चंडीगढ़ । शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में बैठक हुई। यह बैठक बेनतीजा रही और किसान हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए राजी नहीं हुए। बैठक की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह ने की। बैठक में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल नहीं पहुंचे थे। किसानों ने अपनी 12 मांगें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने रखी। किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तक तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि आने वाले पार्लियामेंट के सेशन से मैं भूख हड़ताल शुरू करूंगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवण सिंह पंधेर ने कमेटी का न्योता ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि हरियाणा सरकार ने रोका हुआ है। बता दें कि फसलों पर एमएसपी की गारंटी को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से हड़ताल पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। किसानों ने पंजाब की तरफ बॉर्डर पर स्थायी मोर्चा बना लिया है। वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी।
चंडीगढ़ । शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में बैठक हुई। यह बैठक बेनतीजा रही और किसान हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए राजी नहीं हुए। बैठक की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह ने की। बैठक में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल नहीं पहुंचे थे। किसानों ने अपनी 12 मांगें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने रखी। किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तक तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि आने वाले पार्लियामेंट के सेशन से मैं भूख हड़ताल शुरू करूंगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवण सिंह पंधेर ने कमेटी का न्योता ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि हरियाणा सरकार ने रोका हुआ है। बता दें कि फसलों पर एमएसपी की गारंटी को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से हड़ताल पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। किसानों ने पंजाब की तरफ बॉर्डर पर स्थायी मोर्चा बना लिया है। वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी।