रायपुर/05/03/2013/राज्यपाल के अभिभाषण पश्चात कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार के लिए शर्म करने वाली बात है कि जिन राज्यपाल के अभिभाषण पर हमसे आप चर्चा करवा रहे हैं उन्हीं राज्यपाल के खिलाफ यहां की सरकार हाई कोर्ट गई हुई है। जिस दल की सरकार है उस कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय के रास्ते पर राजभवन का बोर्ड टांगे रखा है। विरोध के बावजूद आज तक वह बोर्ड तोड़ा नहीं गया नगर निगम भी मौन रही। छत्तीसगढ़ में संवैधानिक व्यवस्था तार-तार हो रही है। राज्यपाल का ऐसा अपमान कहीं और नहीं देखा गया। परंतु यह सरकार उसी राज्यपाल से अपना गुणगान करवा रही है। छत्तीसगढ़ में सरकार चल रही है या संविधान का मखौल उड़ाया जा रहा है, समझ से परे है।
बृजमोहन ने कहा छत्तीसगढ़ में बहुमत का आपातकाल है और इस बहुमत के आपातकाल में विपक्ष के सदस्य स्थगन प्रस्ताव पर भी बोल नहीं सकते। मंत्री बाधा उत्पन्न करते हैं। हम यहां सदन में किसानों की समस्याओं पर, बेरोजगारी पर, नक्सली हत्याओं पर चर्चा नहीं कर सकते। कितनी लज्जाजनक बात है।
बृजमोहन ने कहा प्रदेश में विकास पूर्णता ठप पड़ा है। कलेक्टर एसपी को निर्देश है कि इस मंत्री का काम करना है, इसका नहीं करना। सरकार का एक मंत्री कहता है कलेक्टर भ्रष्ट है, एसपी मुझे फसाना चाहते हैं। कोई मंत्री कहता है मेरी बात नहीं सुनी जा रही मेरा अपमान हो रहा इसलिए मैं विभाग छोड़ देता हूं। एक विधायक एसपी को दंगाई कहता है। क्या यही छत्तीसगढ़ की सरकार है?
बस्तर की बात करें तो वहां के आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने का पूरा प्रयास हो रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं होता जब बस्तर के आदिवासी सड़क पर आकर अपने साथ हो रहे अन्याय, सरकार का विरोध नहीं करते। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा कि मुख्यमंत्री निवास में गेड़ी चढ़ने से, तीज त्यौहार मना लेने से, हाथ में भंवरा चला लेने से छत्तीसगढ़िया लोगों की जीवन में खुशहाली नहीं आएगी। खुशहाली तब आएगी जब उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान देंगे। उनके उज्जवल भविष्य निर्माण की दिशा में पहल करेंगे।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार चरम पर है आईएएस अधिकारियों के यहां छापे पड़ रहे हैं वे जेल जा रहे हैं। 500 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त हो रही है। क्या यह छत्तीसगढ़ियों का पैसा नहीं है?
उन्होंने धर्मांतरण पर बात रखते हुए कहा कि इस सरकार ने जाति को जाति से, वर्ग को वर्ग से, धर्म को धर्म से लड़ाकर राजनीतिक साजिश रच रही है। छत्तीसगढ़ में आज भगवा झंडे को पैरों तले कुचला जा रहा है। सनातन धर्म का निरंतर अपमान हो रहा है।
बस्तर में पुलिस की आला अफसर लिखित तौर पर कह रहे हैं कि धर्मांतरण की वजह से विस्फोटक की स्थिति बन रही है। बस्तर में धर्मांतरण पर 80 प्रकरण दर्ज होते हैं परंतु कार्यवाही एक में भी नहीं होती। उल्टे धर्मांतरण का विरोध करने वाले सीखचो के पीछे चले जाते हैं।
नक्सलवाद पर बात रखते हुए बृजमोहन ने कहा कि आज के समय में हम सभी का जीवन खतरे में हैं। जो नक्सलवाद के खिलाफ बात करेगा उस पर हमला हो सकता है। छत्तीसगढ़ में एक समय था जब विधानसभा के गोपनीय सत्र बुलाए जाते थे। नक्सलवाद की समस्या पर चर्चा कर रास्ते निकाले जाते थे। परंतु आज हम स्थगन पर चर्चा करना चाहते हैं तो उस पर बात नहीं होती। हमारे भाजपा के कार्यकर्ता मारे गए आखिर वह भी छत्तीसगढ़ महतारी के सपूत थे। लेकिन उस पर सरकार चर्चा नहीं करना चाहती। बस्तर में विकास के काम रोक दिए जाते हैं, गाड़ियां जला दी जाती है पर सरकार चर्चा नहीं करना चाहती।
राजनंदगांव, बलरामपुर, कवर्धा, कांकेर में नक्सलवाद लगभग समाप्त हो गया था परंतु यहां नक्सलवाद फिर सिर उठा रहा है। आज फिर से छत्तीसगढ़ में नक्सल घटनाएं सबसे ज्यादा हो रही है पूरे देश में सिविलियंस, सरपंच, पंच इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा आज छत्तीसगढ़ के जंगलों में एक विशेष वर्ग का राज हो गया है। वह जंगल काट रहे हैं। तबाह कर रहे हैं। वह शिकार कर रहे हैं और सब मंत्री आंख बंद करके बैठे हुए हैं। मंत्री चाह कर भी कुछ कहने से घबराते हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य था। परंतु अब यहां भी बिजली कटौती शुरू हो गई है। बिजली विभाग का बड़ा ही बुरा हाल है। 13000 करोड़ कर्ज में डूबी है यहां की बिजली कंपनियां।
स्वास्थ्य सुविधा की बात करें तो छत्तीसगढ़ में एक भी ऐसा शासकीय अस्पताल नहीं है जहां पर ओपन हार्ट सर्जरी हो सके। मुख्यमंत्री जी बड़ी-बड़ी बात करते हैं परंतु स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बहुत बुरा है गरीब तड़प तड़प कर मरने मजबूत है।
सिंचाई योजना पर उन्होंने कहा कि साढ़े 4 साल में छत्तीसगढ़ में एक भी नई सिंचाई परियोजना नहीं आई है । सरकार द्वारा बताई गई सारी बातें जमा खर्च के अलावा कुछ भी नहीं।किसानी पर कहा कि छत्तीसगढ़ का किसान कर्ज से परेशान हैं, वह कराह रहा है। कृषि मंत्री के जिले में करोड़ों के टमाटर फेंके गए। वे खून के आंसू रो रहे हैं।
उन्होंने भूमाफिया पर कहा कि रायपुर शहर में भू माफियाओं का खुला खेल चल रहा है। मैंने विधानसभा में ध्यानाकर्षण भी लगाया था कि अवैध प्लाटिंग हो रही है। अवैध प्लाटिंग में नगर निगम सड़क के लिए पैसे सैंक्शन कर देता है भाटागांव, मठपुरैना बोरिया, कांदुल दतरेंगा, डोमा, नई राजधानी के जोरा, पिरदा, नरदहा मांडर, कबीर नगर, लालपुर, देवपुरी, छेरीखेड़ी में यह काम जोरों से चल रहा है।
अपराध की बात करूं तो छत्तीसगढ़ में अपराध चरम पर है। राजधानी रायपुर में एक 16 साल की खून से लथपथ लड़की को एक अधेड़ हाथ में कटार लिए बाल खींचते हुए सड़क पर घुमा रहा था। क्या यही सरकार है? रायपुर में चाकूबाजी की घटना आम है लोग अब राजधानी को रायपुर नहीं चाकूपुर कहने लगे हैं। एक समय था जब पुलिस के जूतों की धमक होती थी। अपराधी उनसे डरते थे पर अब सब खत्म हो गया है। थानों का सौदा होगा तो अपराधी तो बेखौफ होंगे ही। लोग सोचते हैं राजधानी में उनका मकान हो। उनके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़े। परंतु यहां का माहौल देखकर लोग अब डर जाते हैं। राजधानी में नशे का खुला व्यापार चल रहा है। चरस, गांजा अफीम, कोकीन अन्य नशीली पदार्थों की सहज उपलब्धता है। एक समय था जब नशे के कारोबारी रायपुर में धंधा करने से घबराते थे। अगर करते थे तो उनका स्थान जेल के पीछे होता था। परंतु आज की स्थिति ऐसी है की सैंया भय कोतवाल तो डर काहे का। आज छत्तीसगढ़ की आबादी पौने 3करोड़ है। शराब खपत के मामले में हमारा राज्य देश के दूसरे नंबर पर है।
बृजमोहन ने कहा कि प्रदेश में इतने अवैध काम हो रहे हैं। इतनी गड़बड़ियां हो रही है परंतु बड़े अफसर भी मौन हैं। एक समय था जब आईएएस आईपीएस के भीतर एक जज्बा होता था, कुछ कर गुजरने का। परंतु आज हालात अलग हो गए हैं। उन्हें सिर्फ ऐसी जगह पोस्टिंग चाहिए जहां पर ज्यादा पैसे हो। जहां बड़ी खदान हो, जहां ज्यादा इंडस्ट्री हो जहां ज्यादा डीएमएफ हो और सरकार भी अब बोली लगानी शुरू कर दी है।
इस सरकार ने तो रायपुर शहर का बुरा हाल कर रखा है। मुख्यमंत्री ने गरज कर विधानसभा में कहा था स्काईवॉक के बारे में हम निर्णय लेंगे परंतु आज तक वह निर्णय नहीं ले सके। शारदा चौक से चौड़ीकरण के लिए मैंने 10 पत्र लिखे हैं। विधानसभा में उठाया। उसके बाद भी शहर के लिए 44 करोड राशि नहीं मिलती है। इधर स्मार्ट सिटी के पैसे की भी बंदरबांट हो गए हैं। स्मार्ट सिटी का 1000 करोड़ भी इमानदारी से रायपुर में खर्च हो जाता तो रायपुर शहर चमक जाता।
उन्होंने कहा कि किसान अथक परिश्रम करके धान पैदा करता है। कम से कम उसमे तो सरकार को भ्रष्टाचार नही करना चाहिए। राइस मिल वालों से ₹120 वसूल करेंगे तो बाजार में चावल मांगा होगा ही। ₹60 मिलिंग हो रही है तो ₹20 कमीशन लिया जा रहा है।
बृजमोहन ने पूछा यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड, भूमिहीनों को घर, शहरी भूमिहीनों को पट्टा, महिला सुरक्षा, सरकारी कर्मचारियों की क्रमोन्नति, पदोन्नति, चार स्तरीय वेतनमान, नियमितीकरण, विधवा पेंशन, स्व सहायता समूह का कर्ज माफ, 200 फूड पार्क, लोकपाल, नक्सल समस्या, वकील और डॉक्टर के लिए विशेष कानून, गजराज योजना, पर्यटन स्थलों का विकास, आउटसोर्सिंग, 125000 पदों की भर्ती, नवमी के सभी बच्चों को साइकिल, संपत्ति का आधा, स्कूल कॉलेज के छात्रों को मुफ्त परिवहन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर, सभी जिलों में वृद्ध आश्रम, इंदिरा पेंशन योजना, सुपेबेड़ा में नल जल योजना, सातवें वेतनमान की बकाया राशि, विद्या मितानिनों का नियमितीकरण, पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश, चिटफंड का पूरा पैसा कब वापस होगा, उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा कब की जाएगी उनको पुरस्कार कब मिलेगा आदि विषय आदि विषय सरकार की नाकामी के हैं।
रायपुर/05/03/2013/राज्यपाल के अभिभाषण पश्चात कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार के लिए शर्म करने वाली बात है कि जिन राज्यपाल के अभिभाषण पर हमसे आप चर्चा करवा रहे हैं उन्हीं राज्यपाल के खिलाफ यहां की सरकार हाई कोर्ट गई हुई है। जिस दल की सरकार है उस कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय के रास्ते पर राजभवन का बोर्ड टांगे रखा है। विरोध के बावजूद आज तक वह बोर्ड तोड़ा नहीं गया नगर निगम भी मौन रही। छत्तीसगढ़ में संवैधानिक व्यवस्था तार-तार हो रही है। राज्यपाल का ऐसा अपमान कहीं और नहीं देखा गया। परंतु यह सरकार उसी राज्यपाल से अपना गुणगान करवा रही है। छत्तीसगढ़ में सरकार चल रही है या संविधान का मखौल उड़ाया जा रहा है, समझ से परे है।
बृजमोहन ने कहा छत्तीसगढ़ में बहुमत का आपातकाल है और इस बहुमत के आपातकाल में विपक्ष के सदस्य स्थगन प्रस्ताव पर भी बोल नहीं सकते। मंत्री बाधा उत्पन्न करते हैं। हम यहां सदन में किसानों की समस्याओं पर, बेरोजगारी पर, नक्सली हत्याओं पर चर्चा नहीं कर सकते। कितनी लज्जाजनक बात है।
बृजमोहन ने कहा प्रदेश में विकास पूर्णता ठप पड़ा है। कलेक्टर एसपी को निर्देश है कि इस मंत्री का काम करना है, इसका नहीं करना। सरकार का एक मंत्री कहता है कलेक्टर भ्रष्ट है, एसपी मुझे फसाना चाहते हैं। कोई मंत्री कहता है मेरी बात नहीं सुनी जा रही मेरा अपमान हो रहा इसलिए मैं विभाग छोड़ देता हूं। एक विधायक एसपी को दंगाई कहता है। क्या यही छत्तीसगढ़ की सरकार है?
बस्तर की बात करें तो वहां के आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने का पूरा प्रयास हो रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं होता जब बस्तर के आदिवासी सड़क पर आकर अपने साथ हो रहे अन्याय, सरकार का विरोध नहीं करते। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा कि मुख्यमंत्री निवास में गेड़ी चढ़ने से, तीज त्यौहार मना लेने से, हाथ में भंवरा चला लेने से छत्तीसगढ़िया लोगों की जीवन में खुशहाली नहीं आएगी। खुशहाली तब आएगी जब उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान देंगे। उनके उज्जवल भविष्य निर्माण की दिशा में पहल करेंगे।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार चरम पर है आईएएस अधिकारियों के यहां छापे पड़ रहे हैं वे जेल जा रहे हैं। 500 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त हो रही है। क्या यह छत्तीसगढ़ियों का पैसा नहीं है?
उन्होंने धर्मांतरण पर बात रखते हुए कहा कि इस सरकार ने जाति को जाति से, वर्ग को वर्ग से, धर्म को धर्म से लड़ाकर राजनीतिक साजिश रच रही है। छत्तीसगढ़ में आज भगवा झंडे को पैरों तले कुचला जा रहा है। सनातन धर्म का निरंतर अपमान हो रहा है।
बस्तर में पुलिस की आला अफसर लिखित तौर पर कह रहे हैं कि धर्मांतरण की वजह से विस्फोटक की स्थिति बन रही है। बस्तर में धर्मांतरण पर 80 प्रकरण दर्ज होते हैं परंतु कार्यवाही एक में भी नहीं होती। उल्टे धर्मांतरण का विरोध करने वाले सीखचो के पीछे चले जाते हैं।
नक्सलवाद पर बात रखते हुए बृजमोहन ने कहा कि आज के समय में हम सभी का जीवन खतरे में हैं। जो नक्सलवाद के खिलाफ बात करेगा उस पर हमला हो सकता है। छत्तीसगढ़ में एक समय था जब विधानसभा के गोपनीय सत्र बुलाए जाते थे। नक्सलवाद की समस्या पर चर्चा कर रास्ते निकाले जाते थे। परंतु आज हम स्थगन पर चर्चा करना चाहते हैं तो उस पर बात नहीं होती। हमारे भाजपा के कार्यकर्ता मारे गए आखिर वह भी छत्तीसगढ़ महतारी के सपूत थे। लेकिन उस पर सरकार चर्चा नहीं करना चाहती। बस्तर में विकास के काम रोक दिए जाते हैं, गाड़ियां जला दी जाती है पर सरकार चर्चा नहीं करना चाहती।
राजनंदगांव, बलरामपुर, कवर्धा, कांकेर में नक्सलवाद लगभग समाप्त हो गया था परंतु यहां नक्सलवाद फिर सिर उठा रहा है। आज फिर से छत्तीसगढ़ में नक्सल घटनाएं सबसे ज्यादा हो रही है पूरे देश में सिविलियंस, सरपंच, पंच इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा आज छत्तीसगढ़ के जंगलों में एक विशेष वर्ग का राज हो गया है। वह जंगल काट रहे हैं। तबाह कर रहे हैं। वह शिकार कर रहे हैं और सब मंत्री आंख बंद करके बैठे हुए हैं। मंत्री चाह कर भी कुछ कहने से घबराते हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य था। परंतु अब यहां भी बिजली कटौती शुरू हो गई है। बिजली विभाग का बड़ा ही बुरा हाल है। 13000 करोड़ कर्ज में डूबी है यहां की बिजली कंपनियां।
स्वास्थ्य सुविधा की बात करें तो छत्तीसगढ़ में एक भी ऐसा शासकीय अस्पताल नहीं है जहां पर ओपन हार्ट सर्जरी हो सके। मुख्यमंत्री जी बड़ी-बड़ी बात करते हैं परंतु स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बहुत बुरा है गरीब तड़प तड़प कर मरने मजबूत है।
सिंचाई योजना पर उन्होंने कहा कि साढ़े 4 साल में छत्तीसगढ़ में एक भी नई सिंचाई परियोजना नहीं आई है । सरकार द्वारा बताई गई सारी बातें जमा खर्च के अलावा कुछ भी नहीं।किसानी पर कहा कि छत्तीसगढ़ का किसान कर्ज से परेशान हैं, वह कराह रहा है। कृषि मंत्री के जिले में करोड़ों के टमाटर फेंके गए। वे खून के आंसू रो रहे हैं।
उन्होंने भूमाफिया पर कहा कि रायपुर शहर में भू माफियाओं का खुला खेल चल रहा है। मैंने विधानसभा में ध्यानाकर्षण भी लगाया था कि अवैध प्लाटिंग हो रही है। अवैध प्लाटिंग में नगर निगम सड़क के लिए पैसे सैंक्शन कर देता है भाटागांव, मठपुरैना बोरिया, कांदुल दतरेंगा, डोमा, नई राजधानी के जोरा, पिरदा, नरदहा मांडर, कबीर नगर, लालपुर, देवपुरी, छेरीखेड़ी में यह काम जोरों से चल रहा है।
अपराध की बात करूं तो छत्तीसगढ़ में अपराध चरम पर है। राजधानी रायपुर में एक 16 साल की खून से लथपथ लड़की को एक अधेड़ हाथ में कटार लिए बाल खींचते हुए सड़क पर घुमा रहा था। क्या यही सरकार है? रायपुर में चाकूबाजी की घटना आम है लोग अब राजधानी को रायपुर नहीं चाकूपुर कहने लगे हैं। एक समय था जब पुलिस के जूतों की धमक होती थी। अपराधी उनसे डरते थे पर अब सब खत्म हो गया है। थानों का सौदा होगा तो अपराधी तो बेखौफ होंगे ही। लोग सोचते हैं राजधानी में उनका मकान हो। उनके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़े। परंतु यहां का माहौल देखकर लोग अब डर जाते हैं। राजधानी में नशे का खुला व्यापार चल रहा है। चरस, गांजा अफीम, कोकीन अन्य नशीली पदार्थों की सहज उपलब्धता है। एक समय था जब नशे के कारोबारी रायपुर में धंधा करने से घबराते थे। अगर करते थे तो उनका स्थान जेल के पीछे होता था। परंतु आज की स्थिति ऐसी है की सैंया भय कोतवाल तो डर काहे का। आज छत्तीसगढ़ की आबादी पौने 3करोड़ है। शराब खपत के मामले में हमारा राज्य देश के दूसरे नंबर पर है।
बृजमोहन ने कहा कि प्रदेश में इतने अवैध काम हो रहे हैं। इतनी गड़बड़ियां हो रही है परंतु बड़े अफसर भी मौन हैं। एक समय था जब आईएएस आईपीएस के भीतर एक जज्बा होता था, कुछ कर गुजरने का। परंतु आज हालात अलग हो गए हैं। उन्हें सिर्फ ऐसी जगह पोस्टिंग चाहिए जहां पर ज्यादा पैसे हो। जहां बड़ी खदान हो, जहां ज्यादा इंडस्ट्री हो जहां ज्यादा डीएमएफ हो और सरकार भी अब बोली लगानी शुरू कर दी है।
इस सरकार ने तो रायपुर शहर का बुरा हाल कर रखा है। मुख्यमंत्री ने गरज कर विधानसभा में कहा था स्काईवॉक के बारे में हम निर्णय लेंगे परंतु आज तक वह निर्णय नहीं ले सके। शारदा चौक से चौड़ीकरण के लिए मैंने 10 पत्र लिखे हैं। विधानसभा में उठाया। उसके बाद भी शहर के लिए 44 करोड राशि नहीं मिलती है। इधर स्मार्ट सिटी के पैसे की भी बंदरबांट हो गए हैं। स्मार्ट सिटी का 1000 करोड़ भी इमानदारी से रायपुर में खर्च हो जाता तो रायपुर शहर चमक जाता।
उन्होंने कहा कि किसान अथक परिश्रम करके धान पैदा करता है। कम से कम उसमे तो सरकार को भ्रष्टाचार नही करना चाहिए। राइस मिल वालों से ₹120 वसूल करेंगे तो बाजार में चावल मांगा होगा ही। ₹60 मिलिंग हो रही है तो ₹20 कमीशन लिया जा रहा है।
बृजमोहन ने पूछा यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड, भूमिहीनों को घर, शहरी भूमिहीनों को पट्टा, महिला सुरक्षा, सरकारी कर्मचारियों की क्रमोन्नति, पदोन्नति, चार स्तरीय वेतनमान, नियमितीकरण, विधवा पेंशन, स्व सहायता समूह का कर्ज माफ, 200 फूड पार्क, लोकपाल, नक्सल समस्या, वकील और डॉक्टर के लिए विशेष कानून, गजराज योजना, पर्यटन स्थलों का विकास, आउटसोर्सिंग, 125000 पदों की भर्ती, नवमी के सभी बच्चों को साइकिल, संपत्ति का आधा, स्कूल कॉलेज के छात्रों को मुफ्त परिवहन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर, सभी जिलों में वृद्ध आश्रम, इंदिरा पेंशन योजना, सुपेबेड़ा में नल जल योजना, सातवें वेतनमान की बकाया राशि, विद्या मितानिनों का नियमितीकरण, पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश, चिटफंड का पूरा पैसा कब वापस होगा, उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा कब की जाएगी उनको पुरस्कार कब मिलेगा आदि विषय आदि विषय सरकार की नाकामी के हैं।