रायपुर । कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने समाज के पूर्व सचिव और न्यायमूर्ति स्व. जगन्नाथ प्रसाद बाजपेयी की जयंती समारोहपूर्वक आशीर्वाद भवन स्थित पं. सालिगराम शुक्ल स्मृति सभागार में मनाई। इस अवसर पर समाज के प्रमुख पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों एवं परिवारजनों ने बाजपेयी जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर स्मरण और नमन किया।
समारोह में पं. अरुण शुक्ल, पं. हरिवंश बाजपेयी, पं. जवाहर बाजपेयी, पं. राघवेंद्र मिश्र, श्रीमती निशा अवस्थी, श्रीमती साधना तिवारी सहित अन्य सदस्यों ने बाजपेयी जी की जीवनी और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बाजपेयी समाज के पुरोधा थे, जिन्होंने अपनी कुशाग्र बुद्धि और कड़ी मेहनत से समाज को नई दिशा दी।
न्यायमूर्ति जगन्नाथ प्रसाद बाजपेयी का जन्म 2 अक्टूबर 1929 को एक प्रतिष्ठित कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा रायपुर के छत्तीसगढ़ महाविद्यालय से हुई, जहां उन्होंने बी.ए., एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अपना सपना पूरा किया और शिक्षक की नौकरी करते हुए लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की। हालांकि, पिता की आज्ञा का पालन करते हुए, उन्होंने तहसीलदार पद से इस्तीफा देकर वकालत शुरू की और उच्च न्यायालय में जज बने।
समारोह में बाजपेयी जी के परिवारजनों ने उनके संस्कारों और जीवन से प्रेरित अनुभव साझा किए। बाजपेयी जी की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए आशीर्वाद हायर सेकेंडरी इंग्लिश स्कूल के एक कक्ष का नाम उनके नाम पर करने की घोषणा की गई।
कार्यक्रम का संचालन सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री ने किया, और उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर समाज के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
रायपुर । कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने समाज के पूर्व सचिव और न्यायमूर्ति स्व. जगन्नाथ प्रसाद बाजपेयी की जयंती समारोहपूर्वक आशीर्वाद भवन स्थित पं. सालिगराम शुक्ल स्मृति सभागार में मनाई। इस अवसर पर समाज के प्रमुख पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों एवं परिवारजनों ने बाजपेयी जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर स्मरण और नमन किया।
समारोह में पं. अरुण शुक्ल, पं. हरिवंश बाजपेयी, पं. जवाहर बाजपेयी, पं. राघवेंद्र मिश्र, श्रीमती निशा अवस्थी, श्रीमती साधना तिवारी सहित अन्य सदस्यों ने बाजपेयी जी की जीवनी और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बाजपेयी समाज के पुरोधा थे, जिन्होंने अपनी कुशाग्र बुद्धि और कड़ी मेहनत से समाज को नई दिशा दी।
न्यायमूर्ति जगन्नाथ प्रसाद बाजपेयी का जन्म 2 अक्टूबर 1929 को एक प्रतिष्ठित कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा रायपुर के छत्तीसगढ़ महाविद्यालय से हुई, जहां उन्होंने बी.ए., एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अपना सपना पूरा किया और शिक्षक की नौकरी करते हुए लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की। हालांकि, पिता की आज्ञा का पालन करते हुए, उन्होंने तहसीलदार पद से इस्तीफा देकर वकालत शुरू की और उच्च न्यायालय में जज बने।
समारोह में बाजपेयी जी के परिवारजनों ने उनके संस्कारों और जीवन से प्रेरित अनुभव साझा किए। बाजपेयी जी की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए आशीर्वाद हायर सेकेंडरी इंग्लिश स्कूल के एक कक्ष का नाम उनके नाम पर करने की घोषणा की गई।
कार्यक्रम का संचालन सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री ने किया, और उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर समाज के अनेक सदस्य उपस्थित थे।