खुुमरी पहनकर सेल्फी ली, चॉक घुमाया, बजाई तुरही, सरस मेले में लगे स्टॉलों का अवलोकन किया
उन्होंने श्री चक्रधारी से चर्चा कर विक्रय के संबंध में जानकारी ली। श्री चक्रधारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो गई थी। ऐसे में लोगों को हाथों से बनी सामग्री को अधिक से अधिक खरीदना चाहिए जिससे कुम्हारों को भी रोजगार मिल सकेगा। इससे स्वदेशी वस्तुओं का भी प्रचार होगा और हमारे शिल्पियों को भी रोजगार मिलेगा। राज्यपाल ने रेशम के स्टॉल में कोसा से बने वस्त्रों की खूब सराहना की। ग्राम पारागांव की कारीगर श्रीमती सोनकुंवर देवांगन द्वारा बुनी जा रही चादर का अवलोकन किया। कारीगरों से चर्चा करते हुए साड़ी बनाने में आने वाली लागत और बाजार उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। हथकरघा स्टॉल में सुश्री उईके को शॉल भेंट किया गया। सरस मेला मेें संगवारी सेल्फी जोन में राज्यपाल ने खुमरी पहनकर सेल्फी ली।
खुुमरी पहनकर सेल्फी ली, चॉक घुमाया, बजाई तुरही, सरस मेले में लगे स्टॉलों का अवलोकन किया
उन्होंने श्री चक्रधारी से चर्चा कर विक्रय के संबंध में जानकारी ली। श्री चक्रधारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो गई थी। ऐसे में लोगों को हाथों से बनी सामग्री को अधिक से अधिक खरीदना चाहिए जिससे कुम्हारों को भी रोजगार मिल सकेगा। इससे स्वदेशी वस्तुओं का भी प्रचार होगा और हमारे शिल्पियों को भी रोजगार मिलेगा। राज्यपाल ने रेशम के स्टॉल में कोसा से बने वस्त्रों की खूब सराहना की। ग्राम पारागांव की कारीगर श्रीमती सोनकुंवर देवांगन द्वारा बुनी जा रही चादर का अवलोकन किया। कारीगरों से चर्चा करते हुए साड़ी बनाने में आने वाली लागत और बाजार उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। हथकरघा स्टॉल में सुश्री उईके को शॉल भेंट किया गया। सरस मेला मेें संगवारी सेल्फी जोन में राज्यपाल ने खुमरी पहनकर सेल्फी ली।