विनम्र श्रद्धांजलि राम स्वरूप ब्रम्हभट्ट
यकीन नहीं हो रहा है उनके जैसे हंसमुख मिलनसार सबको ऊर्जा देने वाले , साथी कर्मचारियों में बिना वर्ग विभेद किए सबको खुशियां और मुस्कुराहट बाटने वाला आज हम सब को छोड़कर अनंत यात्रा में चला गया ।
5 साल साथ में काम करने का अवसर मिला था ,तबसे वे हमेशा दिल से साथ जुड़ा हुआ था । कोई भी विषय हो फोन कर या आकर सलाह लेता था , अनेक बार मैं उनसे कहता था अरे आप सब जानते उसके बाद मेरे से पूछते हो यह ठीक नहीं है ,तब वह कहते थे सलाह लेने में कोई पैसा थोड़ी लगता है और जब दो का सलाह एक जैसा हो तो उसमें गलती हो ही नहीं सकती ।
अनेक बार कई लोगों का काम लेकर मेरे पास आते थे जिस जरूरतमंद का काम रहता था जब तक उसे नहीं करा देते शांति से नहीं बैठते थे। उम्र में बड़ा था पर भी मुझे बड़ा भाई कहकर संबोधित करते थे
श्री ब्रम्हभट , अजय चंद्राकर जी , बृजमोहन अग्रवाल जी के मंत्रालय कार्यालय में अपनी सेवाए दी । अवर सचिव लोक निर्माण विभाग, संसदीय कार्य विभाग में भी पदस्थ रहे ।
अगर मंत्रालय के किसी विभाग में कोई काम में , अड़चन में फंस जाए तो उसका निराकारण या रास्ता निस्वार्थ भाव से परामर्श देने में अव्वल थे , वे मंत्रालय में घूम घूमकर जरूरतमंदो का काम करवा देते थे बस एक फोन भर कर दो ।उनके पास मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ मंत्रालय का गहरा अनुभव था , नियम ,कानून, व अध्यादेशों के राजपत्र के प्रकाशित विषयों पर मैं हमेशा उससे ही पूछता था , मंत्रालय के नियमो का तो चलता फिरता विकिपीडिया था , साथ हाजिर जवाबी थे वे ।।
।।अलविदा ब्रम्हभट्ट जी।।
....मनोज शुक्ल
विनम्र श्रद्धांजलि राम स्वरूप ब्रम्हभट्ट
यकीन नहीं हो रहा है उनके जैसे हंसमुख मिलनसार सबको ऊर्जा देने वाले , साथी कर्मचारियों में बिना वर्ग विभेद किए सबको खुशियां और मुस्कुराहट बाटने वाला आज हम सब को छोड़कर अनंत यात्रा में चला गया ।
5 साल साथ में काम करने का अवसर मिला था ,तबसे वे हमेशा दिल से साथ जुड़ा हुआ था । कोई भी विषय हो फोन कर या आकर सलाह लेता था , अनेक बार मैं उनसे कहता था अरे आप सब जानते उसके बाद मेरे से पूछते हो यह ठीक नहीं है ,तब वह कहते थे सलाह लेने में कोई पैसा थोड़ी लगता है और जब दो का सलाह एक जैसा हो तो उसमें गलती हो ही नहीं सकती ।
अनेक बार कई लोगों का काम लेकर मेरे पास आते थे जिस जरूरतमंद का काम रहता था जब तक उसे नहीं करा देते शांति से नहीं बैठते थे। उम्र में बड़ा था पर भी मुझे बड़ा भाई कहकर संबोधित करते थे
श्री ब्रम्हभट , अजय चंद्राकर जी , बृजमोहन अग्रवाल जी के मंत्रालय कार्यालय में अपनी सेवाए दी । अवर सचिव लोक निर्माण विभाग, संसदीय कार्य विभाग में भी पदस्थ रहे ।
अगर मंत्रालय के किसी विभाग में कोई काम में , अड़चन में फंस जाए तो उसका निराकारण या रास्ता निस्वार्थ भाव से परामर्श देने में अव्वल थे , वे मंत्रालय में घूम घूमकर जरूरतमंदो का काम करवा देते थे बस एक फोन भर कर दो ।उनके पास मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ मंत्रालय का गहरा अनुभव था , नियम ,कानून, व अध्यादेशों के राजपत्र के प्रकाशित विषयों पर मैं हमेशा उससे ही पूछता था , मंत्रालय के नियमो का तो चलता फिरता विकिपीडिया था , साथ हाजिर जवाबी थे वे ।।
।।अलविदा ब्रम्हभट्ट जी।।
....मनोज शुक्ल