"गोल्ड मेडल की जिद पर कायम रहना था": विनेश फोगाट के राजनीति में आने के खिलाफ हैं ताऊ महावीर फोगाट:

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नई दिल्ली। पहलवान और कांग्रेस नेता विनेश फोगट को कांग्रेस पार्टी ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए जुलाना विधानसभा क्षेत्र से उतारा है। हालांकि, उनके ताऊ महावीर फोगट उनके राजनीति में फैसले से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि विनेश को इस समय राजनीति में नहीं आना चाहिए था। 2028 ओलंपिक तक इंतजार करना चाहिए था। गोल्ड मेडल की जिद पर कायम रहना था। पेरिस ओलंपिक में विनेश तय मानक से ज्यादा वजन के कारण महिला कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य घोषित कर दी गई थीं। ऐसे में वह पदक से चूक गई थीं।

पेरिस से लौटने के बाद विनेश ने हरियाणा की यात्रा की। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी में अपने साथी पहलवान बजरंग पूनिया के साथ शामिल हो गईं। बजरंग और विनेश बीते साल रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन में मुख्य चेहरा थे। अब विनेश के राजनीति में आने पर उनके ताऊ वनेश फोगाट ने नाखुशी जाहिर की है।

महावीर फोगाट ने कहा, “मैं विनेश के राजनीति में आने के खिलाफ हूं। मैं चाहता था कि वह एक और ओलंपिक खेलें। मेरी सोच थी कि वो 2028 ओलंपिक की तैयारी करें और उसमें लड़ें। जो गोल्ड मेडल की जिद थी उसे पूरा करना चाहिए था।” महावीर ने कहा कि पहलवानों का प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित नहीं था। किसी खिलाड़ी को राजनीति में तब आना चाहिए जब उनकी आस न बची हो। विनेश एक और ओलंपिक का हिस्सा हो सकती थीं। उन्हें पहले ओलंपिक में लड़ना था। इसके बाद राजनीति में एंट्री करनी थी।


पाल पोसकर बड़ा किया आगे उनकी मर्जी

गीता और बबीता फोगाट के पिता महावीर फोगाट ने विनेश के राजनीति में आने पर यह भी कहा कि जवान बच्चे हैं। अपना फैसला खुल लेने में सक्षम हैं। उनका जो कर्तव्य था उन्होंने निभाया। उन्हें पाल पोसकर उन्होंने बड़ा कर दिया। आगे उनकी (बच्चों) की मर्जी है कि वे क्या करते हैं। गौरतलब है कि बबीता पहले ही भाजपा से जुड़ी हुई हैं।


नई दिल्ली। पहलवान और कांग्रेस नेता विनेश फोगट को कांग्रेस पार्टी ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए जुलाना विधानसभा क्षेत्र से उतारा है। हालांकि, उनके ताऊ महावीर फोगट उनके राजनीति में फैसले से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि विनेश को इस समय राजनीति में नहीं आना चाहिए था। 2028 ओलंपिक तक इंतजार करना चाहिए था। गोल्ड मेडल की जिद पर कायम रहना था। पेरिस ओलंपिक में विनेश तय मानक से ज्यादा वजन के कारण महिला कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य घोषित कर दी गई थीं। ऐसे में वह पदक से चूक गई थीं।

पेरिस से लौटने के बाद विनेश ने हरियाणा की यात्रा की। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी में अपने साथी पहलवान बजरंग पूनिया के साथ शामिल हो गईं। बजरंग और विनेश बीते साल रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन में मुख्य चेहरा थे। अब विनेश के राजनीति में आने पर उनके ताऊ वनेश फोगाट ने नाखुशी जाहिर की है।

महावीर फोगाट ने कहा, “मैं विनेश के राजनीति में आने के खिलाफ हूं। मैं चाहता था कि वह एक और ओलंपिक खेलें। मेरी सोच थी कि वो 2028 ओलंपिक की तैयारी करें और उसमें लड़ें। जो गोल्ड मेडल की जिद थी उसे पूरा करना चाहिए था।” महावीर ने कहा कि पहलवानों का प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित नहीं था। किसी खिलाड़ी को राजनीति में तब आना चाहिए जब उनकी आस न बची हो। विनेश एक और ओलंपिक का हिस्सा हो सकती थीं। उन्हें पहले ओलंपिक में लड़ना था। इसके बाद राजनीति में एंट्री करनी थी।


पाल पोसकर बड़ा किया आगे उनकी मर्जी

गीता और बबीता फोगाट के पिता महावीर फोगाट ने विनेश के राजनीति में आने पर यह भी कहा कि जवान बच्चे हैं। अपना फैसला खुल लेने में सक्षम हैं। उनका जो कर्तव्य था उन्होंने निभाया। उन्हें पाल पोसकर उन्होंने बड़ा कर दिया। आगे उनकी (बच्चों) की मर्जी है कि वे क्या करते हैं। गौरतलब है कि बबीता पहले ही भाजपा से जुड़ी हुई हैं।


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