अन्य post authorJournalist खबरीलाल LAST UPDATED ON:Tuesday ,February 07,2023

भूकंप से तुर्किये की इकोनॉमी को झटका, करेंसी लीरा में रिकॉर्ड गिरावट:

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अंकारा. तुर्किये इस वक्त आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की करेंसी लीरा लगातार कमजोर हो रही है और महंगाई दर 57% के करीब है। कॉस्ट ऑफ लिविंग के बढ़ने से जनता परेशान है। वहीं तुर्किये और सीरिया में सोमवार सुबह आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने परेशानी को और ज्यादा बढ़ा दिया है। इस भूकंप से अब तक 4000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

भूकंप से करीब 8 हजार करोड़ का नुकसान
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, तुर्किये और सीरिया के कुछ हिस्सों को हिला देने वाले घातक भूकंप से करीब 1 बिलियन डॉलर (करीब 8.2 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है। रिइंश्योरेंस ब्रोकर गैलाघेर रे के चीफ साइंस ऑफिसर स्टीव बोवेन ने कहा कि जनवरी 2020 में इसी क्षेत्र में 6.7 तीव्रता के भूकंप से लगभग 600 मिलियन डॉलर (करीब 4.9 हजार करोड़ रु.) का नुकसान हुआ था।

हालांकि तुर्किये में, इंश्योरेंस पूल के जरिए जनता को कंपलसरी इंश्योरेस ऑफर किया जाता है। 2021 इंश्योरेंस रिन्यूअल के आधार पर इसकी लगभग 2.5 बिलियन के क्लेम पेमेंट की कैपेसिटी है। वहीं सीरिया की बात करें तो वहां पहले से ही सिविल वॉर के कारण हालत खराब है। खाने-पीने से लेकर कई तरह की परेशानी है। भूकंप ने परेशानी और ज्यादा बढ़ा दी है।

भूकंप के 5 इकोनॉमिक इम्पैक्ट

  • बिल्डिंग और दूसरे स्ट्रक्चर के डैमेज होने से भारी नुकसान
  • फैक्ट्रियों के प्रोडक्शन लॉस से सामान एक्सपोर्ट में देरी होगी
  • पावर सप्लाई डिसरप्शन से लाइफ लाइन सर्विस ऑपरेट करना मुश्किल
  • रेवेन्यू घटेगा और पब्लिक सेक्टर के एक्सपेंस बढ़ेंगे
  • चोट, मृत्यु, या नौकरी जाने से घरेलू आय का नुकसान

घर का किराया 19,700 से 131,000 रुपए पहुंचा
BBC ने अपनी एक रिपोर्ट में तुर्किये की एक महिला के हवाले से लिखा, 'पिछले साल मैं 4,500 लीरा (करीब 19,700 रुपए) रेंट दे रही थी, लेकिन मेरे मकान मालिक ने कहा कि उसे कीमत बढ़ानी होगी। हमने पेमेंट को दोगुना कर दिया, लेकिन फिर भी हमें फ्लैट छोड़ना पड़ा।' तुर्किये में अब रेंट पर मकान तकरीबन 30,000 लीरा (करीब 131,000 रुपए) में मिल रहा है।

स्ट्रीट पर महंगाई 600% महसूस हो रही
एक अन्य नागरिक ने कहा, 'हम अचानक गरीब हो गए हैं। स्ट्रीट पर महंगाई 600% महसूस हो रही है, लेकिन पेंशन में बढ़ोतरी केवल 30% है।' इस्तांबुल में, एक रेस्तरां मैनेजर, एर्सिन फुआट उलकु ने कहा, 'अब केवल बहुत अमीर या बहुत गरीब हैं। कोई मिडिल क्लास नहीं है। सरकारी सहायता के बाद भी महंगाई का सामना करना मुश्किल है। यहां भविष्य अंधकार में है।'





अंकारा. तुर्किये इस वक्त आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की करेंसी लीरा लगातार कमजोर हो रही है और महंगाई दर 57% के करीब है। कॉस्ट ऑफ लिविंग के बढ़ने से जनता परेशान है। वहीं तुर्किये और सीरिया में सोमवार सुबह आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने परेशानी को और ज्यादा बढ़ा दिया है। इस भूकंप से अब तक 4000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

भूकंप से करीब 8 हजार करोड़ का नुकसान
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, तुर्किये और सीरिया के कुछ हिस्सों को हिला देने वाले घातक भूकंप से करीब 1 बिलियन डॉलर (करीब 8.2 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है। रिइंश्योरेंस ब्रोकर गैलाघेर रे के चीफ साइंस ऑफिसर स्टीव बोवेन ने कहा कि जनवरी 2020 में इसी क्षेत्र में 6.7 तीव्रता के भूकंप से लगभग 600 मिलियन डॉलर (करीब 4.9 हजार करोड़ रु.) का नुकसान हुआ था।

हालांकि तुर्किये में, इंश्योरेंस पूल के जरिए जनता को कंपलसरी इंश्योरेस ऑफर किया जाता है। 2021 इंश्योरेंस रिन्यूअल के आधार पर इसकी लगभग 2.5 बिलियन के क्लेम पेमेंट की कैपेसिटी है। वहीं सीरिया की बात करें तो वहां पहले से ही सिविल वॉर के कारण हालत खराब है। खाने-पीने से लेकर कई तरह की परेशानी है। भूकंप ने परेशानी और ज्यादा बढ़ा दी है।

भूकंप के 5 इकोनॉमिक इम्पैक्ट

  • बिल्डिंग और दूसरे स्ट्रक्चर के डैमेज होने से भारी नुकसान
  • फैक्ट्रियों के प्रोडक्शन लॉस से सामान एक्सपोर्ट में देरी होगी
  • पावर सप्लाई डिसरप्शन से लाइफ लाइन सर्विस ऑपरेट करना मुश्किल
  • रेवेन्यू घटेगा और पब्लिक सेक्टर के एक्सपेंस बढ़ेंगे
  • चोट, मृत्यु, या नौकरी जाने से घरेलू आय का नुकसान

घर का किराया 19,700 से 131,000 रुपए पहुंचा
BBC ने अपनी एक रिपोर्ट में तुर्किये की एक महिला के हवाले से लिखा, 'पिछले साल मैं 4,500 लीरा (करीब 19,700 रुपए) रेंट दे रही थी, लेकिन मेरे मकान मालिक ने कहा कि उसे कीमत बढ़ानी होगी। हमने पेमेंट को दोगुना कर दिया, लेकिन फिर भी हमें फ्लैट छोड़ना पड़ा।' तुर्किये में अब रेंट पर मकान तकरीबन 30,000 लीरा (करीब 131,000 रुपए) में मिल रहा है।

स्ट्रीट पर महंगाई 600% महसूस हो रही
एक अन्य नागरिक ने कहा, 'हम अचानक गरीब हो गए हैं। स्ट्रीट पर महंगाई 600% महसूस हो रही है, लेकिन पेंशन में बढ़ोतरी केवल 30% है।' इस्तांबुल में, एक रेस्तरां मैनेजर, एर्सिन फुआट उलकु ने कहा, 'अब केवल बहुत अमीर या बहुत गरीब हैं। कोई मिडिल क्लास नहीं है। सरकारी सहायता के बाद भी महंगाई का सामना करना मुश्किल है। यहां भविष्य अंधकार में है।'




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