रायपुर । कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, और पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू ने सरकार को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
भूपेश बघेल ने सरकार से पूछे पांच सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लोहारीडीह में हुई घटना को लेकर कई अनसुलझे सवाल हैं। उन्होंने सरकार से इन सवालों का जवाब मांगा:
कचरू साहू की संदिग्ध मौत: पुलिस का कहना है कि शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू ने आत्महत्या की, जबकि ग्रामीण इसे हत्या का मामला मानते हैं। बिना परिजनों को बुलाए जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बघेल ने पूछा कि सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
गिरफ्तारी में अनियमितता: 15 सितंबर 2024 को ग्रामीणों द्वारा एक मकान जलाने की घटना के बाद 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से कई उस समय गांव में मौजूद भी नहीं थे। बघेल ने पूछा कि बिना जांच के इन लोगों को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया?
गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची: गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 69 थी, जबकि मामला 169 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया। बघेल ने पूछा कि मामले की पूरी सूची और धाराएं अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं की गईं?
दंडाधिकारी जांच के बिंदु: सरकार ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं। बघेल ने सवाल किया कि जांच के बिंदु क्या हैं और क्या इसमें हिरासत में हुई प्रशांत साहू की मौत की भी जांच शामिल है?
पुलिस की बर्बरता: गिरफ्तार लोगों पर पुलिस ने कथित रूप से अत्याचार किया, जिसके कारण प्रशांत साहू की मौत हो गई। बघेल ने पूछा कि इस मौत के लिए कितने पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है और क्या यह हत्या का मामला है?
दीपक बैज ने की न्यायिक जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "गृहमंत्री ग्रामीणों और गिरफ्तार व्यक्तियों के रिश्तेदारों को धमका रहे हैं। हम हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हैं और प्रशांत साहू के हत्यारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।"
धनेन्द्र साहू का आरोप: सरकार घटना को दबाने में लगी
पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू ने कहा कि लोहारीडीह की घटना के बाद से पूरे गांव में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि सरकार निर्दोष लोगों पर कार्रवाई कर रही है और पुलिस द्वारा इस मामले को आत्महत्या का मामला बनाना गलत है। उन्होंने मांग की कि कलेक्टर और एसपी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए।
कांग्रेस नेताओं का विरोध और न्याय यात्रा
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी समेत अन्य नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की और सरकार की आलोचना की। कांग्रेस ने इस मामले में न्याय के लिए न्याय यात्रा निकाली, जिसके माध्यम से वे सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
लोहारीडीह कांड छत्तीसगढ़ की राजनीति का प्रमुख मुद्दा बन गया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेस नेता सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने न्यायिक जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है, जबकि सरकार की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं।
रायपुर । कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, और पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू ने सरकार को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
भूपेश बघेल ने सरकार से पूछे पांच सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लोहारीडीह में हुई घटना को लेकर कई अनसुलझे सवाल हैं। उन्होंने सरकार से इन सवालों का जवाब मांगा:
कचरू साहू की संदिग्ध मौत: पुलिस का कहना है कि शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू ने आत्महत्या की, जबकि ग्रामीण इसे हत्या का मामला मानते हैं। बिना परिजनों को बुलाए जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बघेल ने पूछा कि सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
गिरफ्तारी में अनियमितता: 15 सितंबर 2024 को ग्रामीणों द्वारा एक मकान जलाने की घटना के बाद 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से कई उस समय गांव में मौजूद भी नहीं थे। बघेल ने पूछा कि बिना जांच के इन लोगों को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया?
गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची: गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 69 थी, जबकि मामला 169 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया। बघेल ने पूछा कि मामले की पूरी सूची और धाराएं अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं की गईं?
दंडाधिकारी जांच के बिंदु: सरकार ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं। बघेल ने सवाल किया कि जांच के बिंदु क्या हैं और क्या इसमें हिरासत में हुई प्रशांत साहू की मौत की भी जांच शामिल है?
पुलिस की बर्बरता: गिरफ्तार लोगों पर पुलिस ने कथित रूप से अत्याचार किया, जिसके कारण प्रशांत साहू की मौत हो गई। बघेल ने पूछा कि इस मौत के लिए कितने पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है और क्या यह हत्या का मामला है?
दीपक बैज ने की न्यायिक जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "गृहमंत्री ग्रामीणों और गिरफ्तार व्यक्तियों के रिश्तेदारों को धमका रहे हैं। हम हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हैं और प्रशांत साहू के हत्यारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।"
धनेन्द्र साहू का आरोप: सरकार घटना को दबाने में लगी
पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू ने कहा कि लोहारीडीह की घटना के बाद से पूरे गांव में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि सरकार निर्दोष लोगों पर कार्रवाई कर रही है और पुलिस द्वारा इस मामले को आत्महत्या का मामला बनाना गलत है। उन्होंने मांग की कि कलेक्टर और एसपी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए।
कांग्रेस नेताओं का विरोध और न्याय यात्रा
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी समेत अन्य नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की और सरकार की आलोचना की। कांग्रेस ने इस मामले में न्याय के लिए न्याय यात्रा निकाली, जिसके माध्यम से वे सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
लोहारीडीह कांड छत्तीसगढ़ की राजनीति का प्रमुख मुद्दा बन गया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेस नेता सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने न्यायिक जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है, जबकि सरकार की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं।