भाटापारा। अब पंजाब और असम होगा, भाटापारा में उत्पादित पोहा का नया उपभोक्ता राज्य। मांगी जा रही मात्रा भले ही सीमित हो लेकिन विस्तार की कोशिश में लगी पोहा मिलों के लिए इसे सुखद संकेत माना जा रहा है। मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे प्रतिस्पर्धी राज्यों से मिल रही कड़ी चुनौती के बाद पोहा मिलें नए उपभोक्ता क्षेत्र तैयार करने में लगी हुई हैं।
प्रयास अभी भी किए जा रहें हैं। कोशिश तब सफल होती नजर आई,जब पंजाब और असम जैसे नए उपभोक्ता ने रुचि दिखाई। प्रायोगिक तौर पर भेजे गए पोहा को जिस तरह प्रतिसाद मिला उसके बाद छोटी मात्रा में पोहा का भेजा जाना, इन दोनों राज्यों को चालू हो चुका है।जतन और मेहनत के साथ तैयार नए उपभोक्ता राज्य पंजाब और असम को दिल्ली से दिशा मिल रही है। पंजाब में लुधियाना और असम में गुवाहाटी के बाजार को भाटापारा में उत्पादित पोहा का स्वाद खूब भा रहा है। रुझान बताते हैं कि इससे मांग की मात्रा में बढ़ोतरी संभव है। पोहा मिलें इन दोनों शहरों पर भी नजरें रखी हुई हैं।
भाटापारा में उत्पादित पोहा की खरीदी करने वाले राज्यों में अब तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश थे। पंजाब और असम का नाम शामिल होने के बाद अब उपभोक्ता राज्यों की संख्या आठ हो गई है।पोहा क्वालिटी का महामाया धान की फसल लेने वाले किसानों को अब लाभ मिलने की संभावना पहले से ज्यादा होगी क्योंकि पोहा की मांग बढ़ने पर धान की भी मांग बढ़ेगी। ऐसे में प्रतिस्पर्धा भी तेज होगी। वैसे भी महामाया धान की कीमत बीते एक बरस से किसानों को सही मिल रही है।
भाटापारा। अब पंजाब और असम होगा, भाटापारा में उत्पादित पोहा का नया उपभोक्ता राज्य। मांगी जा रही मात्रा भले ही सीमित हो लेकिन विस्तार की कोशिश में लगी पोहा मिलों के लिए इसे सुखद संकेत माना जा रहा है। मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे प्रतिस्पर्धी राज्यों से मिल रही कड़ी चुनौती के बाद पोहा मिलें नए उपभोक्ता क्षेत्र तैयार करने में लगी हुई हैं।
प्रयास अभी भी किए जा रहें हैं। कोशिश तब सफल होती नजर आई,जब पंजाब और असम जैसे नए उपभोक्ता ने रुचि दिखाई। प्रायोगिक तौर पर भेजे गए पोहा को जिस तरह प्रतिसाद मिला उसके बाद छोटी मात्रा में पोहा का भेजा जाना, इन दोनों राज्यों को चालू हो चुका है।जतन और मेहनत के साथ तैयार नए उपभोक्ता राज्य पंजाब और असम को दिल्ली से दिशा मिल रही है। पंजाब में लुधियाना और असम में गुवाहाटी के बाजार को भाटापारा में उत्पादित पोहा का स्वाद खूब भा रहा है। रुझान बताते हैं कि इससे मांग की मात्रा में बढ़ोतरी संभव है। पोहा मिलें इन दोनों शहरों पर भी नजरें रखी हुई हैं।
भाटापारा में उत्पादित पोहा की खरीदी करने वाले राज्यों में अब तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश थे। पंजाब और असम का नाम शामिल होने के बाद अब उपभोक्ता राज्यों की संख्या आठ हो गई है।पोहा क्वालिटी का महामाया धान की फसल लेने वाले किसानों को अब लाभ मिलने की संभावना पहले से ज्यादा होगी क्योंकि पोहा की मांग बढ़ने पर धान की भी मांग बढ़ेगी। ऐसे में प्रतिस्पर्धा भी तेज होगी। वैसे भी महामाया धान की कीमत बीते एक बरस से किसानों को सही मिल रही है।