कुंवर सिंह किसान बैंगन, टमाटर की खेती से साल में 25 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहे:

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  रायपुर,



मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में किया है सम्मानित



उघानिकी विभाग की योजना





छत्तीसगढ़ शासन की उघानिकी विभाग की योजना का लाभ लेकर जांजगीर चांपा
जिले के किसान उन्नत खेती की ओर आगे बढ़ रहें हैं। पामगढ़ विकास खंड के ग्राम
बारगांव के किसान कुंवर सिंह मधुकर ने ग्राफ्टेड बैंगन और टमाटर की खेती
से लगभग प्रत्येक वर्ष 25 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने
बताया कि 6 एकड़ में बैंगन की खेती करते हैं । एक एकड़ में खीरे के खेती से
भी उन्हें 2 लाख का अतिरिक्त मुनाफा हो जाता है। उघानिकी विभाग की
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से जुड़े तब से उनके जीवन में बदलाव आना शुरू हो
गया आज पूरे प्रदेश में उनका नाम प्रगतिशील किसान के रूप में जाना जाता
है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को
धन्यवाद दिया। किसान कुंवर सिंह मधुकर को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में सम्मानित किया है। इसके साथ
ही उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के माध्यम से लखपति कृषक
बनने पर सम्मानित किया गया है।

    उन्हांेने कहा कि बाजार में 12 महीने बैंगन, टमाटर की हमेशा मांग बनी
रहती है। बाजार से हाथों-हाथ सब्जियां विक्रय हो जाती है। अन्य किसानों को
भी अच्छी फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। कभी सपने में भी नहीं
सोचा था कि वह एक दिन उन्नतशील किसान की श्रेणी में आ जाएंगे। उद्यानिकी
विभाग से मिली तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन ने उनकी खेती करने की विधि को
बहुत ही आसान बना दिया। श्री मधुकर बताते हैं कि अनुदान मिलने से उन्होंने
खेतों में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर लगाए है। बैंगन और टमाटर की मांग अन्य
राज्यों में भी की जाती है।



    उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि उद्यानिकी की एक तकनीक
है जिसमें एक पौधे के रूट स्टॉक दूसरे पौधे के शॉट स्टीम से जोड़े जाते हैं
जिससे दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं। इस प्रकार इस विधि से
पौधे तैयार किये जाते हैं। इसके लिए शासन से किसान कंवर सिंह मधुकर को
प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना अंतर्गत 55 प्रतिशत अनुदान के रूप में
10 एकड़ में दिया गया। वहीं रा.कृ.वि.यो. घटक ग्राफ्टेड बैगन उत्पादन के लिए
0.400 हे. में 30,000 रूपए और शेड नेट हाउस बनाने के लिए 14.20 लाख दिया
गया, जिसमें वह खीरा लगाए हुए थे, वर्तमान में टमाटर लगाएंगे।


  रायपुर,



मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में किया है सम्मानित



उघानिकी विभाग की योजना





छत्तीसगढ़ शासन की उघानिकी विभाग की योजना का लाभ लेकर जांजगीर चांपा
जिले के किसान उन्नत खेती की ओर आगे बढ़ रहें हैं। पामगढ़ विकास खंड के ग्राम
बारगांव के किसान कुंवर सिंह मधुकर ने ग्राफ्टेड बैंगन और टमाटर की खेती
से लगभग प्रत्येक वर्ष 25 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने
बताया कि 6 एकड़ में बैंगन की खेती करते हैं । एक एकड़ में खीरे के खेती से
भी उन्हें 2 लाख का अतिरिक्त मुनाफा हो जाता है। उघानिकी विभाग की
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से जुड़े तब से उनके जीवन में बदलाव आना शुरू हो
गया आज पूरे प्रदेश में उनका नाम प्रगतिशील किसान के रूप में जाना जाता
है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को
धन्यवाद दिया। किसान कुंवर सिंह मधुकर को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में सम्मानित किया है। इसके साथ
ही उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के माध्यम से लखपति कृषक
बनने पर सम्मानित किया गया है।

    उन्हांेने कहा कि बाजार में 12 महीने बैंगन, टमाटर की हमेशा मांग बनी
रहती है। बाजार से हाथों-हाथ सब्जियां विक्रय हो जाती है। अन्य किसानों को
भी अच्छी फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। कभी सपने में भी नहीं
सोचा था कि वह एक दिन उन्नतशील किसान की श्रेणी में आ जाएंगे। उद्यानिकी
विभाग से मिली तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन ने उनकी खेती करने की विधि को
बहुत ही आसान बना दिया। श्री मधुकर बताते हैं कि अनुदान मिलने से उन्होंने
खेतों में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर लगाए है। बैंगन और टमाटर की मांग अन्य
राज्यों में भी की जाती है।



    उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि उद्यानिकी की एक तकनीक
है जिसमें एक पौधे के रूट स्टॉक दूसरे पौधे के शॉट स्टीम से जोड़े जाते हैं
जिससे दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं। इस प्रकार इस विधि से
पौधे तैयार किये जाते हैं। इसके लिए शासन से किसान कंवर सिंह मधुकर को
प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना अंतर्गत 55 प्रतिशत अनुदान के रूप में
10 एकड़ में दिया गया। वहीं रा.कृ.वि.यो. घटक ग्राफ्टेड बैगन उत्पादन के लिए
0.400 हे. में 30,000 रूपए और शेड नेट हाउस बनाने के लिए 14.20 लाख दिया
गया, जिसमें वह खीरा लगाए हुए थे, वर्तमान में टमाटर लगाएंगे।


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