पेपर लीक होने के कारण शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द...:

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पटना । बिहार लोक सेवा आयोग ने तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती
परीक्षा को रद्द कर दिया है। बीपीएससी की ओर से इसके लिए नोटिस जारी कर
दिया गया है। बीपीएससी ने  लिखा कि आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा लिखित
सूचना दी गई है कि 15 मार्च को दो पालियों में ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा
के प्रश्न-पत्र परीक्षा के पूर्व ही संगठित गिरोह के पास पहुंच गये थे।
आर्थिक अपराध इकाई द्वारा विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर अग्रतर
अनुसंधान एवम् विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है। पेपरलीक मामले में
बीपीएससी ने ईओयू से मानक साक्ष्य मांगे गए थे। इसके बाद ईओयू ने पत्राचार
के माध्यम से सूचना दिया गया कि अनुसंधान के क्रम में किसी भी प्रकार की
सूचना व मुहरबंद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस किसी कार्यालय या इकाई के साथ
नियमानुसार साझा नहीं किया जा सकता है। बीपीएससी ने कहा कि जांच के बाद 
अभ्यर्थियों के व्यापक हित को देखते हुये, कदाचार मुक्त एवम् पारदर्शिता के
साथ परीक्षाओं को आयोजित करने की आयोग की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते
हुए 15 मार्च को ली गई दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द किया जाता है।

दरअसल,
शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक दिन बाद आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार लोकसभा को
एक रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही तीसरे चरण की
शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में
अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र एवं उत्तर मुहैया कराने के
एवज में दस-दस लाख रुपये सॉल्वर गैंग ने लिया था। आर्थिक अपराधी इकाई की
टीम ने हजारीबाग और पटना के करबिगहिया में छापेमारी कर कुल सॉल्वर गैंग के
सदस्य और अभ्यर्थी समेत 313 लोगों को हिरासत में लिया। इनमें से 266 को जेल
गया। इसके लिए शनिवार देर रात को ही सिविल कोर्ट में इनकी पेशी हुई। इनमें
266 अभ्यर्थियों में 88 महिला अभ्यर्थी भी शामिल थीं।

बीपीएससी ने मांगे थे ठोस सबूत
इसके
बाद बीपीएससी ने 17 मार्च को प्रेस रिलीज के जरिए ईओयू से ठोस बिहार लोक
सेवा आयोग ने अब आर्थिक अपराध इकाई से कथित पेपरलीक के ठोस सबूत की मांग कर
दी। बीपीएससी ने कहा था कि 15 मार्च को बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक
भर्ती परीक्षा (टीआरई 3) के प्रश्न पत्र के कथित रूप से लीक होने का आरोप
लगाया गया है। 16 मार्च को आर्थिक अपराध एवं साइबर अपराध प्रभाग ने एक जांच
रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र
लीक हो गया है। ईओयू द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन पर आयोग द्वारा की
गई समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी है कि 15 मार्च को आयोजित परीक्षा
प्रारम्भ होने के पूर्व प्रश्न-पत्र लीक होने के सम्बंध में मानक साक्ष्य
उक्त प्रतिवेदन में उपलब्ध नहीं है।  इसके बाद बीपीएससी ने ईओयू से परीक्षा
रद्द करने के पुख्ता साक्ष्य मांगे थे। ईओयू ने फिर ठोस साक्ष्य उपलब्ध
करवाया। इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया। नई
तारीख का एलान बाद में किया जाएगा।


पटना । बिहार लोक सेवा आयोग ने तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती
परीक्षा को रद्द कर दिया है। बीपीएससी की ओर से इसके लिए नोटिस जारी कर
दिया गया है। बीपीएससी ने  लिखा कि आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा लिखित
सूचना दी गई है कि 15 मार्च को दो पालियों में ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा
के प्रश्न-पत्र परीक्षा के पूर्व ही संगठित गिरोह के पास पहुंच गये थे।
आर्थिक अपराध इकाई द्वारा विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर अग्रतर
अनुसंधान एवम् विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है। पेपरलीक मामले में
बीपीएससी ने ईओयू से मानक साक्ष्य मांगे गए थे। इसके बाद ईओयू ने पत्राचार
के माध्यम से सूचना दिया गया कि अनुसंधान के क्रम में किसी भी प्रकार की
सूचना व मुहरबंद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस किसी कार्यालय या इकाई के साथ
नियमानुसार साझा नहीं किया जा सकता है। बीपीएससी ने कहा कि जांच के बाद 
अभ्यर्थियों के व्यापक हित को देखते हुये, कदाचार मुक्त एवम् पारदर्शिता के
साथ परीक्षाओं को आयोजित करने की आयोग की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते
हुए 15 मार्च को ली गई दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द किया जाता है।

दरअसल,
शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक दिन बाद आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार लोकसभा को
एक रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही तीसरे चरण की
शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में
अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र एवं उत्तर मुहैया कराने के
एवज में दस-दस लाख रुपये सॉल्वर गैंग ने लिया था। आर्थिक अपराधी इकाई की
टीम ने हजारीबाग और पटना के करबिगहिया में छापेमारी कर कुल सॉल्वर गैंग के
सदस्य और अभ्यर्थी समेत 313 लोगों को हिरासत में लिया। इनमें से 266 को जेल
गया। इसके लिए शनिवार देर रात को ही सिविल कोर्ट में इनकी पेशी हुई। इनमें
266 अभ्यर्थियों में 88 महिला अभ्यर्थी भी शामिल थीं।

बीपीएससी ने मांगे थे ठोस सबूत
इसके
बाद बीपीएससी ने 17 मार्च को प्रेस रिलीज के जरिए ईओयू से ठोस बिहार लोक
सेवा आयोग ने अब आर्थिक अपराध इकाई से कथित पेपरलीक के ठोस सबूत की मांग कर
दी। बीपीएससी ने कहा था कि 15 मार्च को बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक
भर्ती परीक्षा (टीआरई 3) के प्रश्न पत्र के कथित रूप से लीक होने का आरोप
लगाया गया है। 16 मार्च को आर्थिक अपराध एवं साइबर अपराध प्रभाग ने एक जांच
रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र
लीक हो गया है। ईओयू द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन पर आयोग द्वारा की
गई समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी है कि 15 मार्च को आयोजित परीक्षा
प्रारम्भ होने के पूर्व प्रश्न-पत्र लीक होने के सम्बंध में मानक साक्ष्य
उक्त प्रतिवेदन में उपलब्ध नहीं है।  इसके बाद बीपीएससी ने ईओयू से परीक्षा
रद्द करने के पुख्ता साक्ष्य मांगे थे। ईओयू ने फिर ठोस साक्ष्य उपलब्ध
करवाया। इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया। नई
तारीख का एलान बाद में किया जाएगा।


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