Raipur :: बृजमोहन ने कहा सनातन धर्म विरोधी है कांग्रेस, इसीलिए साधु संतों का करते है अपमान:

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संतों के अपमान पर महंत रामसुंदर दास जी का मौन रहना यह बताता है कि वे सिर्फ कांग्रेस रूपी मुगलिया शासन के मुखौटे हैं। 

रायपुर/31/10/2023/ बृजमोहन अग्रवाल ने जारी बयान में कहा कि उनके नामांकन में  अपना आशीर्वाद देने के लिए देशभर से पहुंचे साधु-संतों को कांग्रेस द्वारा "पैसे लेकर आने वाला कहना" सिर्फ संतों का नही अपितु संपूर्ण सनातन धर्म का अपमान है। कांग्रेस पार्टी को अपनी इस ओछी हरकत के लिए तुरंत ही साधु संतों से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही अपनी पार्टी के इस बयान पर महंत रामसुंदर दास जी का मौन रहना यह बताता है कि कांग्रेस उन्हें सिर्फ मुखौटा के रूप में इस्तेमाल कर रही है। असल में मुगलिया शासन प्रदेश में चलाया जा रहा है। जहां सनातन धर्म व धर्मगुरुओं को दिन प्रतिदिन अपमानित किया जाता है।

उन्होंने कहा कि उनके ही नेतृत्व में त्रिवेणी संगम राज्य में कुंभ का भव्य आयोजन होता था। जिसमें देश भर से साधु संत छत्तीसगढ़ की पावन धारा में पधारते और जन-जन को अपना आशीर्वाद देते थे। चूंकि मेरा पूरा परिवार सनातन धर्मावलंबी है इस वजह से देश भर के साधु संतों से उनका सतत संपर्क और उनका घर परिवार में आना-जाना लगा रहता है। विधानसभा चुनाव के नामांकन में भी पूज्य साधु संत उनके निवास पहुंचे थे। परंतु सनातन धर्म विरोधी कांग्रेस को साधु संतों का पावन चरण मेरे निवास पर पड़ना बर्दाश्त नहीं हो रहा। श्री अग्रवाल ने कहा कि मेरा जीवन जन सेवा,संत सेवा और सनातन धर्म के प्रति समर्पित है और इसके लिए मैं प्राणपण से लगा हूं और लगा रहूंगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्ता में बैठते ही कांग्रेस ने कुंभ समाप्त कर अपना धर्म विरोधी होने का परिचय दे दिया जिसे लेकर देशभर के साधु संतों में बेहद नाराजगी है। उन साधु संतों की मान्यता है कि छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक नगरी त्रिवेणी संगम राजिम में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन पुनः किया जाए।


संतों के अपमान पर महंत रामसुंदर दास जी का मौन रहना यह बताता है कि वे सिर्फ कांग्रेस रूपी मुगलिया शासन के मुखौटे हैं। 

रायपुर/31/10/2023/ बृजमोहन अग्रवाल ने जारी बयान में कहा कि उनके नामांकन में  अपना आशीर्वाद देने के लिए देशभर से पहुंचे साधु-संतों को कांग्रेस द्वारा "पैसे लेकर आने वाला कहना" सिर्फ संतों का नही अपितु संपूर्ण सनातन धर्म का अपमान है। कांग्रेस पार्टी को अपनी इस ओछी हरकत के लिए तुरंत ही साधु संतों से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही अपनी पार्टी के इस बयान पर महंत रामसुंदर दास जी का मौन रहना यह बताता है कि कांग्रेस उन्हें सिर्फ मुखौटा के रूप में इस्तेमाल कर रही है। असल में मुगलिया शासन प्रदेश में चलाया जा रहा है। जहां सनातन धर्म व धर्मगुरुओं को दिन प्रतिदिन अपमानित किया जाता है।

उन्होंने कहा कि उनके ही नेतृत्व में त्रिवेणी संगम राज्य में कुंभ का भव्य आयोजन होता था। जिसमें देश भर से साधु संत छत्तीसगढ़ की पावन धारा में पधारते और जन-जन को अपना आशीर्वाद देते थे। चूंकि मेरा पूरा परिवार सनातन धर्मावलंबी है इस वजह से देश भर के साधु संतों से उनका सतत संपर्क और उनका घर परिवार में आना-जाना लगा रहता है। विधानसभा चुनाव के नामांकन में भी पूज्य साधु संत उनके निवास पहुंचे थे। परंतु सनातन धर्म विरोधी कांग्रेस को साधु संतों का पावन चरण मेरे निवास पर पड़ना बर्दाश्त नहीं हो रहा। श्री अग्रवाल ने कहा कि मेरा जीवन जन सेवा,संत सेवा और सनातन धर्म के प्रति समर्पित है और इसके लिए मैं प्राणपण से लगा हूं और लगा रहूंगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्ता में बैठते ही कांग्रेस ने कुंभ समाप्त कर अपना धर्म विरोधी होने का परिचय दे दिया जिसे लेकर देशभर के साधु संतों में बेहद नाराजगी है। उन साधु संतों की मान्यता है कि छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक नगरी त्रिवेणी संगम राजिम में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन पुनः किया जाए।


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