सिंथेटिक ड्रग्स रैकेट मामले में पैसे सर्कुलेट करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार:

post

रायपुर । रायपुर पुलिस ने सिंथेटिक ड्रग्स रैकेट मामले में पैसे का सर्कुलेशन करने वाले नाइजीरियन मूल के आरोपी ओनेएक्का स्टेपन ओजुचुक्क और उसके साथ बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले नजरे आलम को गिरफ्तार किया है। इस रैकेट से जुड़े कुल 07 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स के व्यापार में लिप्त था और इसका संचालन "नेटफ्लिक्स मनी हाईस्ट" नाम के संदर्भ से किया जा रहा था। पुलिस ने पहले ही इस मामले में 7 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, और अब इस रैकेट के महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर इन दोनों आरोपियों को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।

कैसे पकड़ा गया रैकेट:

पुलिस ने अपनी गहन जांच के बाद नाइजीरियन मूल के आरोपी मिस्टर इनोसेंट ओलिचुक्वु को गिरफ्तार किया, जो इस रैकेट का मुख्य तस्कर माना जा रहा था। इनोसेंट से पूछताछ में ओनेएक्का स्टेपन और नजरे आलम का नाम सामने आया, जो पैसे के लेन-देन में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। पुलिस ने नई दिल्ली में कैम्प लगाकर दोनों आरोपियों को उत्तम नगर से पकड़ा।

ओनेएक्का स्टेपन ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह ड्रग्स को इनोसेंट ओलिचुक्वु तक पहुंचाता था, और इसके एवज में मिलने वाली रकम को नजरे आलम के खाते में जमा कराकर, कमीशन के बाद बाकी धनराशि वापस लेता था।

रैकेट की विस्तृत कार्यप्रणाली:

यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रहा था, जिसमें नई दिल्ली, मुंबई, पुणे और रायपुर जैसे प्रमुख शहरों में ड्रग्स की सप्लाई की जाती थी। इस मामले में पुलिस ने कंज्यूमर्स की पहचान भी कर ली है और नोटिस जारी कर उनसे पूछताछ की जा रही है।

निजात अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई:

रायपुर पुलिस द्वारा नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे "निजात अभियान" के तहत यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने सिंथेटिक ड्रग्स की बिक्री और तस्करी को रोकने के लिए नारकोटिक्स एक्ट के तहत गहन जांच की और सफलतापूर्वक रैकेट से जुड़े महत्वपूर्ण लिंक पर प्रहार किया।

आगे की कार्रवाई:

गिरफ्तार दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया गया है। उनके खिलाफ थाना टिकरापारा में नारकोटिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस रैकेट से जुड़े अन्य कनेक्शनों की भी जांच की जा रही है ताकि ड्रग्स की इस अवैध सप्लाई चेन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

पुलिस का बयान:

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में रायपुर पुलिस की टीम ने इस रैकेट को बेनकाब करने में सफलता पाई है। पुलिस का कहना है कि नशे के कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, और इस तरह की गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

कार्यवाही में शामिल पुलिस टीम:

इस पूरे ऑपरेशन में टिकरापारा थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज साहू, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक परेश पांडे, उपनिरीक्षक मुकेश सोरी और उनकी टीम के अन्य प्रमुख सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

गिरफ्तार आरोपी

ओनेएक्का स्टेपन ओजुचुक्क (44 वर्ष) - नाइजीरियन नागरिक, वर्तमान में उत्तम नगर, नई दिल्ली में रह रहा था।

नजरे आलम (33 वर्ष) - आनंद विहार, उत्तम नगर, नई दिल्ली निवासी, जिसने अपने बैंक खाते का उपयोग रैकेट में पैसे के लेन-देन के लिए किया।


रायपुर । रायपुर पुलिस ने सिंथेटिक ड्रग्स रैकेट मामले में पैसे का सर्कुलेशन करने वाले नाइजीरियन मूल के आरोपी ओनेएक्का स्टेपन ओजुचुक्क और उसके साथ बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले नजरे आलम को गिरफ्तार किया है। इस रैकेट से जुड़े कुल 07 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स के व्यापार में लिप्त था और इसका संचालन "नेटफ्लिक्स मनी हाईस्ट" नाम के संदर्भ से किया जा रहा था। पुलिस ने पहले ही इस मामले में 7 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, और अब इस रैकेट के महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर इन दोनों आरोपियों को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।

कैसे पकड़ा गया रैकेट:

पुलिस ने अपनी गहन जांच के बाद नाइजीरियन मूल के आरोपी मिस्टर इनोसेंट ओलिचुक्वु को गिरफ्तार किया, जो इस रैकेट का मुख्य तस्कर माना जा रहा था। इनोसेंट से पूछताछ में ओनेएक्का स्टेपन और नजरे आलम का नाम सामने आया, जो पैसे के लेन-देन में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। पुलिस ने नई दिल्ली में कैम्प लगाकर दोनों आरोपियों को उत्तम नगर से पकड़ा।

ओनेएक्का स्टेपन ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह ड्रग्स को इनोसेंट ओलिचुक्वु तक पहुंचाता था, और इसके एवज में मिलने वाली रकम को नजरे आलम के खाते में जमा कराकर, कमीशन के बाद बाकी धनराशि वापस लेता था।

रैकेट की विस्तृत कार्यप्रणाली:

यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रहा था, जिसमें नई दिल्ली, मुंबई, पुणे और रायपुर जैसे प्रमुख शहरों में ड्रग्स की सप्लाई की जाती थी। इस मामले में पुलिस ने कंज्यूमर्स की पहचान भी कर ली है और नोटिस जारी कर उनसे पूछताछ की जा रही है।

निजात अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई:

रायपुर पुलिस द्वारा नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे "निजात अभियान" के तहत यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने सिंथेटिक ड्रग्स की बिक्री और तस्करी को रोकने के लिए नारकोटिक्स एक्ट के तहत गहन जांच की और सफलतापूर्वक रैकेट से जुड़े महत्वपूर्ण लिंक पर प्रहार किया।

आगे की कार्रवाई:

गिरफ्तार दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया गया है। उनके खिलाफ थाना टिकरापारा में नारकोटिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस रैकेट से जुड़े अन्य कनेक्शनों की भी जांच की जा रही है ताकि ड्रग्स की इस अवैध सप्लाई चेन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

पुलिस का बयान:

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में रायपुर पुलिस की टीम ने इस रैकेट को बेनकाब करने में सफलता पाई है। पुलिस का कहना है कि नशे के कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, और इस तरह की गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

कार्यवाही में शामिल पुलिस टीम:

इस पूरे ऑपरेशन में टिकरापारा थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज साहू, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक परेश पांडे, उपनिरीक्षक मुकेश सोरी और उनकी टीम के अन्य प्रमुख सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

गिरफ्तार आरोपी

ओनेएक्का स्टेपन ओजुचुक्क (44 वर्ष) - नाइजीरियन नागरिक, वर्तमान में उत्तम नगर, नई दिल्ली में रह रहा था।

नजरे आलम (33 वर्ष) - आनंद विहार, उत्तम नगर, नई दिल्ली निवासी, जिसने अपने बैंक खाते का उपयोग रैकेट में पैसे के लेन-देन के लिए किया।


...
...
...
...
...
...
...
...