जगदलपुर। बस्तर जिला मुख्यालय में स्थित दलपत सागर तालाब में इन दिनों
पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार तक में पाये जाने वाला प्रवासी
परिंदा ब्लैक हेडेड आईबीस का झुुंड देखा जा सकता है, बस्तर में इसकी दो
नस्लें देखी गई है। प्राणी विज्ञान विभाग के प्राध्यापक सुशील दत्ता बताते
हैं कि ब्लैक हेडेड आईबीस झुंड में आते हैं, उन्होंने बताया कि दलपद सागर
के अलावा तारापुर-बजावंड इलाके में 40-45 के झुंड में देखा गया है। ये पानी
केपास के पेड़ों मे अपने घोसले बनाते हैं। मादा एक बार में दो से तीन अंडे
ही देती है। यह परिंदा भले ही झुंड में दिखाई दे जाते हों पर वैज्ञानिक
इन्हें संकटापन्न प्रजाति की लिस्ट में शामिल करते हैं।
उल्लेखनीय है कि शहर के समीप लामनी स्थित वन विभाग के पार्क में करीब तीन
साल बाद संभाग का पहले पक्षी विहार का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है।
पक्षी विहार को मुख्यमंत्री के हाथों 26 जनवरी को उद्घाटन करने की तैयारी
चल रही है। वन विभाग ने मलेशिया की तर्ज पर तैयार किए गए इस विहार इसमें
करीब 20 प्रजातियों के विदेशी पक्षियों को रखने की योजना बनाई है। पक्षी
विहार की लंबाई 120 मीटर, चौड़ाई 40 मीटर व ऊंचाई 15 मीटर रखी गई है। पक्षी
विहार को लोहे की जालियों से ढका गया है, जिससे कि पक्षी आसानी से यहां
विचरण कर सकेंगे।
जगदलपुर। बस्तर जिला मुख्यालय में स्थित दलपत सागर तालाब में इन दिनों
पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार तक में पाये जाने वाला प्रवासी
परिंदा ब्लैक हेडेड आईबीस का झुुंड देखा जा सकता है, बस्तर में इसकी दो
नस्लें देखी गई है। प्राणी विज्ञान विभाग के प्राध्यापक सुशील दत्ता बताते
हैं कि ब्लैक हेडेड आईबीस झुंड में आते हैं, उन्होंने बताया कि दलपद सागर
के अलावा तारापुर-बजावंड इलाके में 40-45 के झुंड में देखा गया है। ये पानी
केपास के पेड़ों मे अपने घोसले बनाते हैं। मादा एक बार में दो से तीन अंडे
ही देती है। यह परिंदा भले ही झुंड में दिखाई दे जाते हों पर वैज्ञानिक
इन्हें संकटापन्न प्रजाति की लिस्ट में शामिल करते हैं।
उल्लेखनीय है कि शहर के समीप लामनी स्थित वन विभाग के पार्क में करीब तीन
साल बाद संभाग का पहले पक्षी विहार का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है।
पक्षी विहार को मुख्यमंत्री के हाथों 26 जनवरी को उद्घाटन करने की तैयारी
चल रही है। वन विभाग ने मलेशिया की तर्ज पर तैयार किए गए इस विहार इसमें
करीब 20 प्रजातियों के विदेशी पक्षियों को रखने की योजना बनाई है। पक्षी
विहार की लंबाई 120 मीटर, चौड़ाई 40 मीटर व ऊंचाई 15 मीटर रखी गई है। पक्षी
विहार को लोहे की जालियों से ढका गया है, जिससे कि पक्षी आसानी से यहां
विचरण कर सकेंगे।