रायपुर। नौ दिनों तक कामकाज ठप रहने के बाद सोमवार को रायपुर तहसील कार्यालय खुला। नामांतरण, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास सहित जमीन संबंधी मामलों को लेकर काफी संख्या में लोग पहुंचे। आम लोगों के साथ ही अधिवक्ताओं की भी चहल-पहल रही, लेकिन ज्यादातर लोगों का काम नहीं हुआ। कुछ लोगों को जहां सुनवाई के लिए आगे की तारीख बताई गई तो कुछ लोगों का काम इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि अधिकारी नहीं आए थे। हालांकि कुछ लोगों ने काम होने पर राहत की सांस ली। दूसरे दिन मंगलवार को भी सोमवार की तुलना में अधिक लोग तहसील दफ्तर पहुंचे।
गौरतलब है कि रायगढ़ तहसील में नायब तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच हुई मारपीट की घटना के बाद प्रदेश भर के तहसील न्यायालयों में हड़ताल शुरू हो गई थी। पांच दिन तक तो प्रशासनिक अधिकारी हड़ताल पर थे और चार दिन शासकीय अवकाश था। इस प्रकार नौ दिनों तक कामकाज ठप रहा। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सुबह 11 बजे से ही रायपुर तहसील में लंबित पड़े कामों के लिए लोगों की भीड़ आनी शुरू हो गई थी। आम लोगों के साथ ही अधिवक्ताओं की भी चहल-पहल थी। बताया जा रहा है कि अकेले रायपुर जिले के तहसील न्यायालयों में ही करीब तीन हजार से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें से अकेले रायपुर तहसील में ही 811 मामले लंबित हैं। इनमें से 190 मामले तो ऐसे हंै, जिनकी समय-सीमा भी समाप्त हो गई है।
रायपुर। नौ दिनों तक कामकाज ठप रहने के बाद सोमवार को रायपुर तहसील कार्यालय खुला। नामांतरण, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास सहित जमीन संबंधी मामलों को लेकर काफी संख्या में लोग पहुंचे। आम लोगों के साथ ही अधिवक्ताओं की भी चहल-पहल रही, लेकिन ज्यादातर लोगों का काम नहीं हुआ। कुछ लोगों को जहां सुनवाई के लिए आगे की तारीख बताई गई तो कुछ लोगों का काम इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि अधिकारी नहीं आए थे। हालांकि कुछ लोगों ने काम होने पर राहत की सांस ली। दूसरे दिन मंगलवार को भी सोमवार की तुलना में अधिक लोग तहसील दफ्तर पहुंचे।
गौरतलब है कि रायगढ़ तहसील में नायब तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच हुई मारपीट की घटना के बाद प्रदेश भर के तहसील न्यायालयों में हड़ताल शुरू हो गई थी। पांच दिन तक तो प्रशासनिक अधिकारी हड़ताल पर थे और चार दिन शासकीय अवकाश था। इस प्रकार नौ दिनों तक कामकाज ठप रहा। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सुबह 11 बजे से ही रायपुर तहसील में लंबित पड़े कामों के लिए लोगों की भीड़ आनी शुरू हो गई थी। आम लोगों के साथ ही अधिवक्ताओं की भी चहल-पहल थी। बताया जा रहा है कि अकेले रायपुर जिले के तहसील न्यायालयों में ही करीब तीन हजार से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें से अकेले रायपुर तहसील में ही 811 मामले लंबित हैं। इनमें से 190 मामले तो ऐसे हंै, जिनकी समय-सीमा भी समाप्त हो गई है।