रायगढ़. रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड (आरईजीएल) के सौजन्य से अदाणी फाउंडेशन द्वारा पुसौर ब्लॉक में महिला स्व-सहायता समूहों को दिनांक 16 से 21 जनवरी 2023 तक तीन अलग-अलग बैच मे दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को ग्राम पंचायत सूपा के सतनाम भवन में सरपंच चंद्रिका बाई रात्रे , सोनम बंजारे (पीआरपी- बिहान परियोजना), फिरतू राम रात्रे एवं अदाणी फाउंडेशन के अधिकारियों की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ।
इसी प्रकार अगला प्रशिक्षण ग्राम तपरदा स्थित पाण्डेय भवन मे दिनांक 18 से 19 जनवरी 2023 तक दिया जाएगा. उसके बाद ग्राम बुनगा के सामुदायिक भवन मे दिनांक 20 से 21 जनवरी तक महिलाओं को मशरूम उत्पादन से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाना है। कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य परिधीय ग्रामों के महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगारमूलक गतिविधियों से जोड़कर उनके आजीविका के साधनों में वृद्धि करना है, जिससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वावलम्बी बन सकें।
इसी क्रम मे इन समूहों हेतु मशरूम उत्पादन सह प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें ग्राम छोटे भंडार, जेवरीडीह, अमलीभौना, सूपा, तपरदा एवं बुनगा के 15 स्व-सहायता समूहों के कुल 75 महिलाओं को ऑयस्टर एवं पैडी स्ट्रॉ मशरूम के उत्पादन करने हेतु प्रशिक्षित किया जाना है।
उक्त प्रशिक्षण मे मशरूम प्रशिक्षकों द्वारा मशरूम उत्पादन करने के आधुनिक एवं नवीन तकनीकों तथा उत्पादन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों एवं मशरूम उत्पादन से होनेवाले लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षक राजेश प्रधान के द्वारा बताया गया कि ऑयस्टर मशरूम की खेती बहुत आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं. इस मशरूम में सबसे अच्छी बात होती है कि इसे किसान सुखाकर भी बेच सकते हैं। इसका स्वाद भी अन्य मशरूमों की तुलना में बेहतर होता है।
समूह की महिलाओं को आर्थिक फायदे के लिए मशरूम की बाजार में बिक्री करने के माध्यमों के बारे में भी अवगत कराया गया। प्रशिक्षक कविता प्रधान ने भी पैडी स्ट्रॉ मशरूम के उत्पादन करने के विधि एवं लाभ के संबंध मे उपस्थित महिलाओं को विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
इस प्रशिक्षण में ग्राम छोटे भंडार से गृह लक्ष्मी समूह, ग्राम जेवरीडीह से प्रज्ञा एवं लक्ष्मी समूह , ग्राम कठली से एकता, मीरा माता और जमुना समूह ग्राम सुपा से आदर्श और पूजा समूह, ग्राम तपरदा से साधना व त्रिवेणी संगम समूह, ग्राम अमलीभौना से श्री दुर्गा , श्री स्व सहायता समूह एवं ग्राम बुनगा से भारती , शांति और सद्गुरु महिला स्व सहायता समूह की महिलाऐं प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।
मशरूम उत्पादन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे मे चर्चा करते हुए ग्राम जेवरीडीह के लक्ष्मी समूह की सदस्य सुकांति चौहान ने कहा कि “उक्त प्रशिक्षण के पश्चात शीघ्र ही हमारे समूह की महिलाओं द्वारा मशरूम का उत्पादन प्रारम्भ किया जायेगा. जिससे निकट भविष्य में हम लाभ अर्जित कर आर्थिक रूप से सक्षम हो सकेंगे।” इसी प्रकार से अन्य समूह की ग्रामीण महिलाऐं भी मशरूम उत्पादन करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं तथा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु अदाणी फाउंडेशन एवं आरइजीएल प्रबंधन के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
शिखर मशरूम भंडार समिति के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि अदाणी फाउंडेशन द्वारा पिछले वर्ष प्रशिक्षण लेकर मशरूम का उत्पादन कर रहे कुल छह समूहों द्वारा दिसंबर 2022 मे कुल 330 किलो मशरूम का उत्पादन करने के बाद कुल 75000 रुपये का विक्रय कर आय अर्जन किया गया है और इस कार्यक्रम से निश्चित तौर पर ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास मे वृद्धि हुई है और वो आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने इस तरह के प्रशिक्षण के लिए आरईजीएल और अदाणी फाउंडेशन के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
रायगढ़. रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड (आरईजीएल) के सौजन्य से अदाणी फाउंडेशन द्वारा पुसौर ब्लॉक में महिला स्व-सहायता समूहों को दिनांक 16 से 21 जनवरी 2023 तक तीन अलग-अलग बैच मे दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को ग्राम पंचायत सूपा के सतनाम भवन में सरपंच चंद्रिका बाई रात्रे , सोनम बंजारे (पीआरपी- बिहान परियोजना), फिरतू राम रात्रे एवं अदाणी फाउंडेशन के अधिकारियों की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ।
इसी प्रकार अगला प्रशिक्षण ग्राम तपरदा स्थित पाण्डेय भवन मे दिनांक 18 से 19 जनवरी 2023 तक दिया जाएगा. उसके बाद ग्राम बुनगा के सामुदायिक भवन मे दिनांक 20 से 21 जनवरी तक महिलाओं को मशरूम उत्पादन से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाना है। कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य परिधीय ग्रामों के महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगारमूलक गतिविधियों से जोड़कर उनके आजीविका के साधनों में वृद्धि करना है, जिससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वावलम्बी बन सकें।
इसी क्रम मे इन समूहों हेतु मशरूम उत्पादन सह प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें ग्राम छोटे भंडार, जेवरीडीह, अमलीभौना, सूपा, तपरदा एवं बुनगा के 15 स्व-सहायता समूहों के कुल 75 महिलाओं को ऑयस्टर एवं पैडी स्ट्रॉ मशरूम के उत्पादन करने हेतु प्रशिक्षित किया जाना है।
उक्त प्रशिक्षण मे मशरूम प्रशिक्षकों द्वारा मशरूम उत्पादन करने के आधुनिक एवं नवीन तकनीकों तथा उत्पादन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों एवं मशरूम उत्पादन से होनेवाले लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षक राजेश प्रधान के द्वारा बताया गया कि ऑयस्टर मशरूम की खेती बहुत आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं. इस मशरूम में सबसे अच्छी बात होती है कि इसे किसान सुखाकर भी बेच सकते हैं। इसका स्वाद भी अन्य मशरूमों की तुलना में बेहतर होता है।
समूह की महिलाओं को आर्थिक फायदे के लिए मशरूम की बाजार में बिक्री करने के माध्यमों के बारे में भी अवगत कराया गया। प्रशिक्षक कविता प्रधान ने भी पैडी स्ट्रॉ मशरूम के उत्पादन करने के विधि एवं लाभ के संबंध मे उपस्थित महिलाओं को विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
इस प्रशिक्षण में ग्राम छोटे भंडार से गृह लक्ष्मी समूह, ग्राम जेवरीडीह से प्रज्ञा एवं लक्ष्मी समूह , ग्राम कठली से एकता, मीरा माता और जमुना समूह ग्राम सुपा से आदर्श और पूजा समूह, ग्राम तपरदा से साधना व त्रिवेणी संगम समूह, ग्राम अमलीभौना से श्री दुर्गा , श्री स्व सहायता समूह एवं ग्राम बुनगा से भारती , शांति और सद्गुरु महिला स्व सहायता समूह की महिलाऐं प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।
मशरूम उत्पादन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे मे चर्चा करते हुए ग्राम जेवरीडीह के लक्ष्मी समूह की सदस्य सुकांति चौहान ने कहा कि “उक्त प्रशिक्षण के पश्चात शीघ्र ही हमारे समूह की महिलाओं द्वारा मशरूम का उत्पादन प्रारम्भ किया जायेगा. जिससे निकट भविष्य में हम लाभ अर्जित कर आर्थिक रूप से सक्षम हो सकेंगे।” इसी प्रकार से अन्य समूह की ग्रामीण महिलाऐं भी मशरूम उत्पादन करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं तथा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु अदाणी फाउंडेशन एवं आरइजीएल प्रबंधन के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
शिखर मशरूम भंडार समिति के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि अदाणी फाउंडेशन द्वारा पिछले वर्ष प्रशिक्षण लेकर मशरूम का उत्पादन कर रहे कुल छह समूहों द्वारा दिसंबर 2022 मे कुल 330 किलो मशरूम का उत्पादन करने के बाद कुल 75000 रुपये का विक्रय कर आय अर्जन किया गया है और इस कार्यक्रम से निश्चित तौर पर ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास मे वृद्धि हुई है और वो आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने इस तरह के प्रशिक्षण के लिए आरईजीएल और अदाणी फाउंडेशन के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।