श्रीनगर, 27 जून (एजेंसी)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना जम्मू कश्मीर में इंटरनेट मीडिया के जरिए नए आतंकियों की भर्ती, आतंकी हिंसा फैलाने और ड्रोन के जरिए हथियारों व नशीले पदार्थ पहुंचा रहे हैं। इसके लिए आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और अल-बदर जैसे आतंकी संगठनों के नए छद्म संगठन खड़े किए हैं।
इस नए षड्यंत्र के सभी तार खंगालते हुए एनआईए ने सोमवार को कश्मीर के चार जिलों में 12 जगहों पर छापे मारे। इस दौरान किसी को हिरासत में तो नहीं लिया गया है, लेकिन एनआईए ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डिजिटल उपकरण और वित्तीय लेनदेन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने सुबह जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, शोपियां और पुलवामा के अलावा उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में सक्रिय द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, मुजाहिदीन गजवातुल हिंद जैसे संगठनों के लिए काम कर रहे ओवरग्राउंड वर्करों व इनसे संबंधित स्थानीय आतंकियों के ठिकानों की तलाशी ली।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच खुद को कश्मीर में आतंकी हिंसा और अलगाववाद से अलग-थलग दिखाने के लश्कर, हिजबुल, जैश और अल-बदर जैसे आतंकी संगठनों को जम्मू कश्मीर का स्थानीय आतंकी संगठन साबित करने के लिए टीआरएफ और पीएएफएफ, कश्मीर टाइगर्स, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, मुजाहिदीन गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों को सक्रिय किया है। यह नए संगठन लश्कर, जैश व अन्य आतंकी संगठनों के छद्म संगठन और हिट स्क्वाड है।
आइएसआइ अब इन्हीं संगठनों के जरिए जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों का एक बड़ा षड्यंत्र बीते साल रचा था। एनआईए को इस षड्यंत्र का समय रहते पता चल गया और 21 जून, 2022 को मामला दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की। इसके साथ ही विभिन्न इलाकों में छापेमारी करते हुए जांच का सिलसिला आगे बढ़ाया।जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी एजेंसियां और आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए जम्मू कश्मीर में सक्रिय हथियार व नशीले पदार्थ पहुंचा रहे हैं।
इसके अलावा स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती होने व सीमा पार से पहुंचाए गए आइईडी, स्टिकी बम व असाल्ट राइफलों से आम लोगों को निशाना बनाने के लिए उकसाया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।जम्मू कश्मीर के युवाओं में जिहादी मानसिकता पैदा की जा रही है। इस मामले की जांच के सिलसिले में बीते कुछ दिनों के दौरान एनआइए ने लगभग 125 जगहों पर तलाशी ली है। जांच में पता चला है कि इन नए आतंकी संगठनों का कैडर देश-विदेश में बैठे हैंडलरों और साथियों से संपर्क के लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है।
श्रीनगर, 27 जून (एजेंसी)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना जम्मू कश्मीर में इंटरनेट मीडिया के जरिए नए आतंकियों की भर्ती, आतंकी हिंसा फैलाने और ड्रोन के जरिए हथियारों व नशीले पदार्थ पहुंचा रहे हैं। इसके लिए आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और अल-बदर जैसे आतंकी संगठनों के नए छद्म संगठन खड़े किए हैं।
इस नए षड्यंत्र के सभी तार खंगालते हुए एनआईए ने सोमवार को कश्मीर के चार जिलों में 12 जगहों पर छापे मारे। इस दौरान किसी को हिरासत में तो नहीं लिया गया है, लेकिन एनआईए ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डिजिटल उपकरण और वित्तीय लेनदेन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने सुबह जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, शोपियां और पुलवामा के अलावा उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में सक्रिय द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, मुजाहिदीन गजवातुल हिंद जैसे संगठनों के लिए काम कर रहे ओवरग्राउंड वर्करों व इनसे संबंधित स्थानीय आतंकियों के ठिकानों की तलाशी ली।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच खुद को कश्मीर में आतंकी हिंसा और अलगाववाद से अलग-थलग दिखाने के लश्कर, हिजबुल, जैश और अल-बदर जैसे आतंकी संगठनों को जम्मू कश्मीर का स्थानीय आतंकी संगठन साबित करने के लिए टीआरएफ और पीएएफएफ, कश्मीर टाइगर्स, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, मुजाहिदीन गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों को सक्रिय किया है। यह नए संगठन लश्कर, जैश व अन्य आतंकी संगठनों के छद्म संगठन और हिट स्क्वाड है।
आइएसआइ अब इन्हीं संगठनों के जरिए जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों का एक बड़ा षड्यंत्र बीते साल रचा था। एनआईए को इस षड्यंत्र का समय रहते पता चल गया और 21 जून, 2022 को मामला दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की। इसके साथ ही विभिन्न इलाकों में छापेमारी करते हुए जांच का सिलसिला आगे बढ़ाया।जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी एजेंसियां और आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए जम्मू कश्मीर में सक्रिय हथियार व नशीले पदार्थ पहुंचा रहे हैं।
इसके अलावा स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती होने व सीमा पार से पहुंचाए गए आइईडी, स्टिकी बम व असाल्ट राइफलों से आम लोगों को निशाना बनाने के लिए उकसाया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।जम्मू कश्मीर के युवाओं में जिहादी मानसिकता पैदा की जा रही है। इस मामले की जांच के सिलसिले में बीते कुछ दिनों के दौरान एनआइए ने लगभग 125 जगहों पर तलाशी ली है। जांच में पता चला है कि इन नए आतंकी संगठनों का कैडर देश-विदेश में बैठे हैंडलरों और साथियों से संपर्क के लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है।