उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में दरारें पड़ गई हैं। प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। ऐसे में जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जमींदोज करने का काम आज शुरू हो रहा है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जा सकता है। इन होटलों को खाली करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि दरार पड़ने के चलते होटल लगातार पीछे की ओर झुकते जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि लोग होटलों से दूर हो जाएं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। जोशीमठ के मामले पर 16 जनवरी के लिए मामले को लिस्ट किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर केस की जल्द सुनवाई नहीं हो सकती। इन मामलों के लिए लोकतांत्रिक संस्थाएं हैं, जो काम कर रही हैं। चमोली जिले में जोशीमठ शहर स्थित है। यह समुद्र तल से 6,107 फीट की ऊंचाई पर बसा है। इसकी आबादी 23000 है। इसे बद्रीनाथ का मुखद्वार भी कहा जाता है। यहां भूधंसाव के चलते अब तक 678 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़क फट गई है। जमीन के नीचे से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है।
उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में दरारें पड़ गई हैं। प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। ऐसे में जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जमींदोज करने का काम आज शुरू हो रहा है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जा सकता है। इन होटलों को खाली करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि दरार पड़ने के चलते होटल लगातार पीछे की ओर झुकते जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि लोग होटलों से दूर हो जाएं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। जोशीमठ के मामले पर 16 जनवरी के लिए मामले को लिस्ट किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर केस की जल्द सुनवाई नहीं हो सकती। इन मामलों के लिए लोकतांत्रिक संस्थाएं हैं, जो काम कर रही हैं। चमोली जिले में जोशीमठ शहर स्थित है। यह समुद्र तल से 6,107 फीट की ऊंचाई पर बसा है। इसकी आबादी 23000 है। इसे बद्रीनाथ का मुखद्वार भी कहा जाता है। यहां भूधंसाव के चलते अब तक 678 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़क फट गई है। जमीन के नीचे से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है।