गरियाबंद जिले के आदिवासी आश्रम-छात्रावासों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले पर मंगलवार को विधानसभा में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चार साल से गायब कर्मचारी को भी नियमित कर दिया गया। इस पूरे मामले पर आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने सहायक आयुक्त को निलंबित कर जांच कराने की घोषणा की।
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य अमितेश शुक्ल के सवाल के जवाब में आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने बताया कि गरियाबंद जिले के आश्रम-छात्रावास में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि वहां कार्यरत 90 दैनिक वेतन भोगी कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को आकस्मिकता निधि स्थापना में नियमित वेतनमान की स्वीकृति दी गई है।
कांग्रेस सदस्य अमितेश शुक्ल इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने जोर देकर कहा कि 28 फरवरी 2022 को 90 कर्मचारियों को नियमित किया गया है। उनके पास आदेश की कॉपी है। शुक्ल ने यह बताया कि सोहन लाल नेताम नाम के एक कर्मचारी, जो कि चार साल से गायब था उससे लेनदेन कर नियमित कर दिया गया। इस पर मंत्री ने कहा कि नियमित नहीं किया गया है। आकस्मिकता निधि स्थापना में नियमित वेतनमान पर रखा गया है।
शुक्ल ने नियमितीकरण के लिए पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया। उनके जोर देने पर आदिमजाति विकास मंत्री ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। साथ ही सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा की।
गरियाबंद जिले के आदिवासी आश्रम-छात्रावासों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले पर मंगलवार को विधानसभा में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चार साल से गायब कर्मचारी को भी नियमित कर दिया गया। इस पूरे मामले पर आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने सहायक आयुक्त को निलंबित कर जांच कराने की घोषणा की।
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य अमितेश शुक्ल के सवाल के जवाब में आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने बताया कि गरियाबंद जिले के आश्रम-छात्रावास में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि वहां कार्यरत 90 दैनिक वेतन भोगी कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को आकस्मिकता निधि स्थापना में नियमित वेतनमान की स्वीकृति दी गई है।
कांग्रेस सदस्य अमितेश शुक्ल इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने जोर देकर कहा कि 28 फरवरी 2022 को 90 कर्मचारियों को नियमित किया गया है। उनके पास आदेश की कॉपी है। शुक्ल ने यह बताया कि सोहन लाल नेताम नाम के एक कर्मचारी, जो कि चार साल से गायब था उससे लेनदेन कर नियमित कर दिया गया। इस पर मंत्री ने कहा कि नियमित नहीं किया गया है। आकस्मिकता निधि स्थापना में नियमित वेतनमान पर रखा गया है।
शुक्ल ने नियमितीकरण के लिए पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया। उनके जोर देने पर आदिमजाति विकास मंत्री ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। साथ ही सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा की।