बिलासपुर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें देर शाम केंद्रीय कारागार से आजीवन कारावास की सजा काट रहा एक निरुद्ध बंदी मौका पा कर फ़रार हो गया। जिससे जेल प्रशासन के हाँथ पांव फूल गए है। बताया जा रहा है कि बंदी की ड्यूटी गौशाला में लगाई गई थी। जहाँ से बंदी फरार हो गया, जिसकी भनक तक किसी को नही लगी।
वही इस मामले की रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई है । फ़रार बंदी की पहचान सत्यम दास महंत के रुप में की गई है । जेल प्रबंधन ने शाम क़रीब आठ बजे इसकी सूचना थाने में दी है । सत्यम दास महंत को धारा 363,364,366 और पाक्सो के तहत न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी थी । फ़रार कैदी सत्यम दास महंत 2014 से जेल में निरुद्ध है। छाल रायगढ़ निवासी सत्यम दास महंत को 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।जिसके बाद वह आजीवन कारावास की सजा जेल में काट रहा था।
बिलासपुर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें देर शाम केंद्रीय कारागार से आजीवन कारावास की सजा काट रहा एक निरुद्ध बंदी मौका पा कर फ़रार हो गया। जिससे जेल प्रशासन के हाँथ पांव फूल गए है। बताया जा रहा है कि बंदी की ड्यूटी गौशाला में लगाई गई थी। जहाँ से बंदी फरार हो गया, जिसकी भनक तक किसी को नही लगी।
वही इस मामले की रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई है । फ़रार बंदी की पहचान सत्यम दास महंत के रुप में की गई है । जेल प्रबंधन ने शाम क़रीब आठ बजे इसकी सूचना थाने में दी है । सत्यम दास महंत को धारा 363,364,366 और पाक्सो के तहत न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी थी । फ़रार कैदी सत्यम दास महंत 2014 से जेल में निरुद्ध है। छाल रायगढ़ निवासी सत्यम दास महंत को 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।जिसके बाद वह आजीवन कारावास की सजा जेल में काट रहा था।