भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में हुई अनियमितता व घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने मामले में अधिसूचना जारी कर दी है। जल्द ही सीबीआइ अफसर छत्तीसगढ़ में पूछताछ शुरू करेंगे।
मोदी की एक और गारंटी पूरी हो गई है
इधर, रायगढ़ के तमनार में चुनावी सभा करने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में प्रदेश में पीएससी घोटाला हुआ। जिसकी जांच भाजपा सरकार बनने पर सीबीआइ से कराने का वादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही हमने पीएससी घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी और अब बड़े हर्ष का विषय है कि मोदी सरकार ने जांच की अनुमति भी दे दी है। अब हमारे बेटे-बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने नहीं बख्शे जाएंगे, उनकी जगह जेल होगी। इस प्रकार मोदी की एक और गारंटी पूरी हो गई है।
छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ अब होगा न्याय
ओपी चौधरी पीएससी घोटाले के खिलाफ विधानसभा चुनाव से पहले बड़े ही पुरजोर से आवाज उठाने वाले वर्तमान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जांच शुरू होने पर संतुष्टि व्यक्त की है। इसके साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के साथ न्याय होने की बात कही है।
वित्त मंत्री चौधरी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार के समय छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के लिए जो नौकरियां निकलती थी, पीएससी में उसके लिए मंडी सजाई जाती थी। इसके खिलाफ हमने सड़क की लड़ाई लड़ी थी, संघर्ष किया था। छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के साथ हम खड़े हुए थे।
हमारी सरकार ने सीबीआइ जांच का फैसला लिया- वित्त मंत्री
मंत्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार ने सीबीआइ जांच का फैसला लिया और मुझे संतुष्टि है कि केंद्र की मोदी सरकार ने उसे नोटिफाई कर दिया है। मुझे पूरा भरोसा है दूध का दूध और पानी का पानी होगा। छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के साथ न्याय होगा।
यह है मामला
विधानसभा चुनाव से पहले पीएससी परीक्षा 2021 में की हुई अनियमितता को लेकर राज्य के युवाओं में बेहद आक्रोश था और इसको लेकर युवा सड़कों पर उतर आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के युवाओं के आक्रोश को देखते हुए इस मामले की जांच कराने और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गारंटी दी थी।
बता दें कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में नवगठित सरकार ने भी पीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी और युवाओं की शिकायत के मद्देनजर तीन जनवरी 2024 कैबिनेट बैठक में इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद केंद्र सरकार ने जांच के लिए अधिसूचना जारी कर यह मामला अब सीबीआइ के सुपुर्द कर दिया है।
170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी
सीजीपीएससी परीक्षा 2021 में राज्य के 12 विभागों के लिए 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी। चयन सूची जारी होते ही प्रतिभागी युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा था। युवाओं ने चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और गड़बड़ी को लेकर कई शिकायतें की और इस मामले में एफआइआर भी दर्ज की गई थी। एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध ब्यूरो ने भी इस मामले में अपराध दर्ज किया था। भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआइआर हुई है।
भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में हुई अनियमितता व घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने मामले में अधिसूचना जारी कर दी है। जल्द ही सीबीआइ अफसर छत्तीसगढ़ में पूछताछ शुरू करेंगे।
मोदी की एक और गारंटी पूरी हो गई है
इधर, रायगढ़ के तमनार में चुनावी सभा करने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में प्रदेश में पीएससी घोटाला हुआ। जिसकी जांच भाजपा सरकार बनने पर सीबीआइ से कराने का वादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही हमने पीएससी घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी और अब बड़े हर्ष का विषय है कि मोदी सरकार ने जांच की अनुमति भी दे दी है। अब हमारे बेटे-बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने नहीं बख्शे जाएंगे, उनकी जगह जेल होगी। इस प्रकार मोदी की एक और गारंटी पूरी हो गई है।
छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ अब होगा न्याय
ओपी चौधरी पीएससी घोटाले के खिलाफ विधानसभा चुनाव से पहले बड़े ही पुरजोर से आवाज उठाने वाले वर्तमान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जांच शुरू होने पर संतुष्टि व्यक्त की है। इसके साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के साथ न्याय होने की बात कही है।
वित्त मंत्री चौधरी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार के समय छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के लिए जो नौकरियां निकलती थी, पीएससी में उसके लिए मंडी सजाई जाती थी। इसके खिलाफ हमने सड़क की लड़ाई लड़ी थी, संघर्ष किया था। छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के साथ हम खड़े हुए थे।
हमारी सरकार ने सीबीआइ जांच का फैसला लिया- वित्त मंत्री
मंत्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार ने सीबीआइ जांच का फैसला लिया और मुझे संतुष्टि है कि केंद्र की मोदी सरकार ने उसे नोटिफाई कर दिया है। मुझे पूरा भरोसा है दूध का दूध और पानी का पानी होगा। छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों के साथ न्याय होगा।
यह है मामला
विधानसभा चुनाव से पहले पीएससी परीक्षा 2021 में की हुई अनियमितता को लेकर राज्य के युवाओं में बेहद आक्रोश था और इसको लेकर युवा सड़कों पर उतर आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के युवाओं के आक्रोश को देखते हुए इस मामले की जांच कराने और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गारंटी दी थी।
बता दें कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में नवगठित सरकार ने भी पीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी और युवाओं की शिकायत के मद्देनजर तीन जनवरी 2024 कैबिनेट बैठक में इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद केंद्र सरकार ने जांच के लिए अधिसूचना जारी कर यह मामला अब सीबीआइ के सुपुर्द कर दिया है।
170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी
सीजीपीएससी परीक्षा 2021 में राज्य के 12 विभागों के लिए 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी। चयन सूची जारी होते ही प्रतिभागी युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा था। युवाओं ने चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और गड़बड़ी को लेकर कई शिकायतें की और इस मामले में एफआइआर भी दर्ज की गई थी। एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध ब्यूरो ने भी इस मामले में अपराध दर्ज किया था। भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआइआर हुई है।