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news Bilaspur:: 165 मनोरोगियों को अपने घर जाने की ’उम्मीद’जगी न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने लिया संज्ञान:

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बिलासपुर/छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अभियान 'उम्मीद' का संचालन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत बिलासपुर स्थित राज्य मानसिक चिकित्सालय तथा हाॅफ वे होम में इलाज़ के बाद  स्वस्थ हो चुके मनोरोगियों को उनके घर-परिवार तक पहुंचाया जाना है। इसमें कई रोगी छत्तीसगढ़ के तथा कई अन्य राज्यों के रहवासी भी हैं।फिलहाल ऐसे 165 स्वस्थ हुए लोगों की पहचान की गई है।
           छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष  न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी के निर्देशानुसार सदस्य सचिव महोदय श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, अवर सचिव श्री द्विजेन्द्र नाथ ठाकुर और विधिक सहायता अधिकारी श्री शशांक शेखर दुबे के द्वारा हाॅफ वे होम का निरीक्षण किया गया तथा वहां रह रहे मानसिक रोगियों के संबंध जानकारी प्राप्त की गई। जिसमें 92 महिला तथा 45 पुरुष होना पाया गया। अनेक मरीजों को स्वस्थ होने के पश्चात उनके परिवार वाले वापस घर ले जाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं तथा कुछ मनोरोगी ऐसे हैं जिनके पते की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। हाॅफ वे होम को निर्देशित किया गया कि ऐसे रोगियों की सूची उपलब्ध कराया जाये जिन्हें उनके परिवार वाले नहीं ले जा रहे हैं या जिनके पते की पुष्टि नहीं हुई है। हाॅफ वे होम द्वारा 8 मनोरोगी छ.ग. के तथा 20 मनोरोगी अन्य राज्यों की सूची प्रेषित किए हैं जिन्हें उनके परिवार वाले नहीं ले जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण अन्य राज्यों तथा प्रदेश  के जिलों में विधिक सेवा प्राधिकरणों से उन मरीजोेें के पते की पुष्टि एवं उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें वापस भिजवाने का व्यवस्था करेगा। इसी प्रकार राज्य मानसिक चिकित्सालय से भी इस संबंध में 28 मनोरोगियों की सूची प्राप्त हुई है। उन्हें भी उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना है। निरीक्षण के दौरान मनोरोगियों से भी चर्चा की गई एवं उनके परिवार के बारे मेें जानकारी प्राप्त की गई। इस प्रकार राज्य मानसिक चिकित्सालय तथा हाॅफ वे होम में रह रहे 165 लोगों में से लगभग 109 लोग ऐसे हैं जो लावारिस हैं या जिनके कोई नहीं हैं।


मनोरोगी हेमा बघेल को घर पहुंचाया गया
             राजनांदगांव निवासी हेमा बघेल को 6 माह पूर्व राज्य मानसिक चिकित्सालय में राजनांदगांव से भेजकर भर्ती कराया गया था। लगभग एक माह पूर्व वह स्वस्थ हो गई थी, मानसिक चिकित्सालय द्वारा उसकी मां को उसके स्वस्थ होने की सूचना दी गई परंतु वह उसे ले जाने में रूचि नहीं दिखा रही थी। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के जानकारी में आने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव को निर्देषित कर उसकी मां को समझाइष देने को कहा गया तथा उसकी मां के सहमत होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वाहन की व्यवस्था कर उसकी मां को राज्य मानसिक चिकित्सालय भेजा गया जहां मनोरोगी हेमा को उसकी मां के सुपुर्द कर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया गया।
           धमतरी निवासी देवेन्द्र हर्जानी को उम्मीद है कि उसका भाई महेश हर्जानी उसे लेने आयेगा किन्तु उसका भाई सूचना मिलने के बाद अभी तक नहीं आया है, केवल आने भरोसा ही दिया है। कवर्धा निवासी उमेश यादव विगत दिनों राज्य मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था जो अब स्वस्थ हो चुका है, उमेश यादव का कहना है कि उसे मां की याद आ रही है और उसकी चिंता हो रही है जो दूसरों के घरों में जाकर काम करती है। वह वापस अपने घर जाकर मजदूरी करते हुए अपनी मां को सुखी रखेगा।




बिलासपुर/छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अभियान 'उम्मीद' का संचालन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत बिलासपुर स्थित राज्य मानसिक चिकित्सालय तथा हाॅफ वे होम में इलाज़ के बाद  स्वस्थ हो चुके मनोरोगियों को उनके घर-परिवार तक पहुंचाया जाना है। इसमें कई रोगी छत्तीसगढ़ के तथा कई अन्य राज्यों के रहवासी भी हैं।फिलहाल ऐसे 165 स्वस्थ हुए लोगों की पहचान की गई है।
           छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष  न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी के निर्देशानुसार सदस्य सचिव महोदय श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, अवर सचिव श्री द्विजेन्द्र नाथ ठाकुर और विधिक सहायता अधिकारी श्री शशांक शेखर दुबे के द्वारा हाॅफ वे होम का निरीक्षण किया गया तथा वहां रह रहे मानसिक रोगियों के संबंध जानकारी प्राप्त की गई। जिसमें 92 महिला तथा 45 पुरुष होना पाया गया। अनेक मरीजों को स्वस्थ होने के पश्चात उनके परिवार वाले वापस घर ले जाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं तथा कुछ मनोरोगी ऐसे हैं जिनके पते की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। हाॅफ वे होम को निर्देशित किया गया कि ऐसे रोगियों की सूची उपलब्ध कराया जाये जिन्हें उनके परिवार वाले नहीं ले जा रहे हैं या जिनके पते की पुष्टि नहीं हुई है। हाॅफ वे होम द्वारा 8 मनोरोगी छ.ग. के तथा 20 मनोरोगी अन्य राज्यों की सूची प्रेषित किए हैं जिन्हें उनके परिवार वाले नहीं ले जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण अन्य राज्यों तथा प्रदेश  के जिलों में विधिक सेवा प्राधिकरणों से उन मरीजोेें के पते की पुष्टि एवं उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें वापस भिजवाने का व्यवस्था करेगा। इसी प्रकार राज्य मानसिक चिकित्सालय से भी इस संबंध में 28 मनोरोगियों की सूची प्राप्त हुई है। उन्हें भी उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना है। निरीक्षण के दौरान मनोरोगियों से भी चर्चा की गई एवं उनके परिवार के बारे मेें जानकारी प्राप्त की गई। इस प्रकार राज्य मानसिक चिकित्सालय तथा हाॅफ वे होम में रह रहे 165 लोगों में से लगभग 109 लोग ऐसे हैं जो लावारिस हैं या जिनके कोई नहीं हैं।


मनोरोगी हेमा बघेल को घर पहुंचाया गया
             राजनांदगांव निवासी हेमा बघेल को 6 माह पूर्व राज्य मानसिक चिकित्सालय में राजनांदगांव से भेजकर भर्ती कराया गया था। लगभग एक माह पूर्व वह स्वस्थ हो गई थी, मानसिक चिकित्सालय द्वारा उसकी मां को उसके स्वस्थ होने की सूचना दी गई परंतु वह उसे ले जाने में रूचि नहीं दिखा रही थी। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के जानकारी में आने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव को निर्देषित कर उसकी मां को समझाइष देने को कहा गया तथा उसकी मां के सहमत होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वाहन की व्यवस्था कर उसकी मां को राज्य मानसिक चिकित्सालय भेजा गया जहां मनोरोगी हेमा को उसकी मां के सुपुर्द कर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया गया।
           धमतरी निवासी देवेन्द्र हर्जानी को उम्मीद है कि उसका भाई महेश हर्जानी उसे लेने आयेगा किन्तु उसका भाई सूचना मिलने के बाद अभी तक नहीं आया है, केवल आने भरोसा ही दिया है। कवर्धा निवासी उमेश यादव विगत दिनों राज्य मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था जो अब स्वस्थ हो चुका है, उमेश यादव का कहना है कि उसे मां की याद आ रही है और उसकी चिंता हो रही है जो दूसरों के घरों में जाकर काम करती है। वह वापस अपने घर जाकर मजदूरी करते हुए अपनी मां को सुखी रखेगा।



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