Mp : मध्य प्रदेश को तीन महीने में मिला दूसरा टाइगर रिजर्व, सीएम ने माधव नेशनल पार्क की अधिसूचना की जारी :

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शिवपुरी: मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। माधव टाइगर रिजर्व प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। नए घोषित माधव टाइगर रिजर्व में दो दिन बाद यानी 10 मार्च को दो बाघ छोड़े जाएंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया में साझा की है। जानकारी के मुताबिक इस नए माधव टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर, बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर और कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।

देश के टाइगर स्टेट 'मध्यप्रदेश' के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने X अकाउंट पर लिखा- देश के टाइगर स्टेट ‘मध्यप्रदेश’ के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा।

सीएम ने आगे लिखा-एनटीसीए भारत सरकार से दो अतिरिक्त बाघ, जिसमें एक नर और एक मादा बाघ लाने की स्वीकृति दी गई है, जो 10 मार्च, 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे। इस प्रकार माधव टाइगर रिजर्व के कुल बाघों की संख्या सात हो जाएगी। इनमें पांच वयस्क बाघ (दो नर और तीन मादा) और दो शावक होंगे। पन्ना टाइगर रिजर्व और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच में स्थित माधव टाइगर रिजर्व बनाए जाने से सम्पूर्ण क्षेत्र में वन्यजीव एवं बाघों का संरक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा।

MP मेँ है आधा दर्जन से अधिक टाइगर रिजर्व

    कान्हा टाइगर रिजर्व:  इसे 1955 में राष्ट्रीय उद्यान और 1973 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यहां 80 बाघ रहते हैं और इसका कुल क्षेत्रफल 940 वर्ग किलोमीटर है।
    पेंच टाइगर रिजर्व: यह सिवनी क्षेत्र में स्थित है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला हुआ है। रिजर्व का कोर एरिया 411.33 वर्ग किलोमीटर और बफर एरिया 768.3 वर्ग किलोमीटर है।
    बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: रॉयल बंगाल टाइगर की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। उमरिया जिले में स्थित इस पार्क को वर्ष 1968 में टाइगर रिजर्व घोषित किया था। इसका क्षेत्रफल 448 वर्ग किलोमीटर है।
    सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: यह नर्मदापुरम जिले में स्थित है। यह 524 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। इसे 1981 में टाइगर रिजर्व घोषित। यहां बाघ, तेंदुआ, सुस्त भालू, ढोल जैसे कई वन्यजीवों का निवास है।
    पन्ना टाइगर रिजर्व: यह पन्ना जिले में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 576.13 वर्ग किमी है। यह 1981 में स्थापित हुआ। 1994 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह क्षेत्र फरवरी 2009 में बाघ विहीन हो गया था।
    नौरादेही टाइगर रिजर्वः यह सागर दमोह, नरसिंहपुर जिले में स्थित है। इसका कोर क्षेत्रफल 23.97 वर्ग किमी है। 20 सितंबर 2023 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।
    संजय दुबरी टाइगर रिजर्व: सीधी जिले में स्थित है। यह रिजर्व में विश्व प्रसिद्ध सफेद बाघ को 1951 में रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह ने खोजा था। 812.581 वर्ग किमी इसका क्षेत्रफल है। टाइगर रिजर्व की स्थापना 1975 में की गई।
    माधव नेशनल टाइगर रिजर्व: शिवपुरी जिले में है। इस पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 1651 वर्ग किलोमीटर है। कोर एरिया 3751 और बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किमी है। 1 दिसंबर 2024 को टाइगर रिजर्व बनाने की मंजूरी मिली। यहां 3 बाघ हैं। 10 मार्च 2025 को यहां एक नर और मादा बाघ को और छोड़ा जाएगा।
    रातापानी टाइगर रिजर्व: यह भोपाल से लगा है। सीहोर और रायसेन जिले में आता है। कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर, जबकि बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर है।

सिंधिया ने सीएम और केंद्रीय वन मंत्री का शुक्रिया किया

माधव टाइगर रिजर्व बनने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क अब माधव टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। 10 मार्च को मेरे पिताजी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी की 80वीं जन्म जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री और वनमंत्री भूपेन्द्र सिंह इसका शुभारंभ करेंगे। यह पल मेरे लिए खास रहेगा। इसके लिए सिंधिया ने सीएम और वन मंत्री का शुक्रिया अदा किया है।

माधव नेशनल पार्क को 1958 में मिला था राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा

शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। यह मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह था। जंगल में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण जैसे चीतल, सांभर और बार्किंग हिरण जैसे मृग रहते हैं। तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर आदि जानवर भी पार्क में देखे जाते हैं।

मध्यप्रदेश में 785 बाघ

माधव नेशनल पार्क से पहले मध्य प्रदेश में आठ टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही और रातापानी हैं। मध्य प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा टाइगर हैं और इसे टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं।


शिवपुरी: मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। माधव टाइगर रिजर्व प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। नए घोषित माधव टाइगर रिजर्व में दो दिन बाद यानी 10 मार्च को दो बाघ छोड़े जाएंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया में साझा की है। जानकारी के मुताबिक इस नए माधव टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर, बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर और कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।

देश के टाइगर स्टेट 'मध्यप्रदेश' के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने X अकाउंट पर लिखा- देश के टाइगर स्टेट ‘मध्यप्रदेश’ के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा।

सीएम ने आगे लिखा-एनटीसीए भारत सरकार से दो अतिरिक्त बाघ, जिसमें एक नर और एक मादा बाघ लाने की स्वीकृति दी गई है, जो 10 मार्च, 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे। इस प्रकार माधव टाइगर रिजर्व के कुल बाघों की संख्या सात हो जाएगी। इनमें पांच वयस्क बाघ (दो नर और तीन मादा) और दो शावक होंगे। पन्ना टाइगर रिजर्व और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच में स्थित माधव टाइगर रिजर्व बनाए जाने से सम्पूर्ण क्षेत्र में वन्यजीव एवं बाघों का संरक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा।

MP मेँ है आधा दर्जन से अधिक टाइगर रिजर्व

    कान्हा टाइगर रिजर्व:  इसे 1955 में राष्ट्रीय उद्यान और 1973 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यहां 80 बाघ रहते हैं और इसका कुल क्षेत्रफल 940 वर्ग किलोमीटर है।
    पेंच टाइगर रिजर्व: यह सिवनी क्षेत्र में स्थित है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला हुआ है। रिजर्व का कोर एरिया 411.33 वर्ग किलोमीटर और बफर एरिया 768.3 वर्ग किलोमीटर है।
    बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: रॉयल बंगाल टाइगर की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। उमरिया जिले में स्थित इस पार्क को वर्ष 1968 में टाइगर रिजर्व घोषित किया था। इसका क्षेत्रफल 448 वर्ग किलोमीटर है।
    सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: यह नर्मदापुरम जिले में स्थित है। यह 524 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। इसे 1981 में टाइगर रिजर्व घोषित। यहां बाघ, तेंदुआ, सुस्त भालू, ढोल जैसे कई वन्यजीवों का निवास है।
    पन्ना टाइगर रिजर्व: यह पन्ना जिले में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 576.13 वर्ग किमी है। यह 1981 में स्थापित हुआ। 1994 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह क्षेत्र फरवरी 2009 में बाघ विहीन हो गया था।
    नौरादेही टाइगर रिजर्वः यह सागर दमोह, नरसिंहपुर जिले में स्थित है। इसका कोर क्षेत्रफल 23.97 वर्ग किमी है। 20 सितंबर 2023 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।
    संजय दुबरी टाइगर रिजर्व: सीधी जिले में स्थित है। यह रिजर्व में विश्व प्रसिद्ध सफेद बाघ को 1951 में रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह ने खोजा था। 812.581 वर्ग किमी इसका क्षेत्रफल है। टाइगर रिजर्व की स्थापना 1975 में की गई।
    माधव नेशनल टाइगर रिजर्व: शिवपुरी जिले में है। इस पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 1651 वर्ग किलोमीटर है। कोर एरिया 3751 और बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किमी है। 1 दिसंबर 2024 को टाइगर रिजर्व बनाने की मंजूरी मिली। यहां 3 बाघ हैं। 10 मार्च 2025 को यहां एक नर और मादा बाघ को और छोड़ा जाएगा।
    रातापानी टाइगर रिजर्व: यह भोपाल से लगा है। सीहोर और रायसेन जिले में आता है। कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर, जबकि बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर है।

सिंधिया ने सीएम और केंद्रीय वन मंत्री का शुक्रिया किया

माधव टाइगर रिजर्व बनने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क अब माधव टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। 10 मार्च को मेरे पिताजी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी की 80वीं जन्म जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री और वनमंत्री भूपेन्द्र सिंह इसका शुभारंभ करेंगे। यह पल मेरे लिए खास रहेगा। इसके लिए सिंधिया ने सीएम और वन मंत्री का शुक्रिया अदा किया है।

माधव नेशनल पार्क को 1958 में मिला था राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा

शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। यह मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह था। जंगल में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण जैसे चीतल, सांभर और बार्किंग हिरण जैसे मृग रहते हैं। तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर आदि जानवर भी पार्क में देखे जाते हैं।

मध्यप्रदेश में 785 बाघ

माधव नेशनल पार्क से पहले मध्य प्रदेश में आठ टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही और रातापानी हैं। मध्य प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा टाइगर हैं और इसे टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं।


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