अडानी की कंपनी पर रेड : रिकार्ड में मिलीं कई विसंगतियां – जॉइंट कमिश्नर ठाकुर:

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के एक्साइज और
टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने बुधवार रात सोलन जिले के परवानू शहर में अदानी
विल्मर लिमिटेड के स्टॉक का इंसपेक्शन किया। एक्साइज और टैक्सेशन विभाग के
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि यह कंपनी के भंडार की नियमित जांच का
हिस्सा है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं का भंडारण करने वाली कंपनी राज्य में
नागरिक आपूर्ति विभाग और पुलिस विभाग को भी माल उपलब्ध कराती है।









एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने 135
करोड़ रुपये का कारोबार किया था। उत्पाद शुल्क विभाग ने बताया कि कंपनी का
पूरा माल एवं सेवा कर (GST) क्रेडिट के माध्यम से समायोजित किया गया है और
नकद में कोई भुगतान नहीं हुआ है। अडानी समूह की सात कंपनियां राज्य में
कारोबार कर रही हैं।





संदेह पैदा होने पर शुरू हुई छापेमारी
एक्साइज और टैक्सेशन
डिपार्टमेंट, साउथ जोन के जॉइंट कमिश्नर जीडी ठाकुर ने कहा, ‘रिकार्ड
खंगालने के दौरान हमें कई विसंगतियां मिलीं। उन्होंने कहा कि इसने संदेह
पैदा किया और एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने कंपनी के दस्तावेजों की
खोज करने और स्टॉक का इंसपेक्शन करने का फैसला किया। छापेमारी अब भी जारी
है।









कंपनी ने कहा- कोई अनियमितता नहीं मिली
अडानी विल्मर ने बयान जारी कर
कहा कि हिमाचल प्रदेश जीएसटी विभाग को कंपनी के संचालन और सौदे में कोई
अनियमितता नहीं मिली है। कंपनी के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक बयान में कहा,
कर्मचारियों ने इस नियमित निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और स्थानीय
अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करते हुए अपना समर्थन दिया।





प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह अधिकारियों का रूटीन दौरा था। इस दौरान
अधिकारियों को कोई अनियमितता नहीं मिली। जीएसटी अधिकारियों ने हिमाचल
प्रदेश के परवाणू में अडानी विल्मर के डिपो गोदामों में से एक का कल
(बुधवार) शाम दौरा किया था।





छापेमारी पर क्या बोले CM सुक्खू
वहीं, इस छापेमारी
पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ‘हमारा
किसी छापेमारी का इरादा नहीं है। यह नियमित (प्रक्रिया) है और यह होता रहता
है। अदानी ग्रुप की हिमाचल प्रदेश में फैक्ट्रियां हैं। ट्रक संचालकों और
उनके बीच विवाद होता है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में अडानी ग्रुप और
ट्रक ऑपरेटर मामले को सुलझा लेंगे।


शिमला। हिमाचल प्रदेश के एक्साइज और
टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने बुधवार रात सोलन जिले के परवानू शहर में अदानी
विल्मर लिमिटेड के स्टॉक का इंसपेक्शन किया। एक्साइज और टैक्सेशन विभाग के
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि यह कंपनी के भंडार की नियमित जांच का
हिस्सा है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं का भंडारण करने वाली कंपनी राज्य में
नागरिक आपूर्ति विभाग और पुलिस विभाग को भी माल उपलब्ध कराती है।









एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने 135
करोड़ रुपये का कारोबार किया था। उत्पाद शुल्क विभाग ने बताया कि कंपनी का
पूरा माल एवं सेवा कर (GST) क्रेडिट के माध्यम से समायोजित किया गया है और
नकद में कोई भुगतान नहीं हुआ है। अडानी समूह की सात कंपनियां राज्य में
कारोबार कर रही हैं।





संदेह पैदा होने पर शुरू हुई छापेमारी
एक्साइज और टैक्सेशन
डिपार्टमेंट, साउथ जोन के जॉइंट कमिश्नर जीडी ठाकुर ने कहा, ‘रिकार्ड
खंगालने के दौरान हमें कई विसंगतियां मिलीं। उन्होंने कहा कि इसने संदेह
पैदा किया और एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने कंपनी के दस्तावेजों की
खोज करने और स्टॉक का इंसपेक्शन करने का फैसला किया। छापेमारी अब भी जारी
है।









कंपनी ने कहा- कोई अनियमितता नहीं मिली
अडानी विल्मर ने बयान जारी कर
कहा कि हिमाचल प्रदेश जीएसटी विभाग को कंपनी के संचालन और सौदे में कोई
अनियमितता नहीं मिली है। कंपनी के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक बयान में कहा,
कर्मचारियों ने इस नियमित निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और स्थानीय
अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करते हुए अपना समर्थन दिया।





प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह अधिकारियों का रूटीन दौरा था। इस दौरान
अधिकारियों को कोई अनियमितता नहीं मिली। जीएसटी अधिकारियों ने हिमाचल
प्रदेश के परवाणू में अडानी विल्मर के डिपो गोदामों में से एक का कल
(बुधवार) शाम दौरा किया था।





छापेमारी पर क्या बोले CM सुक्खू
वहीं, इस छापेमारी
पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ‘हमारा
किसी छापेमारी का इरादा नहीं है। यह नियमित (प्रक्रिया) है और यह होता रहता
है। अदानी ग्रुप की हिमाचल प्रदेश में फैक्ट्रियां हैं। ट्रक संचालकों और
उनके बीच विवाद होता है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में अडानी ग्रुप और
ट्रक ऑपरेटर मामले को सुलझा लेंगे।


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