबित या बंद कर दिए हैं।
'सिना वेईबो' (चीन में ट्विटर जैसा मंच) का कहना है कि उसने विशेषज्ञों,
बुद्धिजीवियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों सहित 12,854 उल्लंघनों का
निपटारा किया है और 1,120 खातों को अस्थाई या स्थाई रूप से प्रतिबंधित कर
दिया है। गौरतलब है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अपनी कठोर पाबंदियों,
पृथकवास के नियमों और बड़े पैमाने पर जांच को चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों
की राय के आधार पर सही ठहराती रही थी, लेकिन पिछले महीने सरकार ने अचानक
कोविड से जुड़ी सभी पाबंदियों में ढील दे दी, जिसके कारण फिर से संक्रमण के
मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं।