फिलीपीन्स की युवती पहुंची राजनांदगांव, अपने भारतीय प्रेमी के साथ लिए साथ फेरे:

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राजनांदगांव। जब मोहब्बत हो तो सात समंदर पार की दूरी भी छोटी पड़ जाती है. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में फिलीपींस से आई दुल्हन जेझल की शादी राजनांदगांव के भावेश गायकवाड़ से बड़ी धूमधाम से हुई. रविवार को दो प्रेमी जोड़े मंगल परिणय में बंध गए. वहीं विदेश से आई दुल्हन को देखने बड़ी संख्या में रिशतेदार पहुंचे हुए थे.

जब भावेश के गले में जेझल ने वरमाला डाली, तो आसपास के लोग विदेशी दुल्हन को देखते रह गए. बैंड बाजे के साथ बारात निकली तो विदेशी दुल्हन भी खुद को नाचने से नहीं रोक पाई. दूल्हे के साथ बारातियों ने भी खूब डांस किया।

भावेश राजनांदगांव के ममता नगर में रहते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई राजनांदगांव से की है, जिसके बाद मर्चेंट नेवी की तैयारी करने के लिए मुंबई चले गए. जहां उन्होंने 9 माह की ट्रेनिंग की जिसके बाद उन्हें तुर्की में मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग दी गई. जिसके बाद उन्हें कतर में कैप्टन की जॉब मिल गई. कतर में ही उनकी मुलाकात जेझल से हुई और धीरे धीरे मुलाकात इश्क में बदल गई. जिसके 5 साल बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया.

दोनों एक ही कंपनी में काम करते हैं. प्यार जात पात धर्म देश नहीं देखता. सात समंदर पार से दुल्हन लाने पर भी दोनों परिवार ने खुशी से इन्हें सपोर्ट दिया है. हिंदू रीति रिवाज से राजनांदगांव में दोनों ने शादी की है. यह शादी अब राजनांदगांव में चर्चा का विषय बना हुआ है.


राजनांदगांव। जब मोहब्बत हो तो सात समंदर पार की दूरी भी छोटी पड़ जाती है. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में फिलीपींस से आई दुल्हन जेझल की शादी राजनांदगांव के भावेश गायकवाड़ से बड़ी धूमधाम से हुई. रविवार को दो प्रेमी जोड़े मंगल परिणय में बंध गए. वहीं विदेश से आई दुल्हन को देखने बड़ी संख्या में रिशतेदार पहुंचे हुए थे.

जब भावेश के गले में जेझल ने वरमाला डाली, तो आसपास के लोग विदेशी दुल्हन को देखते रह गए. बैंड बाजे के साथ बारात निकली तो विदेशी दुल्हन भी खुद को नाचने से नहीं रोक पाई. दूल्हे के साथ बारातियों ने भी खूब डांस किया।

भावेश राजनांदगांव के ममता नगर में रहते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई राजनांदगांव से की है, जिसके बाद मर्चेंट नेवी की तैयारी करने के लिए मुंबई चले गए. जहां उन्होंने 9 माह की ट्रेनिंग की जिसके बाद उन्हें तुर्की में मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग दी गई. जिसके बाद उन्हें कतर में कैप्टन की जॉब मिल गई. कतर में ही उनकी मुलाकात जेझल से हुई और धीरे धीरे मुलाकात इश्क में बदल गई. जिसके 5 साल बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया.

दोनों एक ही कंपनी में काम करते हैं. प्यार जात पात धर्म देश नहीं देखता. सात समंदर पार से दुल्हन लाने पर भी दोनों परिवार ने खुशी से इन्हें सपोर्ट दिया है. हिंदू रीति रिवाज से राजनांदगांव में दोनों ने शादी की है. यह शादी अब राजनांदगांव में चर्चा का विषय बना हुआ है.


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