राजधानी रायपुर की ट्रैफिक व्यवस्था दिनों दिन खराब होते जा रहा है। शायद ही कोई इस विभाग में हो जो रुचि लेकर अपने दायित्त्व का निर्वहन कर सके! पंडरी बस स्टैंड में यातायात पुलिस का कार्यालय है पर चालान काटने यानी दो पहिया में 3 सवारी, गाड़ियों के कागजात देखना , हॉर्न, नम्बर प्लेट का न होना इत्यादि पर ही कार्यवाही करते ही दिखाई देते हैं। कभी ये नहीं दिखा की यातायात पुलिस चार पहिया वाहन जो रास्ते के ऊपर पार्क / खड़ी करते हैं उन पर कार्यवाही किये हों या लॉक लगाकर यातायात थाने में लाये हों !
इस बाबत कई बार प्रशासन को समाचार प्रकाशित कर अवगत भी करवाया गया पर देखने मे आता है कि कार्यवाही या ट्रैफिक नियमों का पालन करवाना ट्रैफिक पुलिस प्रशासन नहीं करती है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो आगे चलकर लोग बीच सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर सामान खरीदेंगे, दुकानों में जाएंगे व आदि। पड़े लिखे होने के बावजूद कब ऐसे लोगों का सेंस जागेगा ?
रायपुर यातायात पुलिस को ट्रैफिक मैनेजमेंट सीखने की बहुत ही जरूरत है अन्यथा ट्रैफिक मिस मैनेजमेंट की भेंट चढ़ जाएगा।
राजधानी रायपुर की ट्रैफिक व्यवस्था दिनों दिन खराब होते जा रहा है। शायद ही कोई इस विभाग में हो जो रुचि लेकर अपने दायित्त्व का निर्वहन कर सके! पंडरी बस स्टैंड में यातायात पुलिस का कार्यालय है पर चालान काटने यानी दो पहिया में 3 सवारी, गाड़ियों के कागजात देखना , हॉर्न, नम्बर प्लेट का न होना इत्यादि पर ही कार्यवाही करते ही दिखाई देते हैं। कभी ये नहीं दिखा की यातायात पुलिस चार पहिया वाहन जो रास्ते के ऊपर पार्क / खड़ी करते हैं उन पर कार्यवाही किये हों या लॉक लगाकर यातायात थाने में लाये हों !
इस बाबत कई बार प्रशासन को समाचार प्रकाशित कर अवगत भी करवाया गया पर देखने मे आता है कि कार्यवाही या ट्रैफिक नियमों का पालन करवाना ट्रैफिक पुलिस प्रशासन नहीं करती है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो आगे चलकर लोग बीच सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर सामान खरीदेंगे, दुकानों में जाएंगे व आदि। पड़े लिखे होने के बावजूद कब ऐसे लोगों का सेंस जागेगा ?
रायपुर यातायात पुलिस को ट्रैफिक मैनेजमेंट सीखने की बहुत ही जरूरत है अन्यथा ट्रैफिक मिस मैनेजमेंट की भेंट चढ़ जाएगा।