वाशिंगटन । अमेरिकी चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की कोशिशों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की ओर से एक नई चेतावनी सामने आई है। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का कार्यालय, एफबीआई, और साइबर सुरक्षा और अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने बताया कि रूस और ईरान, दोनों देश इस बार के चुनाव में हस्तक्षेप के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए दोनों देश सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाकर अमेरिकी मतदाताओं के मन में संदेह और डर पैदा करने की योजना बना रहे हैं। रूस द्वारा चुनावी हस्तक्षेप का प्रमुख उद्देश्य
रूस ने अमेरिका के स्विंग स्टेट्स में मतपत्रों में हेरफेर और साइबर हमलों के आरोपों को बढ़ावा देने के लिए झूठे वीडियो और भ्रामक पोस्ट का सहारा लिया है। इन पोस्टों का मकसद विभाजन को बढ़ावा देना और चुनाव की वैधता को लेकर संदेह पैदा करना है। यह जानकारी एजेंसियों ने सोमवार को जारी की गई चेतावनी में दी। उनके मुताबिक, रूस सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी की बाढ़ लाकर चुनाव के नतीजों में दखल देने का प्रयास कर रहा है, ताकि चुनाव के प्रति मतदाताओं के विश्वास को कमजोर किया जा सके।
वाशिंगटन । अमेरिकी चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की कोशिशों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की ओर से एक नई चेतावनी सामने आई है। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का कार्यालय, एफबीआई, और साइबर सुरक्षा और अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (CISA) ने बताया कि रूस और ईरान, दोनों देश इस बार के चुनाव में हस्तक्षेप के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए दोनों देश सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाकर अमेरिकी मतदाताओं के मन में संदेह और डर पैदा करने की योजना बना रहे हैं। रूस द्वारा चुनावी हस्तक्षेप का प्रमुख उद्देश्य
रूस ने अमेरिका के स्विंग स्टेट्स में मतपत्रों में हेरफेर और साइबर हमलों के आरोपों को बढ़ावा देने के लिए झूठे वीडियो और भ्रामक पोस्ट का सहारा लिया है। इन पोस्टों का मकसद विभाजन को बढ़ावा देना और चुनाव की वैधता को लेकर संदेह पैदा करना है। यह जानकारी एजेंसियों ने सोमवार को जारी की गई चेतावनी में दी। उनके मुताबिक, रूस सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी की बाढ़ लाकर चुनाव के नतीजों में दखल देने का प्रयास कर रहा है, ताकि चुनाव के प्रति मतदाताओं के विश्वास को कमजोर किया जा सके।