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गजानन अग्रवाल शासकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय में हुआ नशामुक्त अभियान के तहत संगोष्ठी :

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बलौदाबाजार । कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश में जिले के युवाओं को नशा से बचाने हेतु नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत नई दिशा कार्यक्रम के माध्यम से लगातार जागरूकता शिविर का आयोजन किए जा रहे है। इसी तारतम्य में भाटापारा  स्थित गजानन अग्रवाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 221 छात्र -छात्राओं ने भाग लिया।

शिविर में समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक अरविंद गेडाम ने बताया कि नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीडित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। सरकार इन पीड़ित को नशे के चुंगल से छुडाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है,शराब और गुटखें पर रोक लगानें के प्रयास करती है। नशा एक अभिशाप है। यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब गांजा, भांग, अफिम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और घुमपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है।

नशे से छुटकारें हेतु नशा मुक्ति केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है जिसमें रहने की व्यवस्था, दवाईयों की व्यवस्था, उचित मनोचिकित्सकों की व्यवस्था भी की गई है एवं नशामुक्ति केन्द्र में प्रतिदिन योगाभ्यास, पूजा पाठ एवं सामाजिक कार्यक्रम कराया जाता है। राज्य़ शासन के निर्देशानुसार जीवन जीने की कला जिसे अंग्रेजी में आर्ट ऑफ लिविंग कहा जाता है इसके संबध में भी जानकारी बच्चों को दी गई जिससे वह अपना जीवन सहजता एवं सरलता से यापन कर सके एवं जीवन की कठनाईयों का सामना कर सकें।

इस अवसर पर उपसंचालक समाज कल्याण अरविन्द गेडाम, मनोचिकित्सक सामाजिक कार्यकर्ता रोशन लाल सहित समाज कल्याण विभाग  के अधिकारी-कर्मचारी महाविद्यालय विद्यालय के प्राचार्य एवं प्राध्यापक उपस्थित रहे।


बलौदाबाजार । कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश में जिले के युवाओं को नशा से बचाने हेतु नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत नई दिशा कार्यक्रम के माध्यम से लगातार जागरूकता शिविर का आयोजन किए जा रहे है। इसी तारतम्य में भाटापारा  स्थित गजानन अग्रवाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 221 छात्र -छात्राओं ने भाग लिया।

शिविर में समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक अरविंद गेडाम ने बताया कि नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीडित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। सरकार इन पीड़ित को नशे के चुंगल से छुडाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है,शराब और गुटखें पर रोक लगानें के प्रयास करती है। नशा एक अभिशाप है। यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब गांजा, भांग, अफिम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और घुमपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है।

नशे से छुटकारें हेतु नशा मुक्ति केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है जिसमें रहने की व्यवस्था, दवाईयों की व्यवस्था, उचित मनोचिकित्सकों की व्यवस्था भी की गई है एवं नशामुक्ति केन्द्र में प्रतिदिन योगाभ्यास, पूजा पाठ एवं सामाजिक कार्यक्रम कराया जाता है। राज्य़ शासन के निर्देशानुसार जीवन जीने की कला जिसे अंग्रेजी में आर्ट ऑफ लिविंग कहा जाता है इसके संबध में भी जानकारी बच्चों को दी गई जिससे वह अपना जीवन सहजता एवं सरलता से यापन कर सके एवं जीवन की कठनाईयों का सामना कर सकें।

इस अवसर पर उपसंचालक समाज कल्याण अरविन्द गेडाम, मनोचिकित्सक सामाजिक कार्यकर्ता रोशन लाल सहित समाज कल्याण विभाग  के अधिकारी-कर्मचारी महाविद्यालय विद्यालय के प्राचार्य एवं प्राध्यापक उपस्थित रहे।


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