news raipur:: इंद्रप्रस्थ फ्लैट ग्राहकों पर 35 करोड़ बकाया, आरडीए ने दिया अंतिम नोटिस:

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रायपुर । इंद्रप्रस्थ के ग्राहकों
से रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) पस्त हो गया है। आरडीए को अपने
ग्राहकों से 35 करोड़ लेना है। ये वो पैसे हैं, जिनका बकाया उपभोक्ताओं पर
शेष है। वसूली के लिए इन्हें बार-बार नोटिस दी जा रही है पर कुछेक को छोड़कर
बाकियों ने इन नोटिस का कोई उत्तर नहीं दे रहे हैं।

किस्त नहीं जमा करने पर बढ़ रहा लोड

इन
उपभोक्ताओं को इंद्रप्रस्थ में एलआईजी और ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स आवंटित किए
गए हैं पर किश्त न जमा करने के कारण इस पैसों का लोड आरडीए पर आ रहा है। 35
करोड़ का ब्याज पटाते-पटाते आरडीए की स्थिति भी खराब हो गई। बकाया वसूली के
लिए विशेष अभियान और नोटिस पे नोटिस के बाद अब ऐसे ग्राहकों के आवंटन
निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।


आरडीए को देना है 35 करोड़ का 45 करोड़ ब्याज

विभागीय सूत्रों का कहना है कि 35 करोड़ का ब्याज बढ़कर 45 करोड़ से ऊपर
पहुंच चुका था। साल भर पहले बैंक के द्वारा लाए गए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम
में ये पैसा 39 करोड़ में फाइनल हुआ। बैंक ने इन्हें पटाने के लिए आरडीए को
साल-2025 तक का समय दिया है। इसलिए भी आरडीए अब अपने ग्राहकों पर दबाव बना
रहा है।

944 एलआइजी और 896 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का निर्माण

बता
दें कि इंद्रप्रस्थ कालोनी में आरडीए ने साल-2016 में 90 करोड़ के खर्चे से
944 एलआइजी और 896 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का निर्माण किया था। स्कीम हाथों-हाथ
बिकी। सारे के सारे फ्लैट्स कुछ ही दिन में बुक हो गए। यहां ग्राहकों को
किश्तों में पैसे जमा करने थे। चार-छह किश्त जमा करने के बाद ग्राहकों ने
पैसे देने बंद कर दिए। परिणाम ये हुआ कि आरडीए पर बैंक का ब्याज चढ़ने लगा।
इसके साथ ही पैसे न मिलने पर ठेकेदारों ने भी काम धीमा कर दिया।


 


 

रायपुर । इंद्रप्रस्थ के ग्राहकों
से रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) पस्त हो गया है। आरडीए को अपने
ग्राहकों से 35 करोड़ लेना है। ये वो पैसे हैं, जिनका बकाया उपभोक्ताओं पर
शेष है। वसूली के लिए इन्हें बार-बार नोटिस दी जा रही है पर कुछेक को छोड़कर
बाकियों ने इन नोटिस का कोई उत्तर नहीं दे रहे हैं।

किस्त नहीं जमा करने पर बढ़ रहा लोड

इन
उपभोक्ताओं को इंद्रप्रस्थ में एलआईजी और ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स आवंटित किए
गए हैं पर किश्त न जमा करने के कारण इस पैसों का लोड आरडीए पर आ रहा है। 35
करोड़ का ब्याज पटाते-पटाते आरडीए की स्थिति भी खराब हो गई। बकाया वसूली के
लिए विशेष अभियान और नोटिस पे नोटिस के बाद अब ऐसे ग्राहकों के आवंटन
निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।


आरडीए को देना है 35 करोड़ का 45 करोड़ ब्याज

विभागीय सूत्रों का कहना है कि 35 करोड़ का ब्याज बढ़कर 45 करोड़ से ऊपर
पहुंच चुका था। साल भर पहले बैंक के द्वारा लाए गए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम
में ये पैसा 39 करोड़ में फाइनल हुआ। बैंक ने इन्हें पटाने के लिए आरडीए को
साल-2025 तक का समय दिया है। इसलिए भी आरडीए अब अपने ग्राहकों पर दबाव बना
रहा है।

944 एलआइजी और 896 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का निर्माण

बता
दें कि इंद्रप्रस्थ कालोनी में आरडीए ने साल-2016 में 90 करोड़ के खर्चे से
944 एलआइजी और 896 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का निर्माण किया था। स्कीम हाथों-हाथ
बिकी। सारे के सारे फ्लैट्स कुछ ही दिन में बुक हो गए। यहां ग्राहकों को
किश्तों में पैसे जमा करने थे। चार-छह किश्त जमा करने के बाद ग्राहकों ने
पैसे देने बंद कर दिए। परिणाम ये हुआ कि आरडीए पर बैंक का ब्याज चढ़ने लगा।
इसके साथ ही पैसे न मिलने पर ठेकेदारों ने भी काम धीमा कर दिया।


 


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