साल दर साल उम्र बढ़ने के साथ-साथ बुढ़ापा आना स्वाभाविक है।
कोई कितने भी हाथ-पैर क्यों ना मार ले, उम्र के बाकी पड़ावों की तरह इसे भी
नकारा नहीं जा सकता। बाजार में मौजूद एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स भले ही आपकी
एजिंग को थोड़ा सा टालने का काम कर सकते हैं लेकिन पूरी तरह उसे रोका जाना
मुमकिन नहीं। हालांकि उम्र के साथ बूढ़ा होना कोई उतनी समस्या वाली बात
नहीं जितना समय से पहले ही बूढ़ा होना है। आजकल के खराब लाइफस्टाइल के चलते
'प्री मैच्योर एजिंग' यानी उम्र से पहले बुढ़ापा आने की समस्या काफी बढ़ती
जा रही है। ऐसे में आज हम आपको इसके कुछ ऐसे लक्षण बताने वाले हैं, जो समय
से पहले बुढ़ापा आने की ओर संकेत करते हैं।
चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइंस आना
बढ़ती
उम्र का साफ असर आप लोगों के चेहरे पर साफ देख सकते हैं। बुढ़ापे में एक
समय बाद चेहरे पर झुर्रियां, फाइन लाइंस जैसी समस्या देखने को मिलती हैं।
खासतौर से माथे और आंखों के आसपास एजिंग का असर साफ देखा जा सकता है। अगर
कम उम्र में ही आपके चेहरे की स्किन लटकने लगी है और आंखों के आसपास
रिंकल्स और फाइन लाइंस काफी देखने को मिल रही हैं, तो ये प्री मैच्योर
एजिंग का एक लक्षण हो सकता है।
चाल धीमी होना
बुढ़ापा
आने का एक संकेत यह भी है कि आप अब उतने ऊर्जावान नहीं रहे, जितना पहले
रहा करते थे। इसका सबसे साफ असर आपकी चाल पर देखने को मिलता है। अगर आपकी
चाल पहले से काफी ज्यादा धीमी हो गई है और तेज चलने पर आप हांफने लगते हैं
या पैरों में दर्द होने लगता है, तो ये समय से पहले दस्तक दे रहे बुढ़ापे
का लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए आपको रोजाना थोड़ी वॉक और एक्सरसाइज के लिए
जरूर समय निकालना चाहिए।
यादाश्त का कमजोर होना
बढ़ती
उम्र के साथ-साथ यादाश्त कमजोर होना स्वाभाविक है। हालांकि जब 30 की कम
उम्र के बाद ही आपकी यादाश्त वीक पड़ने लगे तो ये अच्छे संकेत नहीं।
यादाश्त कमजोर होने पर अमूमन मोटी-मोटी जानकारी याद रखने में भी स्ट्रगल
करना पड़ता है। जिन चीजों को याद रखना बहुत आसान और स्वाभाविक हुआ करता था,
जैसे-किसी का नाम या कोई महत्वपूर्ण घटना; उन्हें तक याद रखना इस मुश्किल
हो जाता है। इसे यहीं रोकने के लिए योगा, प्राणायाम और सही खानापन का ध्यान
रखना जरूरी है।
शारीरिक क्षमता पर बुरा असर पड़ना
बुढ़ापा
लोगों को नहीं पसंद इसके पीछे एक कारण यह भी है कि बूढ़ा होने पर शारीरिक
क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है। शरीर किसी छोटे बच्चे सा कमजोर पड़ने लगता
है। अगर आपको 35-40 की उम्र में ही अपना शरीर कमजोर पड़ता नजर आ रहा है,
तो इसे नजरअंदाज ना करें। जहां आप पहले कई किलो वजन आसानी से उठा लेते थे,
अब एक हैंड बैग भी ठीक से कैरी नहीं कर पाते। इसके अलावा सीढ़ी चढ़ना, तेजी
से दौड़-भाग करना भी आपको काफी मुश्किल लगने लगा है तो ये आपकी
मांसपेशियों और मसल्स के कमजोर होने का लक्षण हैं।
पैंट का कमर से टाइट होना और पैरों से ढीला होना
समय
से पहले बुढ़ापा आने का एक संकेत यह भी है कि आपके शरीर में असंतुलित रूप
से फैट जमा होना शुरू हो जाता है। इसका साफ असर आप अपने क्लोदिंग साइज में
देख सकते हैं। जहां आपकी रेगुलर पैंट कमर और पेट की ओर से टाइट होना शुरू
हो जाती है, तो वहीं पैरों की साइड से पैंट पहले से काफी ढीली होने लगती
है। ऐसी समस्या को सही डाइट और रेगुलर वर्कआउट की मदद से पहले ही ठीक किया
जा सकता है।
साल दर साल उम्र बढ़ने के साथ-साथ बुढ़ापा आना स्वाभाविक है।
कोई कितने भी हाथ-पैर क्यों ना मार ले, उम्र के बाकी पड़ावों की तरह इसे भी
नकारा नहीं जा सकता। बाजार में मौजूद एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स भले ही आपकी
एजिंग को थोड़ा सा टालने का काम कर सकते हैं लेकिन पूरी तरह उसे रोका जाना
मुमकिन नहीं। हालांकि उम्र के साथ बूढ़ा होना कोई उतनी समस्या वाली बात
नहीं जितना समय से पहले ही बूढ़ा होना है। आजकल के खराब लाइफस्टाइल के चलते
'प्री मैच्योर एजिंग' यानी उम्र से पहले बुढ़ापा आने की समस्या काफी बढ़ती
जा रही है। ऐसे में आज हम आपको इसके कुछ ऐसे लक्षण बताने वाले हैं, जो समय
से पहले बुढ़ापा आने की ओर संकेत करते हैं।
चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइंस आना
बढ़ती
उम्र का साफ असर आप लोगों के चेहरे पर साफ देख सकते हैं। बुढ़ापे में एक
समय बाद चेहरे पर झुर्रियां, फाइन लाइंस जैसी समस्या देखने को मिलती हैं।
खासतौर से माथे और आंखों के आसपास एजिंग का असर साफ देखा जा सकता है। अगर
कम उम्र में ही आपके चेहरे की स्किन लटकने लगी है और आंखों के आसपास
रिंकल्स और फाइन लाइंस काफी देखने को मिल रही हैं, तो ये प्री मैच्योर
एजिंग का एक लक्षण हो सकता है।
चाल धीमी होना
बुढ़ापा
आने का एक संकेत यह भी है कि आप अब उतने ऊर्जावान नहीं रहे, जितना पहले
रहा करते थे। इसका सबसे साफ असर आपकी चाल पर देखने को मिलता है। अगर आपकी
चाल पहले से काफी ज्यादा धीमी हो गई है और तेज चलने पर आप हांफने लगते हैं
या पैरों में दर्द होने लगता है, तो ये समय से पहले दस्तक दे रहे बुढ़ापे
का लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए आपको रोजाना थोड़ी वॉक और एक्सरसाइज के लिए
जरूर समय निकालना चाहिए।
यादाश्त का कमजोर होना
बढ़ती
उम्र के साथ-साथ यादाश्त कमजोर होना स्वाभाविक है। हालांकि जब 30 की कम
उम्र के बाद ही आपकी यादाश्त वीक पड़ने लगे तो ये अच्छे संकेत नहीं।
यादाश्त कमजोर होने पर अमूमन मोटी-मोटी जानकारी याद रखने में भी स्ट्रगल
करना पड़ता है। जिन चीजों को याद रखना बहुत आसान और स्वाभाविक हुआ करता था,
जैसे-किसी का नाम या कोई महत्वपूर्ण घटना; उन्हें तक याद रखना इस मुश्किल
हो जाता है। इसे यहीं रोकने के लिए योगा, प्राणायाम और सही खानापन का ध्यान
रखना जरूरी है।
शारीरिक क्षमता पर बुरा असर पड़ना
बुढ़ापा
लोगों को नहीं पसंद इसके पीछे एक कारण यह भी है कि बूढ़ा होने पर शारीरिक
क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है। शरीर किसी छोटे बच्चे सा कमजोर पड़ने लगता
है। अगर आपको 35-40 की उम्र में ही अपना शरीर कमजोर पड़ता नजर आ रहा है,
तो इसे नजरअंदाज ना करें। जहां आप पहले कई किलो वजन आसानी से उठा लेते थे,
अब एक हैंड बैग भी ठीक से कैरी नहीं कर पाते। इसके अलावा सीढ़ी चढ़ना, तेजी
से दौड़-भाग करना भी आपको काफी मुश्किल लगने लगा है तो ये आपकी
मांसपेशियों और मसल्स के कमजोर होने का लक्षण हैं।
पैंट का कमर से टाइट होना और पैरों से ढीला होना
समय
से पहले बुढ़ापा आने का एक संकेत यह भी है कि आपके शरीर में असंतुलित रूप
से फैट जमा होना शुरू हो जाता है। इसका साफ असर आप अपने क्लोदिंग साइज में
देख सकते हैं। जहां आपकी रेगुलर पैंट कमर और पेट की ओर से टाइट होना शुरू
हो जाती है, तो वहीं पैरों की साइड से पैंट पहले से काफी ढीली होने लगती
है। ऐसी समस्या को सही डाइट और रेगुलर वर्कआउट की मदद से पहले ही ठीक किया
जा सकता है।