केन्द्रीय संसदीय समिति ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के कल्याण के कार्याे के लिए की राज्य शासन की सराहना:

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खबरीलाल न्यूज़

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में डॉ.
(प्रो.) किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय
प्रवास पर आए केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों से मुलाकात के दौरान उनसे
कोल माईंस की खाली खदानों की जमीन राज्य सरकार को वापस कराने, बस्तर अंचल
में सुगम यातायात की दृष्टि से रावघाट होते हुए जगदलपुर तक रेल लाईन
विस्तार, वन क्षेत्रों में विकास कार्य कराने वन अधिनियम के प्रावधानों में
संशोधन और मुंबई-कोलकाता रूट की बंद ट्रेने पुनः प्रारंभ कराने का आग्रह
किया। केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों ने  मुख्यमंत्री श्री बघेल से आज
उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। केन्द्रीय संसदीय समिति ने इस
दौरान छत्तीसगढ़ में राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित
जनजातियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्याे की सराहना की। उन्होंने
छत्तीसगढ़ प्रवास के अपने अनुभवों को मुख्यमंत्री के साथ साझा किया और
प्रवास विद्यालयों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सदस्यों को राजकीय गमछा और प्रतीक चिन्ह देकर
सम्मानित किया। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव श्री डी.डी.
सिंह भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि केन्द्रीय संसदीय समिति छत्तीसगढ़ में
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की सामाजिक और शैक्षणिक
स्थिति का अध्ययन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर रायपुर आयी हुई है।


मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्यों को छत्तीसगढ़
में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों
की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंनेे कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में
शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के साथ-साथ अधिक से अधिक रोजगार के अवसर
उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का फोकस इस बात पर है
कि योजनाओं से अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों की सामाजिक, आर्थिक
स्थिति में सकारात्मक बदलाव आए, उनकी आय बढ़े।

मुख्यमंत्री ने संसदीय समिति से प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में कोल
माईंस में उत्खन्न के बाद खाली खदानों की जमीन राज्य सरकार को वापस कराने
का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन क्षेत्रों में वाटर बॉडी बनाकर
टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विकास कार्य करना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर क्षेत्र में लोगों को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध
कराने के लिए रावघाट-जगदलपुर तक रेल लाईन के विस्तार कराने का आग्रह किया।
इसी तरह उन्होंने मुंबई-कोलकाता रेल रूट सहित विभिन्न रेल मार्गाे में
छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों जिनका परिचालन बंद कर दिया गया था, उन्हें
फिर से प्रारंभ कराने के लिए आवश्यक पहल करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री
ने केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों को बताया कि छत्तीसगढ़ के लगभग 44
प्रतिशत भू-भाग पर वन हैं। इनमें अनुसूचित क्षेत्रों में सघन वन हैं, इस
कारण यहां विभिन्न विकास कार्याे में दिक्कत आती है। श्री बघेल ने इस
संदर्भ में वन अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता बताते हुए वन
अधिनियम के प्रावधानों में आवश्यक संशोधन के लिए पहल का आग्रह समिति से
किया।  

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान केन्दीय संसदीय समिति के श्री जगन्नाथ
सरकार, श्री नीरज डांगी, डॉ. व्ही. शिवदासन, श्री कामाख्या प्रसाद, श्री
वीरेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे। डॉ. (प्रो.) किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी की
अध्यक्षता में 31 सदस्यीय संसदीय दल की छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव एवं वरिष्ठ
अधिकारियों के साथ बैठक होगी। इसके अलावा संसदीय दल विभिन्न संस्थानों के
साथ बैठक कर अनुसूचित जाति और जनजाति के प्रतिनिधित्व और उनके लिए किए जा
रहे कल्याणकारी उपायों के संबंध में चर्चा करेगी।

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में डॉ.
(प्रो.) किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय
प्रवास पर आए केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों से मुलाकात के दौरान उनसे
कोल माईंस की खाली खदानों की जमीन राज्य सरकार को वापस कराने, बस्तर अंचल
में सुगम यातायात की दृष्टि से रावघाट होते हुए जगदलपुर तक रेल लाईन
विस्तार, वन क्षेत्रों में विकास कार्य कराने वन अधिनियम के प्रावधानों में
संशोधन और मुंबई-कोलकाता रूट की बंद ट्रेने पुनः प्रारंभ कराने का आग्रह
किया। केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों ने  मुख्यमंत्री श्री बघेल से आज
उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। केन्द्रीय संसदीय समिति ने इस
दौरान छत्तीसगढ़ में राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित
जनजातियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्याे की सराहना की। उन्होंने
छत्तीसगढ़ प्रवास के अपने अनुभवों को मुख्यमंत्री के साथ साझा किया और
प्रवास विद्यालयों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सदस्यों को राजकीय गमछा और प्रतीक चिन्ह देकर
सम्मानित किया। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव श्री डी.डी.
सिंह भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि केन्द्रीय संसदीय समिति छत्तीसगढ़ में
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की सामाजिक और शैक्षणिक
स्थिति का अध्ययन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर रायपुर आयी हुई है।


मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्यों को छत्तीसगढ़
में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों
की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंनेे कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में
शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के साथ-साथ अधिक से अधिक रोजगार के अवसर
उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का फोकस इस बात पर है
कि योजनाओं से अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों की सामाजिक, आर्थिक
स्थिति में सकारात्मक बदलाव आए, उनकी आय बढ़े।

मुख्यमंत्री ने संसदीय समिति से प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में कोल
माईंस में उत्खन्न के बाद खाली खदानों की जमीन राज्य सरकार को वापस कराने
का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन क्षेत्रों में वाटर बॉडी बनाकर
टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विकास कार्य करना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर क्षेत्र में लोगों को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध
कराने के लिए रावघाट-जगदलपुर तक रेल लाईन के विस्तार कराने का आग्रह किया।
इसी तरह उन्होंने मुंबई-कोलकाता रेल रूट सहित विभिन्न रेल मार्गाे में
छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों जिनका परिचालन बंद कर दिया गया था, उन्हें
फिर से प्रारंभ कराने के लिए आवश्यक पहल करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री
ने केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों को बताया कि छत्तीसगढ़ के लगभग 44
प्रतिशत भू-भाग पर वन हैं। इनमें अनुसूचित क्षेत्रों में सघन वन हैं, इस
कारण यहां विभिन्न विकास कार्याे में दिक्कत आती है। श्री बघेल ने इस
संदर्भ में वन अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता बताते हुए वन
अधिनियम के प्रावधानों में आवश्यक संशोधन के लिए पहल का आग्रह समिति से
किया।  

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान केन्दीय संसदीय समिति के श्री जगन्नाथ
सरकार, श्री नीरज डांगी, डॉ. व्ही. शिवदासन, श्री कामाख्या प्रसाद, श्री
वीरेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे। डॉ. (प्रो.) किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी की
अध्यक्षता में 31 सदस्यीय संसदीय दल की छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव एवं वरिष्ठ
अधिकारियों के साथ बैठक होगी। इसके अलावा संसदीय दल विभिन्न संस्थानों के
साथ बैठक कर अनुसूचित जाति और जनजाति के प्रतिनिधित्व और उनके लिए किए जा
रहे कल्याणकारी उपायों के संबंध में चर्चा करेगी।

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