आजकल जिस तरह से घर बनवाते समय बच्चों के लिए उनकी पसंद के अनुसार कमरा
बनवाया जाता है. उसी प्रकार घर के बुजुर्गों की पसंद का ख्याल रखते हुए
उनके कमरे बनवाए जाते है. घर डिजाइन करवाते समय घर के सभी सदस्यों की
सहूलियत का ध्यान रखना चाहिए. आजकल लगभग सभी घरों में कपल, बच्चों, गेस्ट व
पेरेंट्स के लिए अलग से रूम डिज़ाइन करवाया जाता है, लेकिन रूम डिज़ाइन
करवाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी होता
है. वास्तु के नियमों का पालन नहीं करने से व्यक्ति पर परेशानियां आ सकती
है. ऐसे में यदि घर के बुजुर्गों के लिए कमरा डिज़ाइन करवा रहे हैं, तो
वास्तु के नियमों का पालन करना और भी ज़्यादा आवश्यक हो जाता है.
बुज़ुर्गों का रूम ऐसा होना चाहिए. जहां उनका मन लगा रहे. वह स्वस्थ और
ख़ुश रहें, लेकिन कई बार अनजाने में छोटी-छोटी वास्तु की गलतियां हो जाती
हैं. तो चलिए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित
हितेंद्र कुमार शर्मा से.
1. दिशा को न करें नजरअंदाज
घर में किसी भी कमरे को बनवाते समय सबसे ज़्यादा ज़रूरी है. उसकी दिशा का
ध्यान रखना. अगर आप घर के बुजुर्गों के लिए कमरा बनवा रहे हैं. तो ये और भी
ज़रूरी हो जाता है कि वह सही दिशा में बनाया गया हो. गलत दिशा में बनाया
गया कमरा, आपके पेरेंट्स को परेशान कर सकता है या उस कमरे में उन्हें
नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है, इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर
की बुज़ुर्गों का कमरा सदैव घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
2. ना रखें अनावश्यक सामान
घर के बुजुर्गों के कमरे में कभी भी अनावश्यक सामान इकट्ठा नहीं होने देना
चाहिए. आप वहां बुज़ुर्गों की जरूरत के अनुसार फर्नीचर रख सकते हैं, लेकिन
बहुत अधिक फर्नीचर रखने से बचें. ऐसा करने से उनको कमरे में चलने में
परेशानी आ सकती है, और वे इससे असहज हो सकते हैं. इसके अलावा वास्तु
शास्त्र के अनुसार कमरे के अंदर शार्प कोने वाले फ़र्नीचर इस्तेमाल नहीं
करने चाहिए.
3. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स
कोशिश करें कि बुज़ुर्गों के कमरे में बहुत अधिक इलेक्ट्रिक सामान का
इस्तेमाल न हो. इलेक्ट्रिक सामान से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलती है.
जो घर के बुजुर्गों को नुकसान पहुंचा सकती है. आप उनके कमरे में टीवी लगवा
सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि ये टीवी उनके बेड से 5 या 6 फुट दूर हो.
4. हवा के लिए हो पर्याप्त जगह
घर में हवा के आने जाने के लिए खिड़की होना बहुत ज़रूरी होता है. घर के
बुजुर्गों के कमरे में खिड़की होना और भी ज़्यादा जरूरी हो जाता है. इसलिए
हमेशा ध्यान में रखें कि बुज़ुर्गों का कमरा कुछ इस तरह से बनवाया जाए कि
उस कमरे में धूप और हवा सही तरह से आ सके.
आजकल जिस तरह से घर बनवाते समय बच्चों के लिए उनकी पसंद के अनुसार कमरा
बनवाया जाता है. उसी प्रकार घर के बुजुर्गों की पसंद का ख्याल रखते हुए
उनके कमरे बनवाए जाते है. घर डिजाइन करवाते समय घर के सभी सदस्यों की
सहूलियत का ध्यान रखना चाहिए. आजकल लगभग सभी घरों में कपल, बच्चों, गेस्ट व
पेरेंट्स के लिए अलग से रूम डिज़ाइन करवाया जाता है, लेकिन रूम डिज़ाइन
करवाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी होता
है. वास्तु के नियमों का पालन नहीं करने से व्यक्ति पर परेशानियां आ सकती
है. ऐसे में यदि घर के बुजुर्गों के लिए कमरा डिज़ाइन करवा रहे हैं, तो
वास्तु के नियमों का पालन करना और भी ज़्यादा आवश्यक हो जाता है.
बुज़ुर्गों का रूम ऐसा होना चाहिए. जहां उनका मन लगा रहे. वह स्वस्थ और
ख़ुश रहें, लेकिन कई बार अनजाने में छोटी-छोटी वास्तु की गलतियां हो जाती
हैं. तो चलिए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित
हितेंद्र कुमार शर्मा से.
1. दिशा को न करें नजरअंदाज
घर में किसी भी कमरे को बनवाते समय सबसे ज़्यादा ज़रूरी है. उसकी दिशा का
ध्यान रखना. अगर आप घर के बुजुर्गों के लिए कमरा बनवा रहे हैं. तो ये और भी
ज़रूरी हो जाता है कि वह सही दिशा में बनाया गया हो. गलत दिशा में बनाया
गया कमरा, आपके पेरेंट्स को परेशान कर सकता है या उस कमरे में उन्हें
नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है, इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर
की बुज़ुर्गों का कमरा सदैव घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
2. ना रखें अनावश्यक सामान
घर के बुजुर्गों के कमरे में कभी भी अनावश्यक सामान इकट्ठा नहीं होने देना
चाहिए. आप वहां बुज़ुर्गों की जरूरत के अनुसार फर्नीचर रख सकते हैं, लेकिन
बहुत अधिक फर्नीचर रखने से बचें. ऐसा करने से उनको कमरे में चलने में
परेशानी आ सकती है, और वे इससे असहज हो सकते हैं. इसके अलावा वास्तु
शास्त्र के अनुसार कमरे के अंदर शार्प कोने वाले फ़र्नीचर इस्तेमाल नहीं
करने चाहिए.
3. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स
कोशिश करें कि बुज़ुर्गों के कमरे में बहुत अधिक इलेक्ट्रिक सामान का
इस्तेमाल न हो. इलेक्ट्रिक सामान से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलती है.
जो घर के बुजुर्गों को नुकसान पहुंचा सकती है. आप उनके कमरे में टीवी लगवा
सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि ये टीवी उनके बेड से 5 या 6 फुट दूर हो.
4. हवा के लिए हो पर्याप्त जगह
घर में हवा के आने जाने के लिए खिड़की होना बहुत ज़रूरी होता है. घर के
बुजुर्गों के कमरे में खिड़की होना और भी ज़्यादा जरूरी हो जाता है. इसलिए
हमेशा ध्यान में रखें कि बुज़ुर्गों का कमरा कुछ इस तरह से बनवाया जाए कि
उस कमरे में धूप और हवा सही तरह से आ सके.