मनोरोग विशेषज्ञों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई:

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बिलासपुर. हाईकोर्ट ने प्रदेश के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय (मेंटल हॉस्पिटल) में मनोरोग विशेषज्ञों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को डाक्टरों की नियुक्ति के आंकड़े, नाम और तिथि के साथ ही सभी जानकारी शपथ पत्र के साथ पेश करने कहा है। अदालत ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के जरिए सभी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को याद दिलाया कि 22 अगस्त 2024 को जारी आदेश के बाद कई बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सरकार की उदासीनता पर कड़ी टिप्पणी भी कोर्ट ने की है। मानसिक चिकित्सालय में स्टाफ की कमी को लेकर एक अन्य जनहित याचिका भी दायर की गई। इन दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई चल रही है।


बिलासपुर. हाईकोर्ट ने प्रदेश के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय (मेंटल हॉस्पिटल) में मनोरोग विशेषज्ञों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को डाक्टरों की नियुक्ति के आंकड़े, नाम और तिथि के साथ ही सभी जानकारी शपथ पत्र के साथ पेश करने कहा है। अदालत ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के जरिए सभी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को याद दिलाया कि 22 अगस्त 2024 को जारी आदेश के बाद कई बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सरकार की उदासीनता पर कड़ी टिप्पणी भी कोर्ट ने की है। मानसिक चिकित्सालय में स्टाफ की कमी को लेकर एक अन्य जनहित याचिका भी दायर की गई। इन दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई चल रही है।


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