रायपुर रदेश में बुधवार को 2830 नए केस मिलने के साथ ही प्रदेश में कोरोना मरीजों
की कुल संख्या डेढ़ लाख के पार हो गई है। वहीं मरीज के मामले में छत्तीसगढ़
देश में 16वें स्थान पर आ गया है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना,
आंध्रप्रदेश, ओडिशा व मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ से ज्यादा मरीज हैं, जबकि
झारखंड में छत्तीसगढ़ से कम केस है। उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल
प्रदेश में भी छत्तीसगढ़ से कम मरीज हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीजों की संख्या केवल 18 दिन पहले एक लाख पहुंच
गई थी। पिछले तीन महीने में कोरोना किस बुरी तरह फैला, इसका अंदाजा इसी
बात से लगाया जा सकता है कि मरीजों की संख्या एक लाख पहुंचने में 193 दिन
लगे थे। इसके बाद 18 दिन में ही 50 हजार से ज्यादा मरीज मिल गए। पिछले 24
घंटे में कोरोना ने प्रदेश में 33 जानें ली हैं, जिनमें रायपुर के 5 लोग
शामिल हैं। प्रदेश में मरने वालों की संख्या 1340 व रायपुर में 505 पर
पहुंच गई है। 256 नए केस के साथ राजधानी में कुल 38255 मरीज हो गए हैं,
जिनमें से 8934 एक्टिव केस यानी अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं पूर्व
मंत्री दयालदास बघेल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
छत्तीसगढ़ से ज्यादा मरीज
- मध्यप्रदेश - 1.55
- तेलंगाना - 2.16
- ओडिशा - 2.5
- आंध्रप्रदेश - 7.67
- महाराष्ट्र - 15.43
छत्तीसगढ़ से कम मरीज
- झारखंड - 0.74
- उत्तराखंड - 0.56
- हरियाणा - 1.46
- पंजाब - 1.26
- हिमाचल - 0.18
प्रदेश
में कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च को मिला था। इसके बाद 26 सितंबर को
मरीजों की संख्या एक लाख पहुंच गई थी। 26 सितंबर को गुजरे केवल 18 दिन हुए
हैं और मरीजों की संख्या इससे डेढ़ गुना हो गई है। मरीजों के बढ़ने की यह
रफ्तार दो फीसदी से ज्यादा है। हालांकि पिछले 15 दिनों में रायपुर में
मरीजों की संख्या कम हुई है, लेकिन दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़,
जांजगीर चांपा, बालोद, बस्तर व धमतरी जैसे जिलों में मरीजों की संख्या काफी
बढ़ी है। यही कारण है कि रोजाना औसतन ढाई हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे
हैं। यही नहीं, मरीजों की रफ्तार के साथ-साथ कोरोना से मरने वालों की
संख्या भी डेढ़ हजार के आसपास पहुंच गई है।
18 दिन में डेढ़ गुना केस
- पहला मरीज - 18 मार्च
- 100 - 20 मई
- 1000 - 7 जून
- 10,000 - 4 अगस्त
- 1 लाख - 26 सितंबर
- 1.5 लाख - 14 अक्टूबर
रायपुर के केवल 13% लोगों में एंटीबॉडी मिली
मरीज
मिलने की यही रफ्तार रही तो अक्टूबर में ही मरीजों की संख्या दो लाख के
पार हो सकती है। मरीजों की रफ्तार कब रुकेगी, इस मामले में एक्सपर्ट भी कुछ
नहीं कह पा रहे हैं। आशंका है कि ठंड बढ़ने के बाद रायपुर में मरीजों की
संख्या बढ़ सकती है। एक अनुमान के मुताबिक दिसंबर में रायपुर में फिर
रोजाना 500 से 600 मरीज मिल सकते हैं। कोरोना सेल से जुड़े डॉक्टरों ने यह
अनुमान लगाया है। सीरो सर्वे में भी रायपुर के केवल 13 फीसदी लोगों में
एंटीबॉडी मिली। यानी ये लोग बिना इलाज के कोरोना से ठीक हो गए थे। बाकी
लोगों में एंटीबॉडी का नहीं मिलना यह बताता है कि आने वाले दिनों में
संक्रमण थोड़ा फैल भी सकता है, हालांकि अभी कम हो रहा है।
रायपुर रदेश में बुधवार को 2830 नए केस मिलने के साथ ही प्रदेश में कोरोना मरीजों
की कुल संख्या डेढ़ लाख के पार हो गई है। वहीं मरीज के मामले में छत्तीसगढ़
देश में 16वें स्थान पर आ गया है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना,
आंध्रप्रदेश, ओडिशा व मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ से ज्यादा मरीज हैं, जबकि
झारखंड में छत्तीसगढ़ से कम केस है। उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल
प्रदेश में भी छत्तीसगढ़ से कम मरीज हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीजों की संख्या केवल 18 दिन पहले एक लाख पहुंच
गई थी। पिछले तीन महीने में कोरोना किस बुरी तरह फैला, इसका अंदाजा इसी
बात से लगाया जा सकता है कि मरीजों की संख्या एक लाख पहुंचने में 193 दिन
लगे थे। इसके बाद 18 दिन में ही 50 हजार से ज्यादा मरीज मिल गए। पिछले 24
घंटे में कोरोना ने प्रदेश में 33 जानें ली हैं, जिनमें रायपुर के 5 लोग
शामिल हैं। प्रदेश में मरने वालों की संख्या 1340 व रायपुर में 505 पर
पहुंच गई है। 256 नए केस के साथ राजधानी में कुल 38255 मरीज हो गए हैं,
जिनमें से 8934 एक्टिव केस यानी अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं पूर्व
मंत्री दयालदास बघेल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
छत्तीसगढ़ से ज्यादा मरीज
- मध्यप्रदेश - 1.55
- तेलंगाना - 2.16
- ओडिशा - 2.5
- आंध्रप्रदेश - 7.67
- महाराष्ट्र - 15.43
छत्तीसगढ़ से कम मरीज
- झारखंड - 0.74
- उत्तराखंड - 0.56
- हरियाणा - 1.46
- पंजाब - 1.26
- हिमाचल - 0.18
प्रदेश
में कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च को मिला था। इसके बाद 26 सितंबर को
मरीजों की संख्या एक लाख पहुंच गई थी। 26 सितंबर को गुजरे केवल 18 दिन हुए
हैं और मरीजों की संख्या इससे डेढ़ गुना हो गई है। मरीजों के बढ़ने की यह
रफ्तार दो फीसदी से ज्यादा है। हालांकि पिछले 15 दिनों में रायपुर में
मरीजों की संख्या कम हुई है, लेकिन दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़,
जांजगीर चांपा, बालोद, बस्तर व धमतरी जैसे जिलों में मरीजों की संख्या काफी
बढ़ी है। यही कारण है कि रोजाना औसतन ढाई हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे
हैं। यही नहीं, मरीजों की रफ्तार के साथ-साथ कोरोना से मरने वालों की
संख्या भी डेढ़ हजार के आसपास पहुंच गई है।
18 दिन में डेढ़ गुना केस
- पहला मरीज - 18 मार्च
- 100 - 20 मई
- 1000 - 7 जून
- 10,000 - 4 अगस्त
- 1 लाख - 26 सितंबर
- 1.5 लाख - 14 अक्टूबर
रायपुर के केवल 13% लोगों में एंटीबॉडी मिली
मरीज
मिलने की यही रफ्तार रही तो अक्टूबर में ही मरीजों की संख्या दो लाख के
पार हो सकती है। मरीजों की रफ्तार कब रुकेगी, इस मामले में एक्सपर्ट भी कुछ
नहीं कह पा रहे हैं। आशंका है कि ठंड बढ़ने के बाद रायपुर में मरीजों की
संख्या बढ़ सकती है। एक अनुमान के मुताबिक दिसंबर में रायपुर में फिर
रोजाना 500 से 600 मरीज मिल सकते हैं। कोरोना सेल से जुड़े डॉक्टरों ने यह
अनुमान लगाया है। सीरो सर्वे में भी रायपुर के केवल 13 फीसदी लोगों में
एंटीबॉडी मिली। यानी ये लोग बिना इलाज के कोरोना से ठीक हो गए थे। बाकी
लोगों में एंटीबॉडी का नहीं मिलना यह बताता है कि आने वाले दिनों में
संक्रमण थोड़ा फैल भी सकता है, हालांकि अभी कम हो रहा है।