पिता बना हैवान, मासूम बेटी की नहर में फेंककर ली जान:

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राजस्थान के बीकानेर में मासूम बच्ची की हत्या का एक दिल दहला देने
वाला मामला सामने आया है। एक सरकारी स्कूल में संविदाकर्मी के रूप में
कार्यरत व्यक्ति और उसकी पत्नी ने कथित तौर पर सरकारी नौकरी पाने के लालच
में अपनी ही 5 महीने की मासूम बेटी की नहर में फेंक कर हत्या कर दी।
पुलिस ने बेटी की हत्या के आरोपी दंपति को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी संविदाकर्मी झवरलाल मेघवाल (36) और उसकी
पत्नी गीता देवी (33) ने स्थायी सरकारी नौकरी पाने के लिए पत्नी के साथ
मिलकर यह खौफनाक कदम उठाया। उन्होंने बताया कि दोनों के पहले से ही तीन
बच्चे थे और उन्होंने अपनी एक बेटी अपने रिश्तेदारों को गोद दे दी थी।
पुलिस ने कहा कि नहर में फेंकी गई 5 महीने की बच्ची सबसे छोटी थी।

बीकानेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) योगेश यादव ने बताया कि
दंपति को सोमवार को अपनी ही बेटी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया
है। आरोपी ने पत्नी के साथ मिलकर स्थायी सरकारी नौकरी पाने के लिए यह कदम
उठाया था। उन्होंने कहा कि छतरगढ़ थाने में दंपति के खिलाफ भारतीय दंड
संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

स्कूल सहायक के पद पर तैनात है आरोपी

छत्तरगढ़ थानाधिकारी जयकुमार ने बताया कि आरोपी झवरलाल मेघवाल
वर्तमान में चांडासर पंचायत में स्कूल सहायक के पद पर तैनात है और उसने
अपने शपथ पत्र में उसके दो बच्चे होने की जानकारी दी थी। तीसरे बच्चे के
जन्म के बाद उसे इस बात का डर था कि राज्य सरकार की दो बच्चों की नीति के
कारण उसे सरकारी नौकरी में स्थायी रूप से नियुक्त नहीं किया जाएगा। पॉलिसी
में तीसरे बच्चे के जन्म पर कर्मचारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति शामिल है।

उन्होंने बताया कि आरोपी ने इसके लिए अपनी पत्नी को मना लिया था
और दोनों ने रविवार को अपनी पांच महीने की बेटी को मारने के लिए इंदिरा
गांधी नहर में फेंक दिया और चुपचाप वापस अपने घर लौट आए। 


राजस्थान के बीकानेर में मासूम बच्ची की हत्या का एक दिल दहला देने
वाला मामला सामने आया है। एक सरकारी स्कूल में संविदाकर्मी के रूप में
कार्यरत व्यक्ति और उसकी पत्नी ने कथित तौर पर सरकारी नौकरी पाने के लालच
में अपनी ही 5 महीने की मासूम बेटी की नहर में फेंक कर हत्या कर दी।
पुलिस ने बेटी की हत्या के आरोपी दंपति को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी संविदाकर्मी झवरलाल मेघवाल (36) और उसकी
पत्नी गीता देवी (33) ने स्थायी सरकारी नौकरी पाने के लिए पत्नी के साथ
मिलकर यह खौफनाक कदम उठाया। उन्होंने बताया कि दोनों के पहले से ही तीन
बच्चे थे और उन्होंने अपनी एक बेटी अपने रिश्तेदारों को गोद दे दी थी।
पुलिस ने कहा कि नहर में फेंकी गई 5 महीने की बच्ची सबसे छोटी थी।

बीकानेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) योगेश यादव ने बताया कि
दंपति को सोमवार को अपनी ही बेटी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया
है। आरोपी ने पत्नी के साथ मिलकर स्थायी सरकारी नौकरी पाने के लिए यह कदम
उठाया था। उन्होंने कहा कि छतरगढ़ थाने में दंपति के खिलाफ भारतीय दंड
संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

स्कूल सहायक के पद पर तैनात है आरोपी

छत्तरगढ़ थानाधिकारी जयकुमार ने बताया कि आरोपी झवरलाल मेघवाल
वर्तमान में चांडासर पंचायत में स्कूल सहायक के पद पर तैनात है और उसने
अपने शपथ पत्र में उसके दो बच्चे होने की जानकारी दी थी। तीसरे बच्चे के
जन्म के बाद उसे इस बात का डर था कि राज्य सरकार की दो बच्चों की नीति के
कारण उसे सरकारी नौकरी में स्थायी रूप से नियुक्त नहीं किया जाएगा। पॉलिसी
में तीसरे बच्चे के जन्म पर कर्मचारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति शामिल है।

उन्होंने बताया कि आरोपी ने इसके लिए अपनी पत्नी को मना लिया था
और दोनों ने रविवार को अपनी पांच महीने की बेटी को मारने के लिए इंदिरा
गांधी नहर में फेंक दिया और चुपचाप वापस अपने घर लौट आए। 


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