Bilashpur : कांग्रेस नेत्री अलका लांबा को सरकारी वाश रूम का इस्तेमाल नही करने दिया गया:

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बिलासपुर. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा के साथ आज अमानवीय व्यवहार हुआ. आचार संहिता का हवाला देते हुए स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सरकारी गेस्टहाउस का वाशरूम इस्तेमाल करने से मना कर दिया. हंगामा के बाद कलेक्टर ने अनुमति दी तो लांबा इसे अपमान समझते हुए वहां से चली गईं.

वहां उपस्थित सूत्र के मुताबिक कांग्रेस नेत्री अलका लांबा आज बिलासपुर गेस्ट हाउस पहुंची थीं जहां वे सरकारी छत्तीसगढ़ भवन में वाशरूम का इस्तेमाल करना चाहती थी. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता नितिन भंसाली भी थे.प्रशासन ने चुनाव का हवाला देते हुए कमरा उपलब्ध कराने से इंकार किया तो बहस मुबाहिसा शुरू हो गया. इस दौरान लांबा दस मिनट तक छत्तीसगढ़ भवन के परिसर में अपनी कार में बैठी रही.

उधर कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने छत्तीसगढ़ भवन के केयर टेकर से बात की साथ ही कलेक्टर IAS अवनीश शरण से मोबाइल पर चर्चा की तो उन्होंने अनुमति दे दी लेकिन अलका लांबा शायद गुस्से में थी. उन्होंने कहा कि बिलासपुर में हमारे बहुत सारे काग्रेस नेता हैं जिनके यहां हम जा सकते हैं इसलिए यहां से तुरंत चलिए.

इस समय तक पूर्व विधायक रश्मि सिंह और अन्य कांग्रेस नेत्री पहुंच चुकी थी. नतीजन अलका लांबा और नितिन भंसाली तुरंत छत्तीसगढ़ भवन से रवाना हो गए. दूसरी ओर प्रशासन के इस व्यवहार को अमर्यादित करार दिया जा रहा है. सरकारी अफसरों के लिए गेस्ट हाउस कभी भी खुल जाता है लेकिन राजनीतिक व्यक्तियों के लिए आचार संहित का हवाला दिया जाता है.

ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में हुआ जहां एक संस्था मरीजों को नि:शुल्क फल और भोजन बांटना चाहती थी लेकिन आचार संहिता का हवाला दे दिया गया. नतीजन यह कार्यक्रम बाहर सड़क पर किया गया.


बिलासपुर. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा के साथ आज अमानवीय व्यवहार हुआ. आचार संहिता का हवाला देते हुए स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सरकारी गेस्टहाउस का वाशरूम इस्तेमाल करने से मना कर दिया. हंगामा के बाद कलेक्टर ने अनुमति दी तो लांबा इसे अपमान समझते हुए वहां से चली गईं.

वहां उपस्थित सूत्र के मुताबिक कांग्रेस नेत्री अलका लांबा आज बिलासपुर गेस्ट हाउस पहुंची थीं जहां वे सरकारी छत्तीसगढ़ भवन में वाशरूम का इस्तेमाल करना चाहती थी. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता नितिन भंसाली भी थे.प्रशासन ने चुनाव का हवाला देते हुए कमरा उपलब्ध कराने से इंकार किया तो बहस मुबाहिसा शुरू हो गया. इस दौरान लांबा दस मिनट तक छत्तीसगढ़ भवन के परिसर में अपनी कार में बैठी रही.

उधर कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने छत्तीसगढ़ भवन के केयर टेकर से बात की साथ ही कलेक्टर IAS अवनीश शरण से मोबाइल पर चर्चा की तो उन्होंने अनुमति दे दी लेकिन अलका लांबा शायद गुस्से में थी. उन्होंने कहा कि बिलासपुर में हमारे बहुत सारे काग्रेस नेता हैं जिनके यहां हम जा सकते हैं इसलिए यहां से तुरंत चलिए.

इस समय तक पूर्व विधायक रश्मि सिंह और अन्य कांग्रेस नेत्री पहुंच चुकी थी. नतीजन अलका लांबा और नितिन भंसाली तुरंत छत्तीसगढ़ भवन से रवाना हो गए. दूसरी ओर प्रशासन के इस व्यवहार को अमर्यादित करार दिया जा रहा है. सरकारी अफसरों के लिए गेस्ट हाउस कभी भी खुल जाता है लेकिन राजनीतिक व्यक्तियों के लिए आचार संहित का हवाला दिया जाता है.

ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में हुआ जहां एक संस्था मरीजों को नि:शुल्क फल और भोजन बांटना चाहती थी लेकिन आचार संहिता का हवाला दे दिया गया. नतीजन यह कार्यक्रम बाहर सड़क पर किया गया.


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