तीन दिन में धरना प्रदर्शन स्थल नहीं हटा तो बाउंड्रीवाल बनाने की दी चेतावनी।
रायपुर। रायपुर नगर पालिक निगम के महापौर ऐजाज ढेबर ने आज ऐलान किया कि अगर तीन दिन में बूढ़ापारा धरना स्थल से प्रदर्शन नहीं हटा तो निगम सरकार वहां बॉउंड्रीवॉल का निर्माण करायेगी। आम लोगों को हो रही दिक्कतों के चलते महापौर ने यह बात कही।
आज जिला कलेक्टर से मुलाकात करने के बाद महापौर एजाज़ ढेबर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि धरना प्रदर्शन स्थल रायपुर निगम की जमीन है, लेकिन वहां आये दिन कोई न कोई धरना प्रदर्शन होता है, जिसके चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहाँ तक कि स्कूली बच्चे 2 घंटे लेट से अपने घर पहुँचते हैं, अंतिम संस्कार के लिये ले जाई जा रही अर्थियों को घंटो इन्तजार करना पड़ता है। धरना स्थल के कारण हमारे इंडोर स्टेडियम का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता। इन्हीं सब कारणों से आज हमने कलेक्टर से मुलाकात की और समस्या का समाधान नहीं होने पर तीन दिनों में धरना स्थल में बॉउंड्रीवाल के निर्माण का निर्णय लिया है।
महापौर के इस कड़े कदम की तारीफ पक्ष-विपक्ष दोनों कर रहे हैं। अब जिला कलेक्टर इस पर कब तक फैसला लेते हैं यह देखने का विषय है।
तीन दिन में धरना प्रदर्शन स्थल नहीं हटा तो बाउंड्रीवाल बनाने की दी चेतावनी।
रायपुर। रायपुर नगर पालिक निगम के महापौर ऐजाज ढेबर ने आज ऐलान किया कि अगर तीन दिन में बूढ़ापारा धरना स्थल से प्रदर्शन नहीं हटा तो निगम सरकार वहां बॉउंड्रीवॉल का निर्माण करायेगी। आम लोगों को हो रही दिक्कतों के चलते महापौर ने यह बात कही।
आज जिला कलेक्टर से मुलाकात करने के बाद महापौर एजाज़ ढेबर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि धरना प्रदर्शन स्थल रायपुर निगम की जमीन है, लेकिन वहां आये दिन कोई न कोई धरना प्रदर्शन होता है, जिसके चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहाँ तक कि स्कूली बच्चे 2 घंटे लेट से अपने घर पहुँचते हैं, अंतिम संस्कार के लिये ले जाई जा रही अर्थियों को घंटो इन्तजार करना पड़ता है। धरना स्थल के कारण हमारे इंडोर स्टेडियम का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता। इन्हीं सब कारणों से आज हमने कलेक्टर से मुलाकात की और समस्या का समाधान नहीं होने पर तीन दिनों में धरना स्थल में बॉउंड्रीवाल के निर्माण का निर्णय लिया है।
महापौर के इस कड़े कदम की तारीफ पक्ष-विपक्ष दोनों कर रहे हैं। अब जिला कलेक्टर इस पर कब तक फैसला लेते हैं यह देखने का विषय है।