कोंटा । छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके चलते जिले का तीन अन्य राज्यों से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। स्टेट हाईवे 30 पर भारी जलजमाव के कारण जाम की स्थिति बनी हुई है, जिससे आवागमन ठप हो गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को प्रशासन द्वारा राहत कैंपों में शिफ्ट किया जा रहा है।
बाढ़ के चलते शबरी नदी सहित क्षेत्र के अन्य नदियों और नालों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 30 बाधित हो गया है। प्रशासन ने कोंटा नगर में बाढ़ से निपटने के लिए छह राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। जिला प्रशासन हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है, और राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। जाम में फंसे यात्रियों को प्रशासन द्वारा भोजन और ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
इस बीच, एक भयावह वीडियो सामने आया है जिसमें एर्राबोर गांव के इक्कलगुड़ा पारा के कुछ ग्रामीण शबरी नदी के उफान के बीच जान जोखिम में डालकर सौर ऊर्जा प्लेटों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वीडियो में तेज धाराओं के बीच ग्रामीणों को नाव का सहारा लेते हुए देखा जा सकता है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शबरी नदी के किनारे स्थित इक्कलगुड़ा गांव में एक किसान के सौर ऊर्जा प्लेट्स बाढ़ की तेज धारा में बहने लगे थे, जिसे बचाने के लिए ग्रामीणों ने यह खतरनाक कदम उठाया। इस घटना ने बाढ़ प्रभावित गांवों में सुरक्षा और बचाव के इंतजामों की कमी को भी उजागर किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
कोंटा । छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके चलते जिले का तीन अन्य राज्यों से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। स्टेट हाईवे 30 पर भारी जलजमाव के कारण जाम की स्थिति बनी हुई है, जिससे आवागमन ठप हो गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को प्रशासन द्वारा राहत कैंपों में शिफ्ट किया जा रहा है।
बाढ़ के चलते शबरी नदी सहित क्षेत्र के अन्य नदियों और नालों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 30 बाधित हो गया है। प्रशासन ने कोंटा नगर में बाढ़ से निपटने के लिए छह राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। जिला प्रशासन हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है, और राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। जाम में फंसे यात्रियों को प्रशासन द्वारा भोजन और ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
इस बीच, एक भयावह वीडियो सामने आया है जिसमें एर्राबोर गांव के इक्कलगुड़ा पारा के कुछ ग्रामीण शबरी नदी के उफान के बीच जान जोखिम में डालकर सौर ऊर्जा प्लेटों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वीडियो में तेज धाराओं के बीच ग्रामीणों को नाव का सहारा लेते हुए देखा जा सकता है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शबरी नदी के किनारे स्थित इक्कलगुड़ा गांव में एक किसान के सौर ऊर्जा प्लेट्स बाढ़ की तेज धारा में बहने लगे थे, जिसे बचाने के लिए ग्रामीणों ने यह खतरनाक कदम उठाया। इस घटना ने बाढ़ प्रभावित गांवों में सुरक्षा और बचाव के इंतजामों की कमी को भी उजागर किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।